Technoference couple
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क्या उसके स्मार्टफ़ोन से पड़ रही है रिश्ते में दरार?

द्वारा Sarah Moses जुलाई 3, 08:07 बजे
क्या आपके बॉयफ्रेंड के स्मार्टफ़ोन ने छीन लिया है आपके दिल का चैन? हाल ही में की गयी एक रिसर्च ने बताया कि कैसे मशीनी उपकरणों ने रिश्तों में से रोमांस खत्म कर दिया हैI

आप अपने बॉयफ्रेंड के साथ बाहर खाने के लिए निकले हैंI आपके लिए आज का दिन एक बेहद व्यस्त दिन था और आप उसे ढेर सारी बातें बताना चाहते हैं, लेकिन कैसे? वो आपकी हर बात सुन तो रहा है लेकिन उसका पूरा ध्यान तो मेज़ के बीचों-बीच रखे उसके फ़ोन पर है जो बार-बार बज उठता हैI कभी व्हाट्सप्प पर मैसेज आ रहा है तो कभी ट्विटर की कोई अधिसूचनाI अगर कुछ नहीं भी हो रहा है तो भी वो बार-बार उसे उठा कर देखता है कि कहीं कुछ आया तो नहींI और यह सिर्फ़ आज ही की बात नहीं है, जब से नया फ़ोन आया है यह उससे ऐसे चिपक गया है जैसे इसमें उसकी जान बसी हैI शुरू-शुरू में तो आपने इस बात पर उसकी बड़ी टांग खींची लेकिन अब लगता है जैसे पानी सर से ऊपर निकल गया हैI

टेक्नोफेरेंस

स्मार्टफ़ोन जैसी मशीनों से होने वाली रुकावटों के लिए शोधकर्ताओं ने एक नया शब्द भी खोज निकाला है: टेक्नोफेरेंसI और जिसने भी इसे झेला है वो बता सकता है कि यह कितनी दुखदायक बीमारी हैI कुछ अमरीकी शोधकर्ताओं ने यह ढूँढ़ने की कोशिश की, कि क्या इन चीज़ों के रोज़मर्रा इस्तेमाल से आपकी सेहत या रिश्ते पर कोई बुरा असर पड़ता है?

शोधकर्ताओं ने ऐसी 150 महिलाओं को सर्वे के लिए बुलाया जो या तो शादीशुदा थी या अपने बॉयफ्रेंड के साथ रह रही थीI इस ऑनलाइन सर्वे में रिश्तों में टेक्नोफेरेंस की परेशानियों से जुड़े कुछ सवाल थेI शोधकर्ताओं ने  महिलाओं से पुछा कि क्या उनके साथी खाना, खाने के दौरान अक्सर अपने फ़ोन पर रहते हैं या आमने-सामने बातचेीत में भी इ मेल करते रहते हैं? महिलाओं ने यह भी बताया कि क्या इस बात को लेकर उनकी अपने साथी से लड़ाई होती है? और यह भी कि उनका रिश्ता और निजी ज़िन्दगी कैसी चल रही हैI

'तकनीकी' अनबन

70 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि उनके रिश्ते में "तकनीकी" दिक्कतें हैं या हो चुकी हैंI टेक्नोफेरेंस का असली पता तब चलता है जब पुरुष तब अपने फ़ोन में घुस जाते हैं जब वो अपने साथी के साथ घूमने निकले हैं या वो लोग साथ में चैन के कुछ पल बिता रहे होते हैंI 60 प्रतिशत से ज़्यादा महिलाओं ने बताया कि जब वो अपने साथी के साथ समय बिता रहे होते हैं तो भी उनके साथी अपने फ़ोन पर चिपके होते हैंI टेक्नोफेरेंस के कुछ और प्रकार भी हैं जैसे पुरुषों का बातचीत या खाने के दौरान अपने फ़ोन पर व्यस्त रहनाI

शोधकर्ताओं ने जाना कि एक रिश्ते में जितनी ज़्यादा टेक्नोफेरेंस मिली उसमे उतनी ही ज़्यादा लड़ाईयां होती थीI इससे ना सिर्फ़ रिश्तों पर बुरा असर पड़ रहा था बल्कि इसके कुछ दूरगामी दुष्प्रभाव भी हो रहे थे जैसे अपने जीवन को लेकर निराशा और असन्तुष्टता का एहसासI

कुछ सीमाएं ज़रूरी

आप सोच रहे होंगे कि इ मेल भेजना या फेसबुक पर पोस्ट करना किसी रिश्ते के लिए हानिकारक कैसे हो सकता है? आखिर 5-7 मिनट फ़ोन पर रहने से क्या फ़र्क़ पड़ेगा? शोधकर्ताओं का कहना है कि एक बेहतर रिश्ते के लिए ज़रूरी है कि आप अपने साथी के साथ अच्छा समय बिताएं जिसमें किसी भी किस्म का हस्तक्षेप ना होI

शोधकर्ताओं ने बताया कि परेशानी फ़ोन पर समय बिताना नहीं है, परेशानी का कारण है कि इससे आपका साथी क्या सोच रहा है? जब आप अपने साथी के साथ होते हुए भी अपने फ़ोन पर व्यस्त होते हैं तो उन्हें लगता है कि शायद आप उनके लिए प्राथमिकता नहीं हैं और यह सन्देश कभी भी आपके साथी को आश्वस्त नहीं रहने देगाI

अगर आपके लिए यह सब जाना पहचाना है तो आपको क्या करना चाहिए? शोधकर्ता इस बात को भी समझते हैं कि स्मार्टफ़ोन जैसे अन्य उपकरण आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गए हैं और इन पर पूरी तरह पाबंदी लगाना असम्भव हैI बेहतर होगा कि आप दोनों इस बारे में बात करें कि क्या उचित है और क्या अनुचित? उदाहरण के तौर पर खाने के समय फ़ोन को शांत मोड पर रखना अच्छा विचार हो सकता हैI लेकिन अगर कुछ लोग एक दूसरे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए पूरी तरह फोनों से दूर रहना चाहते हैं तो इससे अच्छा तो कुछ हो ही नहीं सकताI

स्त्रोत : “टेक्नोफेरेंस ”: द इंटरफेरेंस ऑफ़ टेक्नोलॉजी इन कपल रिलेशनशिप्स एंड इम्प्लीकेशन्स फॉर वूमेन’स पर्सनल एंड रिलेशनल वेल-बींग. (2016)I साइकोलॉजी ऑफ़ पॉपुलर मीडिया कल्चरI 5(1):85-98

क्या टेक्नोफेरेंस से आपका रिश्ता बर्बाद हो रहा है? परेशानी बांटने से उसका हल निकल सकता हैI हमारे फोरम जस्ट पूछो पर इस बारे में चर्चा करेंI

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

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