आंटीजी कहती हैं... ‘वाक़ई स्मिता पुत्तर, अकेलापन बहुत छलिया हो सकता है। समय वो काम करवा सकता है जो आप शायद वैसे करने की न सोचे। लेकिन कुड़िए, मुझे बहुत खुशी है कि तुमने सलाह लेने के लिए हमें लिखा।
दिल बहलाने की गोली
अच्छा हुन की करें! क्यूँकि तुमने धोखे की बात की है तो चलो सबसे पहले उसी पर चर्चा करते हैं। बेटा, वैसे आपको ऐसा क्यों लगता है कि किसी से संबंध बनने से आपके अकेलेपन का मामला सुलझ जायेगा? यह एक झट-पट उपाय है और यह तुम्हें अच्छा और खुश महसूस करवा सकता है लेकिन सिर्फ थोड़े समय के लिए।
बेटा, तुम तब भी तो उस खाली घर ही वापिस जाओगी। तुम तब भी वही ख़ालीपन महसूस करोगी, है कि नहीं? एक थोड़े समय का संबंध प्लेसबो की तरह है। वो गोली जो आपको सिर्फ बेहतर महसूस कराती है लेकिन आपका असली इलाज नहीं करती।
पुत्तर, तुम यह तो जानती और समझती होगी ही कि अफवाहें कितनी तेजी से फैलती हैं। खासकर तब, जब यह प्यार, सेक्स और निजी रिश्तों के बारे में हो। और अगर यह सब किसी क़रीबी सम्बन्ध में या आपस में जुड़े हुए लोगों के साथ हो रहा है तो,ओह हो!! तब तो तुम बहुत जानती ही हो कि इस बात की सम्भावना कितनी ज्यादा है कि यह ख़बर बॉर्डर तक तुम्हारे पहुँचने से पहले पहुंच सकती है।
अनदेखी और अनसुनी
इन सबके परे, कुछ और मुद्दे हैं जो अल्पकालीन रिश्तों या धोखे से जुड़े हुए हैं। जो हैं, एक सही इंसान को ढूँढना, उनके साथ केमिस्ट्री बनाना और एक-दूसरे को जानना, समझना।
बेटा, तुम शादीशुदा हो। तुम तलाक के बारे में ना बात कर रही हो ना ऐसा चाहती हो। इसका मतलब है कि अगर तुम अपनी शादी के बाहर यौन संबंध रखती हो, तो यह एक बड़ा राज़ होगा, है ना? लेकिन इस बात के बारे में भी सोचो कि जिस इंसान के साथ तुम सेक्स करोगी, क्या वो इस बात को राज़ रखेगा?
तुम उसके साथ कोई फिल्म या बाहर खाने के लिए जाना चाहती हो, लेकिन एक दूसरे के साथ सार्वजनिक रूप से दिखाई भी देना नहीं चाहती। इस बात में खुश होने या अच्छा महसूस करने के लिए कुछ भी नहीं है। और बेटा एक परेशानी से निकलने के लिए दूसरी परेशानी में पड़ने का क्या फायदा।
टू-डू-लिस्ट
क्यूंकि बेटा तुम्हारे लिए अकेलापन मुश्किल हो रहा है, तो घर के बाहर समय बिताना कैसा रहेगा? तुम जिम ज्वाइन क्यों नहीं करती? कोई होब्बी क्लास? या ऐसा कुछ जो तुम करना चाहती थीं लेकिन कर नहीं पायीं। कोई पार्ट-टाइम नौकरी ले सकती हो- फिर चाहें वो कोई स्वयंसेवक यानि वालंटियर का पद ही क्यों न हो।
अपने दिन का एक पैटर्न एक दिनचर्या बनाओ। इससे तुम्हारा ध्यान बटेगा और अगले दिन का इंतजार रहने में मदद मिलेगी। इसके साथ-साथ, इससे तुम्हें नये दोस्त, सामाजिक सर्कल बनाने में मदद मिलेगी, जिनके साथ तुम कभी-कभार घूमने जा सकती हो या उन्हें मिलने बुलाकर अपना समय अच्छे से बिता सकती हो।
खुद पर भी थोड़ा ध्यान दो बेटे। उन सभी बातों और दोस्तों से वापिस जुड़ना शुरू करो जिन्हें तुमने इतने साल अनदेखा किया है। कहीं यात्रा पर जाने से भी बहुत संतोष मिल सकता है। अगर चाहो तो अपने माता-पिता या सास-ससुर को साथ ले जाओ। वो बहुत खुश जो जायेंगे और तुम्हें भी परिवार वालों से बहुत सराहना मिलेगी।
सेक्स की ज़रूरत
अब बात करें सेक्सुअल संतोष की। सच में, सेक्स एक ऐसी चीज है जो हर कोई चाहता है। मैं समझ सकती हूँ कि तुम्हें इसकी कमी खलती होगी। इसको पूरा करने के लिए खुद को सेक्सुअल आनंद (मास्टरबेशन के ज़रिये) देना भी एक तरीका हो सकता हैं। इससे तुम्हारी इच्छाएँ भी पूरी हो जाएँगी और तुम्हे खुद को किसी कश्मकश भी नहीं डालना पड़ेगा।
बाकी जैसे आंटीजी हमेशा कहती हैं, तुम अपने जीवन और शरीर की ख़ुद मालिक हो और इसलिए तुम्हें अपने लिए ख़ुद निर्णय लेने होंगे बेटा।
एक आखिरी बात, अगर तुम एक संबंध बनाने के बारे में सोच रही हो, तो पहला कदम उठाने से पहले अच्छे से सोचना। याद रखना यह संबंध ख़त्म होने के बाद भी हमारा पीछा करते हैं, कई बार ज़िंदगी में बहुत समय बाद भी। लेकिन इससे भी कहीं ज़्यादा, वो हमारे प्राथमिक रिश्ते में भी दख़ल डाल सकते हैं।
अभी तो मुझे यह लगता है कि भारत की खूबसूरत सीमाओं की यात्रा तुम्हारे भाग्य में है। टिकट बुक करो। जाओ फ़ौजियों और हमारे सिपाहियों के बीच घूमों। लेकिन अपने पति की दिनचर्या में खलल मत डालना। घूमों-फ़िरो और देखो कि तुम्हारे लिए क्या काम करता है।
उसके बाद जो भी तुम करोगी वो बहुत सोचा-समझा हुआ होगा। अपनी यात्रा और स्वयं की खोज की यात्रा का आनंद लेना।
पहचान की रक्षा के लिए, तस्वीर में व्यक्ति एक मॉडल है और नाम बदल दिए गए हैं।
कोई सवाल? नीचे टिप्पणी करें या हमारे चर्चा मंच पर विशेषज्ञों से पूछें। हमारा फेसबुक पेज चेक करना ना भूलें। हम Instagram, YouTube और Twitter पे भी हैं!