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अपनी बोरिंग सेक्स लाइफ को बदलना

Submitted by Nehaa Singh Khamboj on गुरु, 11/06/2014 - 09:10 पूर्वान्ह
अभिनव और रूही की शादी को दो साल हो गए हैं और शायद हनीमून का दौर अब ख़त्म हो गया हैI ज़िंदगी मशीनी से बन के रह गयी हैI न रोमांस और न सेक्स के लिए वो इच्छाI

प्यार तो है, लेकिन दीवानगी ख़त्म हो गयी हैI आइये देखते हैं इस युगल ने उस बुझी हुई चिंगारी को कैसे फिर से आग दीI

अभिनव गुडगाँव में कार्यरत 28 साल का ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर हैI

रूही और मेरी शादी को दो साल हुए हैंi हम मिले, प्यार हुआ और तीन साल रिश्ता रहने के बाद हमने हमेशा के लिए एक डोर में बंधने का फैसला कियाi हम इस बात को लेकर बहुत उत्साहित थे की अंततः हम एक साथ बिना किसी सामाजिक रोकटोक के रह सकेंगेI लेकिन दो साल में ही सारा उत्साह ठंडा पड़ गयाi सुबह 9 से रात के 9 तक नौकरी, सप्ताह के अंत की छुट्टियां घर का सामन खरीदने में गुजरने लगीI

धीरे-धीरे आपस की बातचीत भी कम होने लगी, ज़रूरी बातों को छोड़करI बिना प्लान बनाये सेक्स करना भी बंद हो गयाI बिना वजह के चुम्बन, साथ में टीवी देखना सब कुछ अचानक पुरानी बातें हो गयीi हर समय या तो हम में से एक थका हुआ होता था, या अगले दिन ऑफिस में कोई ज़रूरी मीटिंग होती थीi वजह कोई भी हो, दूरियां बढ़ती जा रही थीI

एक बार फिर से वो पुराना पागलपन...

एक दिन बहुत ही मुश्किल दिन के बाद जब मैं घर पहुंचा तो रूही पहले से सो चुकी थी और फ्रिज पर एक नोट चिपका हुआ था की खाना फ्रिज के अंदर रखा हैI मैंने अकेले अपना खाना खाया और मुझे लगा की वो सब उत्साह और खुशियां कहाँ खो गयी हैं? मैं इस थकी हुई, उदास और एक ही ढर्रे की ज़िन्दगी से उक्ता चुका थाI उसी पल मैंने आपकी खोयी हुई खुशनुमा ज़िन्दगी को फिर से वापस लेने का निर्णय किया!

अगले दिन मैं काम से जल्दी घर लौट आया और मैंने हम दोनों के लिए खाना बनायाI जब मैं टेबल पर खाना लगा ही रहा था और रूही घर लौट आईI उसे समझने में कुछ पल लगे की ये सब क्या चल रहा थाI लेकिन जब उसे समझ आया तो मुझे उसके चेहरे पर वही खोयी हुई सुन्दर मुस्कान नज़र आईI

'रिफ्रेश' बटन

डिनर के दौरान मैंने प्यार से रूही का हाथ पकड़ उससे वो सब कहाँ जो न जाने कब से नहीं कह सका थाI मैंने उसे बताया की मैं उस पहले प्यार के जादुई एहसास को इतनी आसानी से खो नहीं देना चाहताI शुरू में उसे लगा जैसे मैं इस सब के लिए शायद उसे जिम्मेदार ठहरा रहा हूँ, लेकिन मैंने उसे भरोसा दिलाया की गलती हम दोनों की थी, इसलिए कोशिश भी हम दोनों को करनी होगीI

हमने महसूस किया कि हम सेक्स को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते और इस बारे में हमें कुछ कोशिश करनी चाहिएI हमने ये भी मन कि काम ज़रूरी है लेकिन उसे इतना ज़रूरी नहीं बनाना कि वो हमारी ज़िन्दगी पर ग्रहण लगा देI हमने साथ में वो सब करने के लिए समय निकलने का वादा किया जो हम करना चाहते थेय जैसे स्पा, जिम, और एक अच्छी हॉलिडेI

जब हमने अपने इस नए रूटीन को जीवन में ढला तो हमने पाया कि ज़िन्दगी फिर से खुशनुमा बनने लगीI अपना पुराना वक़्त फिर से लौट आयाI सेक्स अब रूटीन नहीं बल्कि उत्साहित करने वाला एहसास बन गयाI और देखते ही देखते प्यार का वो पागलपन फिर से लौट आयाI

क्या अपने भी अपने रिश्ते में नीरसता का अनुभव किया है? अपने इसे बदलने के लिए क्या कदम उठाये? अपने अनुभव हमसे यहाँ बाँटिये या फिर फेसबुक पर इस चर्चा में हिस्सा लेंI