आंटीजी कहती हैं...बेटाजी, इसमें कोई भी क्या कह सकता है? अपना हाथ तो जगन्नाथ है ही...फिर भी आओ ज़रा इस बारे में और बात करते हैंI
सच ये है कि क्लिटोरिस को ओर्गास्म के लिए तवज्जो कि ज़रूरत होती है और अक्सर दुर्भाग्यवश उसे वो तवज्जो मिल नहीं पातीI और ध्यान रझे, दुनिया में तू ये शिकायत रखने वाली पहली और आखिरी लड़की बिलकुल नहीं हैI इसलिए इस बारे में बिलकुल चिता मत कर बेटाI
और क्लिटोरिस के इतना महत्वपूर्ण और संवेदनशील होने के पीछे एक वजह है- ये छोटा सा हिस्सा बहुत सी तंत्रिकाओं के समागम का केंद्र होता है और इसलिए रोमांचक भीI
'क्लिटोरिस कन्या'
जहाँ तक बात नीरसता कि है, मैं समझ सकती हूँ बेटा, आखिर बिना कुछ मसाले और नयेपन के बिना सेक्स का क्या मज़ा?
तो पहला कदम उठा अपने आप पर बने इस दबाव को हटा करI जितना ज़्यादा इस बारे में दबाव लेगी उतना ही मुश्किल ओर्गास्म तक पहुंचना होगा, चाहे जो भी पोजीशन होI क्या तुझे पता है कि बहुत सी महिलाएं सिर्फ इसी तरह ओर्गास्म तक पहुँचती हैं? और ऐसा इसलिए नहीं कि उनमे कुछ कमी है, बस प्राकर्तिक हैI तो फिर फ़िक्र की क्या बात है?
कुछ न होने से बेहतर
क्लिटोरिस कन्या मुखमैथुन वाली भी हो सकती हैं और ये एक ऐसी चीज़ है जो तुम दोनों को करके देखना चाहिएI बस अपने पार्टनर को अच्छी तरह से वाकिफ कर दे, उन् जगहों के बारे में जहाँ तुझे सबसे ज़्यादा अच्छी अनुभूति होती हैI
उसकी गाइड बनो
सेक्स के खेल में आनंद अनुभूति की सीमा कुछ नहीं है बेटाI जिस योनि ओर्गास्म की कमी तुझे खलती है, कुछ के लिए वो भी नीरस बन सकता हैI असल ज़रूरत होती है अपने आप को रोज़ फिर से तलाशने की, ऐसी चीज़ें जानने की जिनके बारे में तुम्हे खुद अब तक नहीं पता थाI
इसलिए कहती हूँ, शर्म को नदी में फेंक दे और इस नयी खोज में अपने साथी की गाइड बन जाI उसे बता की तुझे क्या पसंद हैI महत्वपूर्ण है मंज़िल तक पहुंचना और पहुँचने के लिए खुशनुमा सफर, रास्ता जो भी होI तो ओर्गास्म चाहे क्लिटोरिस से हो या योनि से, मज़ेदार होना चाहिएI
चिंगारी को हवा दे!
तेरा पार्टनर कैसा है? क्या वो ये शिकायत करता है की तुझे सेक्स के दौरान अच्छा महसूस करने में उसे बहुत मेहनत करनी पड़ती है या वो नए प्रयोग करने के लिए तत्पर रहता है? हालाँकि मैं मानता हूँ इस खेल में पुरुषों को थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन जितना जल्द वो इस 'मेहनत' का लुत्फ़ उठाना सीख जाएं, उतना ही अच्छा दोनों पार्टनर के लिए होता हैI
पुरुषों के लिए: इस बात से खुश हो जाओ की तुम उसे ओर्गास्म दे पाते हो, और उसे ये बहुत पसंद हैI वो संतुष्ट है! नए प्रयोग करो और अपनी सेक्स कल्पनाओं को पंख लगाओ, तब देखोगे की शारीरक आनंदका ये आसमान कितना विशाल हैI और वैसे भी, एंड में तो 'हैप्पी एंडिंग' होनी ही है, कभी जल्दी और कभी देर सेI है ना?
पुरुष कभी कभी ये सोचने लगते हैं की उनकी महिला को योनि ओर्गास्म न होने की वजह उनके लिंग की लम्बाई या चौड़ाई में कमी है, या शायद उनकी मर्दानगी में वो दमखम नहीं की अपनी पार्टनर को योनि मैथुन के ज़रिये चरम हो सकेI या फिर ये की उनकी पार्टनर असल में लेस्बियन है और उसे सेक्स करने में कोई मज़ा ही नहीं आताI बात लिंग के योनि में प्रवेश की नहीं बेटेजी, बात है उस एक और 'इंच' उप्पर जाने कीI थोड़ा ध्यान दोगे तो तीर निशाने पर लग जायेगाI
अपने किस तरह का ओर्गास्म अनुभव किया है? क्या आप सेक्स पोजीशन के बारे में कोई टिप्स साझा करना चाहेंगे? अपनी राय यहाँ छोड़ें या फेसबुक पर इस चर्चा में हिस्सा लेंI