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गर्भपात : पांच महत्वपूर्ण तथ्य

गर्भपात – इस बारे मे बहुत कुछ कहा जा चुका है कि महिलाओं को भ्रूण नष्ट करने का अधिकार होना चहिए या नहीं। इस सम्बंध मे बहुत कुछ आपकी धार्मिक और व्यक्तिगत मान्यताओं के साथ साथ आपके देश के कानून पर भी निर्भर करता है। आइये आपको गर्भपात से जुड़े पांच महत्वपूर्ण तथ्य बताते हैं। 

1. आप गर्भवती नहीं होना चाहतीं हैं?

यदि आप अभी भी स्कूल मे पढ़्ती हैं या आपका कोई पार्ट्नर नही है तो एक बच्चे को जन्म देना सुनने में ही नामुमकिन लग रहा हैI पैसा या स्वास्थ्य जैसे चीजों की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। अगर आपको लगता है कि आप बच्चा नहीं पैदा कर सकती हैं तो आपके लिये कई सम्भावनाएं हैं। अगर आप को लगे तो बच्चा गोद लेना भी एक विकल्प हो सकता है अथवा परिवार का कोई सदस्य इस मामले मे आपकी मदद कर सकता है।

गर्भपात इसके लिए दूसरा विकल्प है लेकिन यह थोड़ा मुश्किल है। इस बारे मे फ़ैसला लेना हमेशा कठिन होता है। गर्भपात के कई विकल्प हैं, लेकिन इससे पहले आपको फैसला करना होगा कि आप गर्भपात के लिये पूरी तरह तैयार हैं अथवा नही। इस फ़ैसले को लेने में आपको किसी सलाहकार (काउंसलर), पारिवारिक सदस्य अथवा दोस्त की मदद लेनी चाहिए।

2. दुनिया भर मे सुरक्षित गर्भपात

आपके ऊपर कौन सा गर्भपात कानून लागू होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप रहती कहाँ हैं। कुछ देशों मे गर्भधारण के कुछ हफ्तों के अंदर आप गर्भपात करवा सकती हैं जबकि दूसरे देशों मे गर्भपात केवल तभी कानूनी है जब या तो आपके साथ दुराचार हुआ हो अथवा आपको कोई स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या हो।

और कुछ देशों मे तो गर्भपात पूरी तरह गैर-कानूनी है। यदि आप ऐसे देश मे रहती हैं जहां गर्भपात गैर-कानूनी है वहां “वीमेन ऑन वेव्स” या “वीमेन ऑन वेब” जैसी संस्थाओं से आप गर्भपात के सुरक्षित और कानूनी तरीकों के बारे मे मदद ले सकती हैं। यदि आप गर्भवती नहीं हैं तो भी आप उनकी वेबसाइट पर जाकर इस बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकती हैंI वहां आपको इस बारे में काफी कुछ अच्छा पढ़ने को मिलेगा।

भारत मे कोई भी महिला चिकित्सीय गर्भपात संहिता (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट)- 1971 के तहत गर्भपात करवा सकती है। हालांकि, कानून मे इससे जुड़ी कुछ शर्ते भी हैं जैसे कि गर्भधारण की अवधि आदि। इस बारे में और जानकारी यहां पढ़ें। यदि आप भारत (जहां गर्भपात कानूनी है) में हैं तो आप ‘लव मैटर्स’ जो कि एफपीए इंडिया की साझेदार है, से सलाह, जानकारी और सुरक्षित गर्भपात के लिये सम्पर्क कर सकते हैं।

3. सुरक्षित गर्भपात

तो हम सुरक्षित गर्भपात के बारे में ही बात क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हर दस मिनट मे एक महिला की मौत असुरक्षित गर्भपात के दौरान आने वाली परेशानियों के कारण होती है। चूंकि कई देशों मे यह गैरकानूनी है इसलिए महिलाओं को गर्भपात के लिए ज़ोखिम भरी और असुरक्षित जगहों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे स्थानों पर लोग गर्भपात करने के लिए सिलाई करने वाली सुई अथवा ऐसे ही स्तरहीन उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। ये जगहें बहुत ही गन्दी होती हैं और यहां आप बीमार भी पड़ सकती हैं। यदि ऐसी परिस्थितियों में गर्भपात कराया जाए तो महिला को संक्रमण या सेप्सिस (ऐसी बीमारी जिसमे घाव सड़ जाता है) हो सकता है और इससे महिला की मृत्यु भी हो सकती है।

4. गर्भपात के प्रकार

गर्भपात दो तरह से किया जाता है : चिकित्सीय गर्भपात (मेडिकल अबॉर्शन) और शल्य गर्भपात (सर्जिकल अबॉर्शन)।

चिकित्सीय रूप से भ्रूण नष्ट करने के लिए आपको कई दवाइयां लेनी होगी जो गर्भ ठहरने के लिए जरूरी हार्मोन्स का उत्पादन रोक देते हैं। जिससे मासिक धर्म की तरह ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। गोलियां तभी काम करती है जब आप का गर्भ आठ हफ्तों से कम का हो। आमतौर पर आप ये गोलियां क्लिनिक से ले सकती हैं लेकिन "वीमेन ऑन वेव्स" जैसी संस्थाएं आपको दवाइयां खरीदने में भी मदद करती हैं साथ ही इससे जुड़ी उचित सलाह भी देती हैं।

सर्जिकल अबॉर्शन के दौरान डॉक्टर आपको या तो जनरल एनेस्थीसिया देता है या लोकल (अर्थात या तो आपको पूरी तरह बेहोश करता है या आपके शरीर के उस हिस्से को सुन्न करता है जहां सर्जरी करनी होती है)। गर्भधारण के पहले हफ़्ते मे सक्शन एस्पिरेशन सर्जरी की जाती है जिसमें गर्भाशय मे एक ट्यूब डालकर भ्रूण को निकाल लिया जाता है। एक हफ्ते से ऊपर की गर्भावस्था के लिए सबसे ज्यादा डाईलेशनऔर इवैक्यूशन सर्जरी का इस्तेमाल होता है जिसे संक्षेप मे 'डी एन्ड ई' कहते हैं। 'डी एन्ड ई' में गर्भाशय से भ्रूण निकालने के लिए पतली चिमटियों का इस्तेमाल होता है।  इसके लिए, सर्जरी के दिन अथवा उससे एक दिन पहले सर्विक्स( गर्भाशय ग्रीवा) को तैयार (शिथिल या आसानी से खुलने लायक) किया जाता है। इसके लिए डॉक्टर या तो दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं अथवा टूथपिक के आकर की छड़ों का इस्तेमाल करते हैं।

5. इसके बाद......

गर्भपात करवाने के बाद हो सकता है आप थोड़ा अलग महसूस करें। ऐसी महिलायें जिन्होंने गर्भपात का फ़ैसला अच्छी तरह सोच समझकर लिया होता है वे आमतौर पर हल्का महसूस करती हैं जबकि दूसरी महिलाएं उदास, दुःखी और खुद को दोषी महसूस कर सकती हैं।

यदि आप परिस्थितियों मे उलझी हुईं हैं और आपको लगता है कि आपके पास कोई विकल्प नही है तो आपके लिए यह एक बहुत कठिन फ़ैसला हो सकता है। याद रखें कि यदि आपको गर्भपात करवाना है तो यह ज़रूरी है की ये आपकी अपनी चॉइस होनी चाहिए और आप इस निर्णय से सहज महसूस करें।

यह लेख पहली बार 21 सितम्बर 2012 को प्रकाशित हुआ था।

गोपनीयता बनाये रखने के लिए नाम बदल दिए गये हैं और तस्वीर में मॉडल का इस्तेमाल किया गया है।

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