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गर्भपात में माँ ने मदद की

लावण्या एक आम किशोरी है - मौज-मस्ती करने वाली और चिंता मुक्तI उसे सिर्फ उसक कपड़ों और परीक्षा की चिंता रहती हैI लेकिन एक बात अलग है, वो गर्भवती है, और ज़ाहिर है की वो ये बच्चा नहीं चाहती और गर्भपात ही केवल एक रास्ता हैI

मैं शायद किसी भी दूसरे किशोर-किशोरी की तरह ही हूँI जीवन से खुश, करियर को लेकर ज़रा दुविधा में और कील-मुहांसों से भयभीतI मैं और रोहित कई साल से साथ पढ़ते हैं लेकिन हमारे सम्बन्ध को एक साल हुआ हैI

हाथों में हाथ डालना, चुम्बन और कपड़ों में हाथ डालना प्राकर्तिक रूप से शुरू हुआI रिश्ता शुरू होने के पांच महीने बाद हमारा खुद पर नियंत्रण न रह पाया और हमने सेक्स कर ही लियाI हमें सेक्स की ज़्यादा जानकारी भी नहीं थीI.

इंटरनेट पर इस बारे में जानकारी ढूंढने के बाद, और दोस्तों से पूछ कर हमने अपने आप को सेक्स के लिए तैयार समझ लियाI समय और जगह पक्की हो गयी, कंडोम भी खरीद लिए गएI पहली कुछ बार कुछ अटपटा सा लगा लेकिन कुछ ही दिनों में हम सहज हो गए और सेक्स का खूब मज़ा लेने लगे!

झटका और दहशत

जल्द जी मैंने पाया की मेरी माहवारी तीन हफ़्तों से चूक गयीI घर की अलमारी में गर्भ जांचने की किट पड़ी थी और मैंने चुपचाप उसे निकल कर टेस्ट कियाI मेरा दर सही निकलाI मैं गर्भवती थी!

मैंने रोहित को बताया और उसे भी मनो बड़ा झटका लगाI उसके पास कहने के लिए कोई शब्द ही नहीं बचे थेय और मुझे ये नहीं पता था की मैं अब आगे क्या करूँI दोस्तों को बताने का भी कोई फायदा\नहीं हुआ क्यूंकि कुछ ने दया का भाव दिखाया और कुछ ने नफरत काI कुछ दोस्त मदद करना चाहते थे लेकिन उन्हें खुद नहीं पता था कि क्या मदद करेंI

मुझे मालूम था कि मुझे गर्भपात तो करवाना ही होगाI मैंने इंटरनेट पर कुछ क्लिनिक देखे और खर्चे के बारे में पता लगायाI मैंने काफी हिम्मत जुटा कर एक क्लिनिक जाने का फैसला किया लेकिन अंदर जाते ही जिस तरह कि नज़रों से मुझे बाकि लोगों ने देखा, मेरी हिम्मत टूट गयी और मैं वापस आ गयीI हर आँखें मानो मेरे चरित्र पर अपना फैसला सुना रही थीI मैंने महसूस किया कि मुझे अपनी माँ को सब बताना पड़ेगाI

 

एक मदद का हाथ

अपनी माँ को ये सब बताना मेरे जीवन का सबसे मुश्किल काम थाI आघात, आश्चर्य, गुस्सा और निराशा जैसे न जाने कितने भाव एक साथ सामने आयेI उन्होंने कहा," लवी,मुझे बिना बताये तू उन् सस्ते क्लिनिक में जाकर अपना कितना बड़ा नुक्सान कर सकती थीI तुझे इन्फेक्शन हो सकता था. कुछ भी हो सकता था तेरे साथI"

लेकिन कुछ देर बाद वो शांत हो गयीं और उन्होंने मुझ से कहा," शायद मुझे तुझे माफ़ करने में और फिर से तुझ पर भरोसा कर पाने में थोड़ा समय लगेगा लेकिन मुझे ख़ुशी है कि तूने एक गलती करने के बाद मुझे बिना बताये गर्भपात करने कि दूसरी गलती नहीं कीI"

माँ ने एक क्लिनिक का पता लगाया जो विश्वसनीय था और घर से दूर था ताकि किसी को इस बारे में पता न चलेI उन्होंने मुझे समझाया,"  तुम्हारी बच्चादानी को साफ़ करना होगा तो संभव है की तुम्हे कुछ खिंचाव और अकड़न महसूस हो लेकिन लोकल एनेस्थीसिया की मदद से दर्द को कम या ख़त्म कर दिया जायेगाI"

'खोने का एहसास'

हम साथ में क्लिनिक गएI मुझे डर लग रहा था, लेकिन साथ ही इस बात की तसल्ली थी की मैं अकेली नहीं थीI पूरी प्रक्रिया में ज़्यादा समय नहीं लगा और मैं उसी दिन वापस घर भी आ गयीI हमने इस बारे में पापा समेत किसी को नहीं बतायाI मुझे कुछ खोने का एहसास हो रहा था और मेरी माँ ने बताया की वो सामान्य बात थीI

"कोई बात नहीं बेटा, एक दिन तुम्हारे बच्चे होंगे, बस अभी सही समय नहीं है," उन्होंने ने हलके स्वर में कहाI जल्दी ही मेरा जीवन फिर से सामान्य हो गयाI माँ पहले से ज़्यादा सख्त हो गयी, उनकी नज़र मुझ पर हर समय रहती हैI लेकिन मुझे आभास है की उन्हें मेरी चिंता है और वो नहीं चाहती की मुझे इस सब से फिर से गुज़ारना पड़ेI

 

यह लेख पहली बार 24 सितंबर, 2018 को प्रकाशित हुआ था।

गर्भपात के बारे में आपकी क्या राय है? क्या आप भी कभी लावण्या जैसी परिस्थिति से गुज़रे हैं? अपने विचार और अनुभव हमसे बाँटिये यहाँ अपने कमेंट्स लिख का रया फेसबुक पर इस विषय में चर्चा करेंI