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नौजवानों को भी इरेक्शन की समस्या होती है।
इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं- शारीरिक से लेकर मानसिक कारण तक, और कम उम्र से लेकर अधिक उम्र के पुरुषों तक को यह समस्या हो सकती है।
एक इटालियन रिसर्च के अनुसार इस समस्या को लेकर डॉक्टर के पास जाने वाले पुरुषों में से एक चौथाई पुरुषों की उम्र चालीस साल से कम थी। क्लिनिक में सेक्स समस्या को लेकर आये 800 पुरुषों में से आधे से अधिक पुरुष लिंग के सख्त न हो पाने की समस्या का निवारण ढूँढने आये थे।
रिसर्चकर्ता ने इन्हें दो ग्रुपों में बाँट दिया- वे जो 40 साल से कम थे और वे जो 40 से ज्यादा थे। युवा ग्रुप की औसत आयु 32 साल थी। और सबसे कम उम्र के व्यक्ति की उम्र 17 साल थी। ब्राज़ील और यूरोप की कुछ अन्य रिसर्च भी इन् तथ्यों का समर्थन करती हैं की 40 से कम उम्र के 30 फीसदी लोग इस समस्या का हिस्सा होते हैं।
मेडिकल हेल्प की ज़रूरत
इरेक्टाइल डिसफंक्शन ( लिंग के सख्त न होने की समस्या) का मतलब है नियमित रूप से लिंग के सख्त होने में कठिनाई महसूस करना, इस हद तक की सेक्स करना मुश्किल या नामुमकिन हो जाये। ये सच है की इस समस्या का अनुभव बढती उम्र के पुरुषों में ज्यादा पाया जाता है, लेकिन कम उम्र के लोगों में भी ये समस्या होना कोई अद्भुत बात नहीं है। और इसीलिए इस समस्या से जूझ रहे युवकों का इस समस्या से निजात पाने के लिए डॉक्टर की और रुख करना भी आम बात है।
शारीरक या मानसिक
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कई भौतिक कारण हैं। धुम्रपान फेफड़ों इरेक्शन के लिए भी हानिकारक है। ह्रदय वाहिनी समस्या या डायबिटीज एक सामान्य कारण है। इस समस्या का आपके आत्मविश्वास और आपके रिश्तों पर बुरा असर पड़ सकता है। स्ट्रेस या रिश्तों में स्वस्थ बातचीत न होना इस समस्या का मानसिक कारण बन सकता है।
और क्यूंकि भौतिक कारणों का असर अक्सर सिर्फ बढती उम्र के साथ ही अधिक होता है, ये देखा गया है की कम उम्र के युवकों में इस समस्या की वजह अक्सर मनोवैज्ञानिक ही होती है। अध्यन में पाया गया की 40 से कम उम्र के जो पुरुष इस समस्या से जूझ रहे थे, उनमे से अधिकाश धुम्रपान या अन्य ड्रग्स में संलग्न थे, ऑथर का कहना है।