आंटी जी कहती है... बेटे राहुल यह तो गंभीर समस्या है क्योंकि यह दोनों ही बातें एक दुसरे से जुड़ी हुई है - जैसे एक सिक्के के दो पहलु.
प्यार मोहब्बत
सीधे तौर पर कहु तो अगर दिल जुड़े ना हो तो शरीरो का जुड़ना ज़रा मुश्किल काम है।तो पहले थोड़ी बातचीत प्यार के बारे में हो जाये...
क्या तुम दोनों के बीच सब ठीक है? लड़ाई झगडे?
ऐसा तो नहीं तुम दोनों के बीच अचानक कुछ हुआ है? किसी तरह का कोई मतभेद, नयी संतान या कुछ और ऐसा जिससे चीज़े एकदम से बदल गयी हो। तुम्हारी ज़िंदगी में चल क्या रहा है यह मुझे पहले देखना होगा।
अच्छी बात यह है पुत्तर कि अगर ऐसा कुछ है तो उसे ठीक करा जा सकता है। अगर मर्ज़ पता चल जाये तो इलाज संभव है। और फ़िर शादी हो या सेक्स, उसे बेहतर बनाने के लिए थोड़ी मशक्कत तो करनी पड़ती है। बस रिश्तों में थोडा प्यार, थोड़ी इज़्ज़त और थोड़ी मोहब्बत हो तो क्या कहने।
आपसी तालमेल
एक और बात है बेटा, देख होता क्या है कि दो लोग रिश्तों कि डोर में बंधते तो साथ साथ है लेकिन कभी कभी एक साथी दुसरे से थोड़ा आगे निकल जाता है। हमें इस बात का ख़ासा ख्याल रखना चाहिए कि हमारा विकास और उन्नति हमारे साथी के विकास से मेल खाती हो। ऐसा ना हो कि थोड़े समय के बाद लोग बोले कि "कैसी बेमेल जोड़ी है"?
एक तो तूफ़ान मेल पर सवार हो और दूसरा जनता मेल पर... बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं? नहीं! कभी नहीं!
हमें अपने साथी के साथ भागना है ना कि इस बात पर मलाल करना है कि "मैं तो वही व्यक्ति हूँ, जबकि मेरा साथी कितना बदल गया है". क्यों भाई? आप क्यों नहीं बदले जब वो ज़िंदगी के उतार चढाव के साथ बदला। यहाँ कोई यह नहीं कह रहा कि आप अपना पूरा व्यक्तित्व बदल डालो। लेकिन एक बात याद रहे कि बदलाव भी ज़रूरी है, कही आपका साथी आपसे बोर ना हो जाये?
चाय पर चर्चा?
तेरी एक बात बढ़िया लगी मुझे कि तू चीज़े बदलना चाहता है, है ना? तो बात कर उससे, लेकिन सेक्स की बात मत करना। उससे बुलवा कि उसकी नज़र में दूरियां क्यों बड़ी है। उसे क्या खटक रहा है। तू कैसे चीज़े बदल सकता है? उसे बोलना है और तूने सिर्फ सुनना है। वो भी बिना किसी सुरक्षाकवच के।
फ़िर अपने दिल की बात रखना। नहीं बुद्धू सेक्स नहीं। उसे बताना कि तुझे इस रिश्ते में क्या चाहिए और तू उससे क्या चाहता है। तुझे उससे पूछना पड़ेगा कि वो इस सब के लिए तैयार है भी या नहीं? ऐसा लगता है कि तेरी पत्नी की कुछ शिकायते है, उस सूरत में तुझे थोड़ी ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी, मैं तो कहती हूँ कि वो भी ठीक है!
बेटा तुम दोनों जो कर रहे हो, अपने दोनों के आज और दोनों के भविष्य के लिए कर रहे हो तो फ़िर सोचना कैसा? रिश्तो में अहम् के लिए कोई जगह नहीं है।
सेक्स का सवाल
अब आते है तेरे सेक्स से जुड़े सवाल पर। बिलकुल वैद्य सवाल है और तुझे पूछना भी चाहिए, लेकिन अभी नहीं। थोड़े दिन रूककर, और क्या पता जब तुम दोनों बात करते करते एक दुसरे के करीब आ जाओ तो इसके बारे में अपने आप ही बात उठ जाये? तू उसको बताना कि तू उन अंतरंग लम्हों को कितना याद करता है। उससे पूछना कि वो आजकल इतनी कटी कटी क्यों रहती है?
"फीडबैक" के लिए तैयार रहना, क्योंकि तुझे पता चलेगा कि क्या क्या बदलना है। उससे वादा करना कि तू उसके लिए कुछ भी करेगा, बिस्तर पर भी और बिस्तर के बाहर भी। उसे भी बेझिझक अपनी पसंद बताने के लिए कहना और उसकी पसंद के मुताबिक़ चीज़े बदलने के लिए कमर कस लेना।
और भगवान् के लिए तू भी थोडा सुधर। थोड़ी जानकारी इकट्ठी कर और अपना स्टाइल बदल जिससे कि तू अपने पार्टनर को प्रभावित कर सके... हीरो यह वेबसाइट तुझ जैसे लोगो के लिए पारसमणि है! यहाँ से सीख और बन जा रॉकस्टार! सेक्स मेरी जान अपने लिए नहीं होता, अगर खुद को खुश करना है तो हस्तमैथुन कर। सेक्स अपने से अपने साथी के लिए होता है, यह साझेदारी का खेल है पुत्तर - इस बारे में सोच और सुधार कर!
असंभव उम्मीदें
तुझे पता है मैं एक ऐसे जोड़े को जानती हूँ जहाँ पति अपनी पत्नी को चाय के कप के साथ उठाता था और कहता था "करे"? ज़्यादा देर नहीं चला, सेक्स भी और पति भी।
अच्छा एक बात बता कि अगर तेरी बीवी कोई बोरिंग अजीब सी महिला होती जो सेक्स के अलावा और कोई बात नहीं करती और ना ही उसके आने से तेरे जीवन पर कोई फ़र्क़ पड़ता तो तू क्या करता? ऐसे प्राणी के साथ सम्भोग करने के लिए मर तो नहीं रहा होता, क्यों? शायद तुझे तेरा जवाब मिल गया होगा? चल अब काम पर लग जा, बड़ा काम करना है तुझे अपने सोये रिश्ते को जगाने के लिए।
पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।
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