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आप कैसे जानेंगे की आपने सही साथी चुना है या गलत?

Submitted by Sarah Moses on शनि, 06/14/2014 - 10:58 पूर्वान्ह
स्वस्थ रिश्ता वही है जिसे चलने में संघर्ष न करना पड़ेI यदि साथ निभाने के लिए कुछ ज़्यादा ही प्रयास करने पद रहे हों, तो कई बार अलविदा कह देना ही बेहतर हैI लेकिन अगर आपके बीच कुछ जुड़ाव है, तो रिश्ते को सफल रूप से चलने के लिए सभी प्रयास करने चाहिएI

कुछ लोग कहते हैं की उन्हें पहले ही पल से महसूस हुआ की उन्होंने जिसे अपना साथी चुना है, वही उनके लिए उपयुक्त थाI लेकिन आप और हम जैसे बहुत से लोगों के लिए राह इतनी आसान नहीं हो पाती, खुशहाल ज़िन्दगी के लिए मेहनत करनी पड़ती हैI

हो सकता है की हमारे बीच बेपनाह प्यार हो लेकिन अपने साथी के सामने हम असल में हम नहीं हो पातेI ऊपर से देखने पर शायद सब सामान्य दिखता हैI शायद जीवन में हमारे लक्ष्य, हमारी पसंद मिलती जुलती है और हम एक जैसी पृष्ठभूमि से आते हैं, लेकिन जब बात एक दूसरे के लिए दीवानगी की आती है, तो कहानी कुछ और ही हैं क्यूंकि शायद वो दीवानगी कहीं है ही नहींI

आप ये कैसे जाना सकते हैं कि जिस रिश्ते के लिए आप अपना सब कुछ न्यौछावर करने को आतुर हैं, क्या वो इसके काबिल है या नहीं? लव मैटर्स ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के मानव संबंधों के विशेषज्ञ डॉ पैपर श्वार्टज़ से इस बारे में पूछाI विख्यात प्रोफेसर ने हमें अपने द्वारा कि गयी रिसर्च पर आधारित कुछ टिप्स बताये जिनसे ये समझने में मदद मिल सकती है आपका और आपके साथी का रिश्ता आगे बढ़ने योग्य है या नहींI

 

लव मैटर्स: किशोर अपने रिश्ते में खुश किस तरह रह सकते हैं?

डॉ पी.एस.:.मेरे विचार में किसी भी ख़ुशी का आधार है खुद से खुश होनाI और युवा अवस्था में ऐसा होना अक्सर मुश्किल होता हैI जब आप युवा होते हैं तो अक्सर आप सिर्फ अपनी कमियों पर ध्यान देते रहते हैंI आप सिर्फ इस बात पर ध्यान देते हैं कि आप में फलां खोट है जो दूसरे में नहीं हैI ऐसा काम ही होता है जब कोई युवा खुद से कहे,' मैं लाजवाब हूँ"!

लव मैटर्स: खुश जोड़े कौनसी महत्वपूर्ण चीज़ें करते हैं जो शायद बाकि लोग नहीं करते?

 

डॉ पी. एस.: स्नेहपूर्ण बर्ताव बहुत असरदार है, छोटी चीज़ें जैसे 'आई लव यू' कहना, एक दूसरे कि तारीफ करना, उन्हें बताना कि वो कितने सुन्दर और आकर्षक हैं, हाथों में हाथ डालनाI और ये ज़रूरी नहीं कि ऐसा सार्वजानिक जगह पर ही किया जाये. यही छोटी-छोटी चीज़ें रिश्तों में खुशियां लाने का काम बखूबी कर सकती हैंI

अपने दिल कि बात बेझिझक एक दूसरे से कह पानाI एक दूसरे को ईमानदारी से अपने दिल का हाल कह पाने कि आज़ादी, और जब दूसरा व्यक्ति भी आपकी बात को बिना बुरा माने समझ सके, ये काफी महत्वपूर्ण हैI

लव मैटर्स: क्या रिश्तों को स्वस्थ रूप से चलने के लिए आपकी कोई सलाह है?

डॉ पी एस ; मेरा मानना है कि अगर चीज़ें सहजता से बही चल पा रहीं तो बहुत कोशिश करना समय और ऊर्जा नष्ट करने जैसा हैI रिश्ता ऐसा नहीं होना चाहिए कि जैसे आप उसे धकेल रहे हैं या हर समय किसी और के इशारों पर नाच रहे हैंI क्या ये सही होगा? कहीं ये गलत तो नहीं होगा? कहीं मैंने कुछ गलत तो नहीं कह दिया? ये सब सवाल स्वस्थ रिश्ते कि निशानी नहीं हैंI स्वस्थ रिश्ता वो है जो बिना कठिनाई के चल सके, इसलिए शायद उसे स्वस्थ कहा जाता हैI

तो यदि किसी को आप में केवल कमियां दिखाई देती हैं, या आपको लगता है कि उस व्यक्ति को आपके होने न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता, तो ये दलदल से बहार निकलने का सही कारण हैI आपका साथी बनने का हक़दार वो है जो आप कि तरह सोचता हो और आपके उसके जीवन में होने पर गर्व महसूस करता होI

कुछ किस्मत वाले लोगों के शायद ऐसे बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड हों जीमे उन्हें सच दोस्त दिखाई देता होI जिससे आप दिल कि हर बात साझा कर सकते हैं और जिसका दिल आप कभी नहीं दुखाना चाहतेI लेकिन अगर कोई व्यक्ति बिना आपकी परवाह किये कुछ करता है तो वो असल में आपका दोस्त है ही नहींI

कोई भी कदम उठाने से पहले खुद से ये सवाल कर लेना अच्छी परीक्षा होगी," क्या मैं अपने दोस्त के साथ ऐसा करूँगा? क्या कभी मेरा दोस्त मेरे साथ ऐसा कर सकता है?" यदि इस कसौटी में खरा न उतर सके तो शायद आपके सम्बन्ध में कोई न कोई कमी हैI

क्या ज़्यादा महत्वपूर्ण गई- रिश्ते को चलने के लिए प्रयास करना या ये समझ लेना कि किन हालातों में और प्रयास करना बेकार है? अपनी राय यहाँ या फिर फेसबुक पर हमें ज़रूर बताएंI