महिलाओं की प्रजनन क्षमता: कुछ मिथक
romrf

क्या बड़ी उम्र में प्रेगनेंसी होना मुश्किल होता है?

महिलाएं कई लाख सालों से शिशुओं को जन्म देती आई हैं, लेकिन महिलाओं की उर्वरता को लेकर कुछ गलतफहमियां अभी भी प्रचलित हैंI कुछ बातें पौराणिक हैं, कुछ विज्ञान का तोडा मोड़ा हुआ स्वरुप और कुछ निरी बकवासI

मिथ्या 1 : गर्भवती होना आसान है 

बहुत सी महिलाओं को बिना किसी ख़ास मुश्किल के गर्भ ठहर जाता है, लेकिन ये प्रक्रिया इतनी आसान भी नहींI अनुर्वर लोगों की अधिवक्तृता के संगठन 'रेसोल्व' के अनुसार अमरीका में हर 10 में से एक युगर अनुर्वरता की समस्या का सामना करता हैI और इन मामलों में से 60 प्रतिशत मामलों में अनुर्वरता की समस्या महिलाओं से जुडी पायी गयीI

आमतौर पर 50 प्रतिशत महिलाओं को प्रयास करने के 6 महीने के भीतर गर्भ ठहर जाता हैI लेकिन बहुत से युगलों को इस सुख के लिए 18  महीनो तक का समय लग जाता हैI इस बारे में तनाव लेने की आवश्यकता नहीं है- तनाव से सफलता नहीं मिलेगी!

यदि आप सब जातां करके देख चुके हैं और बात नहीं बन पायी है तो बेहतर है की उर्वरता का परिक्षण किया जाये किसी डॉक्टर से परामर्श लेकरI

पुरुष की उर्वरता का परिक्षण महिला की अपेक्षा काफी आसान है- तो शुरुवात पुरुष के की जाये तो बेहतर हैI

मिथ्या 2 : 35 के बाद उर्वरता में समस्या आने लगती है

एक बात जो महिलाओं के बीच प्रचलित है, वो ये की 35 के बाद गर्भ ठहरने में मुश्किल आती हैI हालाँकि ह्यूमन रिप्रोडक्शन जर्नल के अनुसार महिलाओं की उर्वरता में गिरावट 27 के बाद ही आना शुरू हो जाती हैI इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि अब आप गर्भवती नहीं हो सकती, बस प्रयास पहले से ज़्यादा लगेगा. 35 के बाद सम्भावना काफी कम होने लगती हैI

मिथ्या 3 : गर्भ नियंत्रण गोलियों से उर्वरता कम होती है

इस बात को कोई पुख्ता वैज्ञानिक आधार नहीं है कि ऐसी गोलियां उर्वरता को ख़त्म कर देती हैंI. इन् दवाओं में पाये जाने वाले हार्मोन अण्डोत्सर्ग को विलमित करने का काम करते हैंI लेकिन इनका असर प्राय 24 घंटे बाद ख़त्म होने लगता है. और उसके बाद आपकी उर्वरता सामान्य हो जाती हैI

मिथ्या 4 : अण्डोत्सर्ग 14वे दिन होता है 

आमतौर पर माहवारी चक्र 28 दिन का होता है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि हर महिला का चक्र इतना नियोजित होI कुछ महिलाओं का माहवारी चक्र 21 दिन का होता है जबकि कुछ का 35 तक का भी हो जाता हैI अण्डोत्सर्ग का सही समय जानने का तरीका है माहवारी के आखिरी दिन से 14 पीछे कि तारीखI अब ये 14 भी हो सकती है, 12 भी और 20 भी. और ज़्यादा सही तरीका है अण्डोत्सर्ग परीक्षण किटI जिसके प्रयोग से आप अपने पेशाब के ज़रिये शरीर में हो रहे हार्मोन्स का प्रवाह माप सकती हैंI

मिथ्या 5 : घड़ी को रोकना नामुमकिन है

वक़्त के साथ धीरे धीरे ढलती हुई उर्वरता को रोकना असंभव है लेकिन आधुनिक तकनीक ने दूसरा विकल्प सामने रखा हैI आप अपने अन्डो को फ्रीजर में रखवा सकते हैंI इस प्रक्रिया को विट्रीफिकेशन कहा जाता हैI ये न केवल उन् महिलाओं के लिए कारगर उपाय है जो अभी करियर के चलते बच्चा नहीं चाहतीं, बल्कि उन के लिए भी जिनको किसी बीमारी के चलते आगे चलकर गर्भ न ठहर पाने का खतरा हैI

क्या आपने भी उर्वरता से जुडी कोई धारणाएं सुनी हैं? अपनी राय यहाँ लिखें या फेसबुक पर इस चर्चा में हिस्सा लेंI

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Comments
Bete samanyataya periods 28 se 34 dino ke antral per ho sakte hai. Kya aap kisi vishesagya ya panjikrit doctor se mille hain? Kisi panjikrit doctor se mill lijiye aur unke nirdesh ka palan kijiye. Aur pregnancy ke tips yaha bhee pahdiye: https://lovematters.in/hi/resource/tips https://lovematters.in/hi/resource/pregnancy https://lovematters.in/hi/resource/menstrual-cycle Yadi aap is mudde par humse aur gehri charcha mein judna chahte hain to hamare discussion board “Just Poocho” mein zaroor shamil ho! https://lovematters.in/en/forum
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