ये क्रीम, फिल्म, जेल, या सपोज़िटरी के के रूप में उपलब्ध होते हैं जिन्हें आप अपने वैजाइना के बहुत अंदर तक डालते हैं।
ये स्पर्म(शुक्राणु) को हिलने से रोकते हैं, जिससे कि वे अंडे को फर्टिलाइज़ करने के लिए गर्भाशय तक ना पहुँच पाए।
स्पर्मीसाइड स्वयं बहुत अच्छा काम नहीं कर सकते हैं। उन्हें अकसर किसी दूसरे गर्भ निरोधक तरीके के साथ ही प्रयोग किया जाता है जैसे कैप,डायाफ्राम, या कॉन्डोम।
स्पर्मीसाइड के साथ कॉन्डोम
स्पर्मीसाइड-लूब्रिकेटेड कॉन्डोम में नॉनऑक्सीनॉल-9 नाम का रसायन होता है। यह स्पर्म को ख़त्म कर देता है -या कम से कम उसे हिलने नहीं देता।
कुछ लोग जो स्पर्मीसाइड लूब्रिकेटेड कॉन्डोम का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें लगता है कि इससे त्वचा में लाली, खुजली या जलन होती है। स्त्रियों को स्पर्मीसाइड के ज़्यादा साइड इफ़ेक्ट होते हैं। इसकी वजह से उनमें यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन भी होने की संभावना बढ़ जाती है।
यदि आप के पास सिर्फ लूब्रिकेटेड कॉन्डोम या इस्तेमाल या फिर कोई भी कॉन्डोम ना इस्तेमाल करने का विकल्प है, तो कॉन्डोम का इस्तेमाल करना ही सुरक्षित है।
बहुत से कॉन्डोम्स स्पर्मीसाइड से नहीं, बल्कि साधारण पानी के बेस वाले लूब्रीकेंट से लूब्रिकेटेड होते हैं। स्पर्मीसाइड का अधिक प्रयोग एचआईवी इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ा देता है।
असफलता दर (फेलियर रेट)
साधारण परिवार नियोजन असफलता दर सिर्फ ठेठ इस्तेमाल में ही ज़्यादा है, परन्तु स्पर्मीसाइड के साथ यह दर ठेठ और आदर्श इस्तेमाल दोनों में ही ज़्यादा है(21% और 16 %)। इसके प्रभाव को सिर्फ सही और समान रूप से इस्तेमाल पर बेहतर नहीं किया जा सकता है (स्पर्मीसाइड्स निश्चित ही सबसे कम प्रभावी तरीका है )।