आंटी जी कहती हैं, ओहहो पुत्तर, यह तो बहुत बुरा हुआ। हैं ना? अब इस का तो कोई तरीका नहीं है जिससे पता चल जाये कि सेक्स पूरा हुआ है, आधा या फ़िर ज़रा सा। लेकिन मेरा सवाल यह है कि पता करके तू करेगा क्या?
दो तरीके
सुन पुत्तर, तेरी उधेड़बुन देख कर मुझे तो यही लग रहा है कि लड़की को तुझे कुछ नहीं बताना चाहिए था। लेकिन इससे पता क्या चलता है? एक तो यह कि वो तुझे बताना चाहती है कि मैंने किस किया हुआ है- या शायद कई बार सेक्स भी।
दूसरा यह कि शायद उसे एहसास हुआ कि अपनी ज़िन्दगी के इतने महत्त्वपूर्ण पड़ाव की शुरुआत उसे झूठ से नहीं करनी चाहिए और उसके बारे में उसके होने वाले पति - यानि कि जैकब को सब पता होना चाहिए। चाहे कुुुछ भी हो जाये मैं जैकब से कुुुछ नहीं छुपाऊँगी।
मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि जब यह बात उसने अपनी किसी सहेली को बताई होगी तो उसने तेरी मंगेतर को तुझे कुछ भी बताने के लिए साफ़ मना कर दिया होगा। लेकिन फ़िर भी उसने बिना परिणाम के बारे में सोचे तुझे सब बता दिया। उसे पता था कि उसकी बात सुनकर तू रिश्ता भी तोड़ सकता है लेकिन शायद उसे इस बात का विश्वास था कि तू उसे समझ जाएगा।
चल एक बार मान भी लेते हैं कि तू इस रिश्ते को तोड़ने का फैसला लेता हैI तू यह कह सकता है कि तू अभी मन नहीं बना पा रहा हैI लेकिन कभी ना कभी तो सबको पता ही चल जाएगा कि माजरा क्या हैI सब जान ही जायेंगे कि क्यूंकि होने वाली पत्नी ने अतीत में अपने किसी रिश्ते में किस किया था इसलिए उसके होने वाले पति ने रिश्ता तोड़ दियाI अब एक बात बता कि क्या तेरी होने वाली बीवी ने यह नहीं सोचा होगा कि जब तू रिश्ता तोड़ेगा तो यह बात तेरे और उसके परिवार वालों को भी पता चल जाएगीI क्या कोई भी लड़की जानबूझकर अपने आपको ऐसी स्थिति में डालना चाहेगी? पुत्तर ऐसा करने की हिम्मत तो वही कर सकता है जो अपने दिल में सच्चा होI जो पूरी ईमानदारी और विश्वास से इस रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहता होI
क्या इससे कोई फायदा होगा?
अब सवाल आता है - कि तेरे ऐसा करने से शक और अविश्वास के अलावा और क्या हासिल होगा? अगर तुझे इस सवाल का जवाब नहीं मिलता तो पुत्तर मैं तो कहूंगी कि इस रिश्ते को यही खत्म करदेI तुझे शायद मेरी बात कड़वी लगे लेकिन अगर किसी रिश्ते की नींव ही धोखे, अविश्वास और सुनी सुनाई बातों पर टिकी हो तो अच्छा यही होगा कि वो रिश्ता शुरू ही ना होI
वैसे तो शक की गुंजाइश किसी भी रिश्ते में ना के बराबर ही होती हैI और जब बात हो है ऐसे रिश्ते की जो अंतरंग और दीर्घकालिक होने के साथ साथ शारीरिक अनुकूलता पर भी आधारित होता है, जैसे शादी, वहां तो यह ख्याल भी मन में नहीं ला सकतेI अगर ज़रा भी संदेह है तो एक भी कदम आगे मत बढ़ाओI
सीधे शब्दों में कहूं तो अगर आप अपने मन में संदेह और पूर्वकल्पित धारणा के इस राक्षस को पनपने का मौक़ा देंगे तो ना तो यह आपको अपना रिश्ता मज़बूत करने का समय देगा और ना ही दूसरे व्यक्ति को समझने का कोई अवसर देगाI हम अपने मन में एक कहानी बना लेते हैं और एक ऐसे व्यक्ति के साथ रहने का अवसर खो देते हैं जो शायद हमारे जीवन को खूबसूरत बना पाताI
खुले दिमाग से सोचो
एक बार फ़िर से सोच लो जैकबI थोड़ा समय भी ले सकते होI अगर हर बार लड़ाई होने पर तू इसी बात को बीच में लाएगा कि 'तूने पहले किस क्यों किया था' तो इससे घटिया बात कुछ नहीं हो सकतीI मैं तुझे लिखित में दे सकती हूँ कि फ़िर तो तुम दोनों का और इस रिश्ते का कुछ नहीं हो सकताI
लेकिन अगर तू उसे यह कहेगा कि तुझे उसकी ईमानदारी पर गर्व है और तू उसकी हिम्मत की दाद देता है तो उसे इस बात की खुशी होगी कि तुझे उस पर भरोसा हैI और बस तुम दोनों के प्यार की नींव इससे अच्छी शुरुआत कोई नहीं हो सकतीI यही नींव आगे चलकर तुम्हारे शादीशुदा रिश्ते को सुखद बनाने में सबसे ज़्यादा सहायक सिद्ध होगीI
तुझे अपना निर्णय लेने के लिए जितना समय लेना है ले लेकिन एक बार निर्णय लेने के बाद उससे पीछे हटने की मत सोचनाI सोच समझ कर पूरा निर्णय लेना - थोड़ा नहीं, ज़रा सा नहीं, पूराI
*गोपनीयता बनाये रखने के लिए तस्वीर में एक मॉडल का इस्तेमाल हुआ है और नाम बदल दिए गए हैंI
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