आंटी जी कहती हैं... यह प्यार का चक्कर है कुड़िये - दिमाग तो चकरायेगा ही!
दिक्कत है क्या?
तो बेटा अब बता की तू इतनी परेशान क्यों है? क्या तुझे सच में लगता है कि यह सब ठीक है क्यूंकि अगर तुझे सब ठीक लगता तो तू आज अपनी आंटी जी के पास थोड़ी आतीI बेटा कुछ तो है जो तुझे परेशान कर रहा हैI वैसे अगर तू ध्यान देगी तो तुझे परेशानी भी समझ आ जाएगीI
करने देता है?
कावेरी बेटा तू कह रही है कि वो तुझे कभी कुछ करने से नहीं रोकता पर एक बात बता पुत्तर कि क्या वो तुझे रोक सकता है? यह हक़ उसको किसने दिया? कल को अगर तू अपनी चाची के साथ फिल्म देखने जाना चाहे तो क्या वो तुझे रोक सकता है? क्या वो उस स्थिति में है? नहीं ना? तो तुझे जाने की अनुमति देने वाला वो होता कौन है?
हमारे समाज में मौजूद बाकी लड़को की तरह शायद तेरा बॉयफ्रेंड भी यही सोचता है कि अगर वो तुझे कुछ भी करने की 'अनुमति' दे रहा है तो यह उसका बड़प्पन हैI बेटा सबसे पहले तो आज लड़को के लिए और तुझ जैसी भोली लड़कियों के लिए मैं एक बात साफ़ किये देती हूँI वो यह कि बेटा केवल दो परिस्थितितियाँ ऐसी होती हैं जब कुछ करने के लिए हमें किसी और की अनुमति कि ज़रुरत होती है - पहली, जब आप छोटे बच्चे होते हैं और अपने फैसले खुद कर पाने में सक्षम नहीं होते और दूसरी जब आप जेल में होते हैंI अब यह फैसला तुझे लेना है कि तू छोटी बच्ची है या फ़िर जेल में हैI
चलता फ़िरता कैमरा
एक ऐसे व्यक्ति के साथ रहना जो आपकी अच्छे से देखभाल करे, आपकी सुरक्षा की परवाह करे और आपको हमेशा यह समझाए कि अपना ध्यान कैसे रखना है, एक अच्छी बात है! लेकिन... यदि वही व्यक्ति आपसे सेकड़ो प्रश्न सिर्फ इसीलिए पूछ ले कि आप कहाँ गए, किससे मिले, क्या किया वगैरह वगैरह तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे आपकी फिक्र हैI बल्कि यह तो बिलकुल उलट हैI
यह आदमी तो चलता फ़िरता सी सी टी वी कैमरा है जो आप पर नज़र रखे हुए हैI मैं यह नहीं कह रही हूँ कि अगर तू मॉल जाएगी तो यह चाक़ू लेकर तुझे डराने आ जाएगा - लेकिन हाँ यह मॉल पहुँच ज़रूर जाएगा अगर तूने इसकी कॉल नहीं उठायीI और इस बात से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि वो पूरे दिन की उसकी बत्तीसवीं कॉल थीI क्या यह ज़रूरी है कि तुझे उसकी हर फ़ोन कॉल का जवाब देना है, तब भी जब तू अपने दोस्तों के साथ बाहर गयी हो? क्या यह तेरे और तेरे दोस्तों के लिए उचित होगा? पुत्तर तेरे खुद के लिए समय कहाँ है क्यूंकि या तो तू जेलर साहिब के साथ होती है या वो तेरे साथ फ़ोन पर होते हैंI
और नहीं
बेटा मैं तुझे देखभाल और प्यार में लिपटे हुए दमघोंटू व्यवहार के बारे में बहुत कुछ बता सकती हूँI इन दोनों में अंतर कर पाना ख़ासा मुश्किल है - जैसा कि तू खुद भी देख और समझ पा रही है! अगर आप को हर बात के लिए स्पष्टीकरण देना पड़े, हर मिनट की खबर देनी पड़े तो पुत्तर यह प्यार नहीं हैI यह तो तफ्तीश है और तेरे बॉयफ्रेंड का तुझ पर नियंत्रण रखने का एक तरीका हैI
कावेरी पहले अपने आप से पूछो, क्या ये प्यार है? सीधे शब्दों में कहूं तो यह हिंसा हैI आजकल के रिश्तो में यह एक आम बात हैI लेकिन, इसे रोकना होगा और इसे रोकने की शुरुआत आप दो सरल शब्दों से कर सकते हैं: और नहीं!
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