उसने हाल ही में इसे बड़ा मुद्दा बना दिया जब उसने फेसबुक पर मेरे कुछ ऑफिस के दोस्तों के साथ एक पार्टी की तसवीरें फेसबुक पर देखींI अब वो मेरा फोन, ईमेल और चैट हिस्ट्री देखना चाहता हैI उसने मुझसे कभी नहीं कहा कि उसे मुझपर भरोसा नहीं है, लेकिन वो हमेशा कहता है कि उसे मेरे दोस्तों पर विश्वास नहीं है और उसमे कोई गलत बात नहीं हैI लेकिन इस सब के चलते हमारी अक्सर बहस होती रहती है और मुझे हमेशा किसी न किसी बारे में सफाई देनी पड़ती रहती हैI आखिर ये सब क्या है आंटीजी? मीनाक्षी (24), मैसूर
आंटीजी कहती हैं...बेटे मुझे समझ नहीं आ रहा कि मदद कि ज़रूरत तुझे है या तेरे बॉयफ्रेंड को? खैर..देखते हैं...
तो मीनाक्षी, तुझे ये ग़लतफ़हमी कैसे है कि तुम दोनों का रिश्ता 'बेहद खुशनुमा' हैं? इस रिश्ते में 'खुशनुमा' क्या है? ज़रा बताओगी मुझे? अगर तुम्हारा बॉयफ्रेंड तुम्हारे ऑफिस कि पार्टी कि फोटो को लेकर मुद्दा बनता है और तुम्हारा फोन और ईमेल चेक करना चाहता है तो क्या ये 'खुशनुमा; रिश्ते के संकेत हैं?
'चालू चीज़'
मेरे ख्याल से तुम दोनों को एक दुसरे का साथ अच्छा लगता है- तुम्हारी पसंद शायद एक जैसी हैंI तुम दोनों एक साथ वक़्त गुज़ारना पसंद करते होI मुझे विश्वास है कि उसमे कुछ खूबियां ज़रूर हैं, जैसा कि तूने कहा कि उसकी बोली बहुत मीठी और सरल हैI लेकिन अगर सरलता और प्यार से किसी गलत चीज़ को बार-बार दोहराया जाये तो क्या तुम उसे सही मानोगी? मेरे ख्याल से तो ये 'चालाकी' का संकेत ज़्यादा है!
मुझे लगता है उसने तेरा दिन ये कहकर जीत रखा है कि उसे तुझपर तो भरोसा है लेकिन दूसरों पर नहींI आखिर ये दूसरे हैं कौन? तेरे दोस्त, साथी? सहकर्मी और बॉस? क्या उन्होंने कभी तुझे उनपर भरोसा न करने कि कोई वजह दी है? क्या किसी ने तुझपर डोरे डालने का प्रयास किया है? कोई अश्लील बात कही है? किसी ने भी?
तू रोज़ इन लोगों के साथ रोज़ 8 घंटे बिताती है, है ना? और तेरा हीरो, वो इन्हे कब से पहचानने लगा? क्या वो इन से गिनती के 8 बार भी मिला है? जब वो उन्हें जनता ही नहीं तो भरोसा न करने का फैसला कैसे ले बैठा? क्या वो जासूस करमचंद है!
प्यार और बराबरी?
और तू मैडमजी? खुशनुमा रिश्ता? सचमुच मीनाक्षी? तू मज़ाक कर रही है न? तेरी इतनी से बात सुनकर मुझे पता चल गया कि ये लड़का कैसे तेरी ज़िन्दगी को रिमोट कंट्रोल से चला रहा है, और तुझे सिर्फ ये दिखाई दिया कि वो मीठा बोलता है? क्या तुझे तेरा हर बार अपने दोस्तों से बात करने और उनके साथ समय बिताने के लिए किसी को स्पष्टीकरण देना सही लगता है? और जब तू उसे सफाई दे चुकी हो और तेरी 'सुरक्षा' के मद्देनज़र वो फिर से अपनी यही कहानियां उन् ऑफिस के 'भेड़ियों' से तुझे बचने के लिए फिर दोहराने लगे तो क्या ये सही है?
इस सब के बीच तुम दोनों को 'अच्छा' वक़्त गुजरने का समय कब मिलता है बेटा? क्या यही तेरी प्यार और समानता कि परिभाषा है मीनाक्षी? ये सब बर्दाश्त करना बेवकूफी है मेरी बच्ची!
तकलीफ कि गारंटी
सुनो बिटियरानी, तेरे दिमाग में जो चल रहा है, उसे लेकर 4 पेज का निबंध लिख सकती हूँI लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हैI अगर तू इंटरनेट पर 'क्या मेरा रिलेशनशिप स्वस्थ है' खोजेगी कि तो कुछ ऑनलाइन टेस्ट होते हैं, जिनके स्कोर के आधार पर तू समझ जाएगी कि ऐसे रिश्ते स्वस्थ नहीं होतेI
कुड़िये! उन् बातों का क्या कि तेरा बॉयफ्रेंड कहे कि वाह भाई! बहुत ख़ुशी कि बात है कि मेरी बेबी डॉल अपने दोस्तों के साथ अच्छा समय गुज़र के आई है, या फिर तेरे उन् दोस्तों से घुलने मिलने कि कोशिश करे और तेरे साथ उनके प्लान का हिस्सा बने ? कभी ऐसा कुछ कहा है उसने तुझसे?
सोच बेटा और मुझे बता, क्या तू इस लायक है कि कोई तेरी लगातार पहरेदारी करे? तूने ऐसा कोई गुनाह किया है क्या? बेटे, ताकत और नियंत्रण किसी स्वस्थ रिश्ते का हिस्सा नहीं बन सकतेI सच ये है कि तेरा इस तरह का रिश्ता दर्द और तकलीफ का निवेश है और ये एक दिन तुझे समझ आ जायेगा, अगर तूने इस बारे में तुरंत फैसला नहीं लिया तो!
बदलाव का समय
मीनाक्षी, जलन, द्वेष और ज़रूरत से ज़्यादा हक़ जाताना स्वस्थ रिश्ते कि पहचान नहीं हैI ये सिर्फ एक इंसान का दूसरे इंसान पर अनावश्यक अधिकार जताने के संकेत हैंI तू बच्चे लोग अक्सर इन् भावों को गहरा प्यार समझ बैठते हो और इसमें फंस कर एक दिन खुद को घुटन में पाते होI
गहरी सांस ले मेरी बच्ची, तुझे सचमुच अपना दिमाग बदलने कि ज़रूरत हैI तुझे अपने इस राजा बाबू को बिठाकर सम्जहना पड़ेगा कि बाबू ऐसे काम नहीं चलेगाI अगर तू चाहे तो उसे बदलने का मौका ज़रूर दे, बाकि तेरे रिश्ते का फैसला तुझे खुद लेना है, इससे ज़्यादा और मैं क्या कहूँ बिटिया?
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