इसे ‘बड़ा नकलची (ग्रेट इमीटेटर)’ कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षणों को दूसरी यौनसंचारित रोगों से अलग पहचान करना अक्सर मुश्किल होता है। सिफि़लिस का इलाज आसानी से किया जा सकता है। दुर्भाग्य की बात यह है कि अधिकांश संक्रमित व्यक्तियों को पता नहीं चलता कि उन्हें सिफि़लिस हो गया है।
यदि आप सिफि़लिस का इलाज नहीं कराते हैं तो आगे चलकर आप अंधे हो सकते हैं, दिमागी संतुलन बिगड़ सकता है अथवा मृत्यु भी हो सकती है।
सिफि़लिस कैसे होता है?
सिफि़लिस के घाव के संपर्क में आने से आपको सिफि़लिस होता है।
अक्सर यह असुरक्षित मुख, योनि या गुदा मैथुन करने से होता है। कभी-कभार किसी संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर सिफि़लिस के घाव के संपर्क में आने से भी आपको सिफि़लिस हो सकता है। लेकिन इसकी संभावना कम होती है।
सिफि़लिस से आप कैसे बच सकते हैं?
1. हमेशा कंडोम का प्रयोग करें।
कंडोम के प्रयोग से आपको सिफि़लिस होने का जोखिम कम हो जाता है। हालांकि उनसे सिफि़लिस होने के जोखिम को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है। सिफि़लिस के घाव केवल उन्हीं जगहों पर नहीं होते जो कंडोम से ढकी होती हैं, इसलिए कंडोम पहनने के बावजूद आपको सिफि़लिस हो सकता है।
2. अपने और अपने साथी की सिफि़लिस के लिए जांच कराएं।
जब भी आप किसी नए साथी के साथ सेक्स करने वाले हैं तो सेक्स करने से पहले जांच कराएं। हो सकता है कि आपको या आपके साथी को सिफि़लिस हो, और उन्हें इसकी जानकारी न हो।
3. यदि आपको पेशाब करते समय असामान्य स्राव, घाव या दर्द हो तो सिफि़लिस और दूसरे यौनसंचारित रोगों की जांच कराएं।
इनमें से कोई लक्षण होने का मतलब है कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। अपने साथी को भी इसके बारे में बताएं, जिससे वह भी अपनी जांच करवा सकें और इलाज करा सकें। अन्यथा आप और आपके साथी को एक-दूसरे से सिफि़लिस लगता रहेगा।
सिफि़लिस के लक्षण क्या हैं?
सिफि़लिस के शुरुआती लक्षण संक्रमण के तीन महीनों के भीतर नज़र आ जाते हैं। आम तौर पर महिलाओं तथा पुरुषों दोनों में ही उनके जननांगों पर बिना दर्द वाले एक या दो फोड़े या दानें निकलते हैं। इन दानों को शैंकर्स भी कहते हैं।
चित्रः योनि में सिफि़लिस का घाव
ध्यान रहे, यदि आपको सिफि़लिस हुआ है, तो वह दिखाए गए चित्रों से बिलकुल अलग भी दिख सकता है! कभी-कभार कुछ भी नज़र नहीं आता। यदि आपको कोई षंका है, तो डॉक्टर के पास या क्लीनिक जाएं।
शैंकर्स बिना किसी इलाज के तीन से छह हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। लेकिन आप अभी भी सिफि़लिस से संक्रमित होते हैं। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह दूसरी अवस्था ले सकता है।
महिलाओं में शैंकर्स निम्नलिखित जगहों पर दिख सकते हैं:
- भग (जननांग का बाहरी हिस्सा)
- गर्भग्रीवा (सर्विक्स)
- गुदा
- मुंह
पुरुशों में शैंकर्स निम्नलिखित जगहों पर दिख सकते हैं:
- लिंग
- गुदा
- मुंह
सिफि़लिस की दूसरी अवस्था
सिफि़लिस के पहले लक्षण दिखने के तीन से छह महीनों बाद यह रोग फिर से उभर आता है।
सिफि़लिस की दूसरी अवस्था के लक्षण हैं:
- फ्लू होने जैसे बीमार पड़ना, साथ ही थकान और भूख न लगना
- पूरे शरीर पर बिना खुजली वाले ददोरे या चकत्तों के रूप में निकलना
- हाथों की दोनों हथेलियों तथा पैर के तलवों पर खुरदुरे, लाल या लालिमा लिए भूरे ददोरे
- जननांगों के आस-पास चपटे मस्से जैसे दाने निकलना
- गुदा के आस-पास चपटे मस्से जैसे दाने निकलना
- जगह-जगह से बाल झड़ना
चित्रः पैर के तलवों पर लाल या भूरे चकत्ते
बायें चित्रः पीठ पर सिफि़लिस के ददोरे या घाव
ध्यान रहे, यदि आपको सिफि़लिस हुआ है, तो वह दिखाए गए इन चित्रों से बिलकुल अलग भी दिख सकता है! कभी-कभार कुछ भी नज़र नहीं आता। यदि आपको कोई षंका है, तो डॉक्टर के पास या क्लीनिक जाएं।
सिफि़लिस की पहली अवस्था की तरह ये लक्षण भी बिना किसी इलाज के खत्म हो जाते हैं। लेकिन आप अभी भी सिफि़लिस से संक्रमित होते हैं। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह धीरे-धरे आखिरी अवस्था में पहुंच जाता है।
सिफि़लिस की बाद की अवस्थाएं
पहली बार सिफि़लिस का संक्रमण होने के 20 से 30 वर्षों तक आपको बिना किसी लक्षण दिखे सिफि़लिस का संक्रमण बना रह सकता है। हालांकि इस बार सिफि़लिस चुपचाप आपके स्नायु तंत्र (नर्वस सिस्टम) को नुकसान पहुंचा रहा होता है।
सिफि़लिस संक्रमण के बाद के लक्षण में शामिल हैं:
- मांसपेशियों की गति में कठिनाई
- लकवा
- सुन्न पड़ना
- अंधापन
- विक्षिप्तता (भूलने की स्थिति)
- मृत्यु
सिफि़लिस और गर्भावस्था
यदि आप गर्भवती हैं और सिफि़लिस से संक्रमित हैं, तो यह आपसे, आपके होने वाले बच्चे को लग सकता है। यदि आप गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में खून की जांच कराती हैं, तो उसमें सिफि़लिस की जांच भी आम तौर पर शामिल की जाती है।
सिफि़लिस की जांच कैसे कराएं?
पुरुषों और महिलाओं दोनों में सिफि़लिस की जांच एक ही तरह से की जाती है। डाक्टर खून का सैम्पल लेकर सिफि़लिस की जांच करते हैं। वह इस बात की भी जांच करेंगे कि आपके शरीर पर कोई ऐसे ददोरे या घाव तो नहीं हैं, जो सिफि़लिस के कारण होते हैं।
सिफि़लिस से छुटकारा कैसे पाएं?
खासकर शुरुआती अवस्था में सिफि़लिस का इलाज आसानी से किया जा सकता है।
आपको ऐंटीबायोटिक की सूई लगाई जाती है और/या ऐंटीबायोटिक दवाओं की पूरी खुराक लेने के लिए दी जाती है। दवाएं लेने से जीवाणु नश्ट हो जाते हैं, लेकिन इससे देर तक संक्रमण रहने के कारण हुए किसी नुकसान को ठीक नहीं किया जा सकता।
इलाज पूरा हो जाने के बाद, हो सकता है आपको दुबारा इस बात की जांच करने के लिए बुलाया जाए कि सिफि़लिस का संक्रमण पूरी तरह खत्म हो गया है कि नहीं।
एक बार सिफि़लिस का संक्रमण हो जाने पर आप पूरे जीवन इसकी प्रतिरोधी क्षमता नहीं विकसित कर लेते। आपको फिर से यह रोग हो सकता है, इसलिए यह ज़रूरी है कि आप दुबारा संक्रमण होने से अपने-आप को बचाएं।