कुछ छूट न जाये !
मैं भोपाल में पैदा हुई और वहीं बड़ी हुई| मेरा परिवार थोड़ा कंज़र्वेटिव था, जहाँ रविवार की शाम दोस्तों के साथ बाहर जाने के लिए भी परमिशन लेनी पड़ती था। इसलिए, जब मैं कॉलेज के लिए मुंबई आई, तो अपनी नई आज़ादी को भरपूर जीना चाहती थी।
कॉलेज में मेरी सभी सहेलियों के बॉयफ्रेंड थे और उनमें से ज्यादातर ने सेक्स भी किया था, लेकिन मैं 22 साल की होने के बावजूद अभी भी वर्जिन थी। मेरे मन में सेक्स को लेकर उत्साह और डर दोनों था।
कॉलेज में मैंने खुलने की शुरुआत करते हुए दो लड़को को किस भी किया , लेकिन तभी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन हो गया। भला हो डेटिंग ऐप्स का जिसने इस मुश्किल समय में भी हमे लोगों से जोड़े रखा| लेकिन सेक्स अभी भी मेरे कम्फर्ट जोन से बाहर था।
फिर कुछ महीनों के बाद डेटिंग ऐप पर मैं ऋषभ से मिली। दो महीने तक फोन पर ढेर सारी बातें करने के बाद हम डेट पर गए| मुझे वह बहुत सुलझा और संवेदनशील लड़का लगा| मुझे ऋषभ उन अति-उत्साही लड़कों जैसा बिलकुल भी नहीं लगा जो सिर्फ सेक्स के लिए किसी भी लड़की से रिलेशन बना लेते है।
न्यू इयर ईव पर ऋषभ ने मुझसे पूछा कि क्या मैं उसके साथ, यह शाम बिताना पसंद करुँगी। में उसे मना नहीं कर सकी| 2020 इतना सुस्त गया था और मैं 2021 की शुरुआत अच्छे से और कुछ हटकर करना चाहती थी| नया साल में कुछ नया - तो बस सोचा की क्यों न सेक्स करके 2021 की शुरुआत हो। मैं मानसिक रूप से खुद को तैयार कर चुकी थी। कम से कम उस दिन मैंने ऋषभ को तो यही कहा!
'बस कर लो'
31 दिसंबर आया। वह अपने काम से फ्री हुआ और मैं शाम को उसके घर पहुंच गई| हम दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे चाय पीते हुए बालकनी में बैठे रहे। उसने अपनी कुर्सी को मेरी कुर्सी के करीब खिसकाया। नज़दीक आते हुए उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और मुझे लगा मेरे चेहरे पर खून दौड़ रहा है। मुझे अपने अंदर गर्माहट महसूस होने लगी।
ऋषभ ने पूछा भी, ‘क्या तुम ठीक हो?’
मैंने कहा, ‘हाँ ठीक हूं’। कुछ ही मिनटों में हम बेडरूम में थे और वस्त्रहीन हो गए थे। उसने मुझे कांपते हुए देखा और फिर पूछा कि क्या मैं ठीक हूं?
उसने कहा, ‘तुम यदि असहज हो तो हम रुक जाएंगे'।
मुझे यकीन था कि मेरा प्रतिरोध (यह गलत है, मेरे माता-पिता क्या कहेंगे आदि) सामने आएगा लेकिन उस दिन मैंने सेक्स करने का मन बना लिया था। यह मेरी इच्छा थी। मैं नए साल में वर्जिन नहीं रहना चाहती थी। 12 बजने वाले थे और हम सेक्स करने जा रहे थे| यह माहौल मुझे जितना उत्तेजित कर रहा था उतना ही डरा भी रहा था।
मैंने उससे कहा, ‘वादा करो जैसा मैं कहूंगी तुम वैसा ही करोगे’। उसने सहमति में सिर हिलाया।
‘तुम मेरे हाथ पकड़ लो और जोर लगाओ। अगर तुम मुझसे पूछते रहोगे, तो मैं ना ही कहूंगी क्योंकि सभी भावनाएं मेरे मन में आती रहेंगी। लेकिन तुम रुकना मत, आगे बढ़ना। तुम बस अपना लिंग मेरे अंदर डाल देना।'
वह अद्भुत एहसास
हालाँकि, मेरे शब्दों ने उसे रोक दिया।
‘ज्योति, मैं ऐसा नहीं करूंगा! यदि तुम ना कहती हो, तो वो मेरे लिए ना ही है। सॉरी, लेकिन तुमको अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी होगी। मैं तब तक इंतजार करने के लिए तैयार हूं, जब तक तुम खुद को पूरी तरह से तैयार नहीं कर लेतीं, लेकिन बिना तुम्हारी हाँ के मैं आगे नहीं बढूंगा’, उसके ये कहते ही घड़ी में 12 बजे गए।
नया साल शुरू हुआ, मैं अभी तक वर्जिन थी, लेकिन खुश थी। मुझे खुशी है कि ऋषभ ने खुद को रोका और मुझे भी ऐसा कुछ करने से रोका, जिसके लिए मैं पूरी तरह से तैयार नहीं थी। हम एक दूसरे से बात करते और मस्ती करते हुए कब सो गए पता ही नहीं चला। यह एक अद्भुत एहसास था। इसी तरह मैंने अपना नया साल दो नए रिश्तों के साथ शुरू किया - एक अपने शरीर और दूसरा ऋषभ के साथ।
पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।
क्या आपके पास भी कोई कहानी है? हम से शेयर कीजिये। कोई सवाल? नीचे टिप्पणी करें या हमारे चर्चा मंच पर विशेषज्ञों से पूछें। हमारा फेसबुक पेज चेक करना ना भूलें। हम Instagram, YouTube और Twitter पे भी हैं!
लेखक के बारे में: अर्पित छिकारा को पढ़ना, लिखना, चित्रकारी करना और पॉडकास्ट सुनते हुए लंबी सैर करना पसंद है। एस आर एच आर से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखने के अलावा, वह वैकल्पिक शिक्षा क्षेत्र में भी काम करते हैं। उनको इंस्टाग्राम पर भी संपर्क कर सकते हैं।