Adolescent boy
v.s.anandhakrishna

लड़कों में किशोरावस्था

किशोरावस्था वह समय है जब आप बच्चे से वयस्क बनते हैं। यही वह समय है जब आपका शरीर यौनिक रूप से भी वयस्क (परिपक्व) हो जाता है।

अधिकांश लड़के पाते हैं कि उनके शरीर में लगभग 9 से 15 साल की उम्र में बदलाव आने शुरु हो जाते हैं। कुछ लड़कों में किशोरावस्था दूसरे लड़कों से जल्दी शुरु होती है और जल्दी पूरी हो जाती है।

आपके शरीर में बाहरी बदलाव आने शुरु होते हैं। शुरु में आपका कद तेज़ी से बढ़ता है अर्थात् थोड़े दिनों में ही आपकी लम्बाई बढ़ जाती है। कभी-कभार इस कद बढ़ने से पहले आप का वजन भी बढ़ सकता है।

हार्मोन्स 

किशोरावस्था में, आपकी आवाज़ भारी (गंभीर) हो जाती है, आपकी मांसपेशियां मज़बूत हो जाती हैं और कंधे चैड़े हो जाते हैं। आपके चेहरे, कांखों या बगलों में और जाघों के बीच बाल उगने लगते हैं। आपको पसीना अधिक आने लगता है और शरीर से गंध आती है। आपके चेहरे पर धब्बे या मुहांसे भी निकल सकते हैं।

ये सभी बदलाव आम बात है, और ये हार्मोन्स के कारण होते हैं। आपके खान-पान, वंशावली (माता-पिता से प्राप्त गुणों) और जातीय (एथ्निक जैसे भारतीय, अफ्रीकी, चीनी और अन्य) पृष्ठभूमि के कारण भी इनपर असर पड़ सकता है।

आम तौर पर किशोरावस्था 18 या 19 वर्ष की उम्र तक समाप्त हो जाती है, तब तक आपका शरीर एक वयस्क शरीर में बदल चुका होता है।

Puberty in boys

बाहरी बदलाव

1. त्वचा और दाग-धब्बे

कई लड़कों में किशोरावस्था के समय त्वचा अधिक चिकनाई बनाना शुरु करती और अधिक पसीना निकलता है। कभी-कभार चिकनाई आपके त्वचा के रोम छिद्रों को बंद कर देती है जिससे दाग-धब्बे हो जाते हैं, जिन्हें मुंहासे कहते हैं। जब आपको ये दाग-धब्बे (मुंहासे) हो जाएं तो त्वचा की चिकनाई कम करने के लिए स्किन क्लीनज़र का प्रयोग करें। आम साबुन का प्रयोग न करें - इससे आपकी त्वचा रूखी हो सकती है जिससे और अधिक दाग-धब्बे (मुंहासे) निकल सकते हैं।

2. बाल
किशोरावस्था में, शरीर के कई स्थानों पर बाल आने लगते हैं। आपको मूंछ या दाढ़ी आ सकती है। आपकी बगलों में लिंग और गुदा के चारों ओर तथा अंडकोषों पर भी बाल उगने शुरु हो जाते हैं। कुछ लड़कों में छाती तथा पीठ पर भी बाल आ जाते हैं। ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लड़कों के शरीर पर कभी भी बाल नहीं आते।

आपके  बाल कब और कितने उगेंगे, यह सब आपके अनुवांशिक गुणों पर निर्भर करता है। यदि आपके शरीर पर अभी कोई नए बाल नहीं आए हैं, तो चिंता न करें। कुछ लड़कों में, ये 11 वर्ष की उम्र में आने शुरू हो जाते हैं जबकि दूसरों में तब, जब वे 15 वर्ष के हो जाते हैं।

3. कंधे चौड़े हो जाते हैं

लगभग 14 वर्ष की उम्र में कई लड़कों के कद में तेज़ी से वृद्धि होती है। अर्थात् आप अधिक लंबे हो जाते हैं और आपके कंधे तथा छाती भी अधिक चैड़े हो जाते हैं।

लड़कियां, आम तौर पर लड़कों की तुलना में ज़ल्दी बढ़ना शुरू करती हैंए अक्सर जब वे 12 वर्ष की होती हैं। आपके इस तेज़ी से बढ़ने से पहले, आपके पेट के आस-पास कुछ अधिक मोटापन हो जाना आम बात है।

4. बढ़े हुए स्तन (छाती)

कई लड़कों की छाती के नीचे सूजन आ जाती है जिससे उनकी छाती बढ़ी हुई या फूली हुई होती हैं। यह आम बात है। कुछ लड़कों की छाती मुलायम होती हैं या उनमें दर्द होता है। साथ-ही एक तरफ की छाती दूसरे से बड़ी हो सकती है। जब कि यह एक आम बात है, लेकिन कुछ लड़के इससे शर्मिंदगी महसूस करते हैं। सौभाग्य से जब किशोरावस्था के बदलाव पूरे हो जाते हैं, तो अक्सर एक या दो वर्षों में यह समस्या नहीं रहती।

5. लिंग और अंडकोष

किशोरावस्था में आपके लिंग और अंडकोष बढ़ते हैं। पहले आपके अंडकोष बड़े होते हैं उसके बाद आपका लिंग। पहले आपका लिंग मोटा होता है उसके बाद लंबा। अधिकांश लड़कों में 15 वर्ष की उम्र तक उनके लिंग अपना पूरा आकार ले लेते हैं।

दूसरे बदलाव:

पसीना आना
किशोरावस्था में आपको अधिक पसीना आता है, खासकर आपकी बाज़ुओं के नीचे बगलों में। इसका मतलब है कि आपसे पसीने की अधिक गंध आने की संभावना होती है। यह पूरी तरह एक आम बात है।

बस, रोज़ स्नान करें और साफ़ कपड़े पहनें। यदि आप चाहें तो डिओड्रेन्ट का भी प्रयोग कर सकते हैं।

अन्य अन्दरूनी शारीरिक बदलाव

पहला वीर्यपात 

11 और 16 वर्ष की उम्र के बीच कभी भी आपका पहला वीर्यपात हो सकता है। जब ऐसा होता है तो आपके लिंग से रंगहीन या सफेद चिपचिपा द्रव बाहर निकलता है, जिसे वीर्य कहते हैं।

आपका पहला वीर्यपात नींद में हो सकता है। जब आपकी नींद खुलती है तो आपको बिस्तर पर गीला धब्बा दिखता है।यह पेशाब नहीं है बल्कि आपका पहला वीर्यपात हुआ है! हस्तमैथुन करते समय भी पहला वीर्यपात हो सकता है।

हस्तमैथुन के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

 

वीर्य और शुक्राणु - इनमें क्या अंतर है?

जब वीर्यपात होता है तो लिंग से बाहर आने वाला द्रव वीर्य कहलाता है। यह सफेद चिपचिपा द्रव होता है जिसमें लाखों शुक्राणु कोशिकाएं होती हैं।प्रत्येक स्वस्थ शुक्राणु कोशिका महिला शरीर में डिंब को निषेचित कर सकता है। वीर्यपात होने के तीन से पांच दिनों तक शुक्राणु जीवित रह सकते हैं।कुछ शुक्राणु तो वीर्यपात के आठ दिनों तक जीवित रहे हैं।

हंसना और रोना

किशोर होने के दौरान आप एक पल ख़ुशी महसूस कर सकते हैं और दूसरे ही पल उदासी। आप हर एक चीज़ के बारे में अधिक सोचना शुरू कर देते हैं - अपने बारे में और पूरी दुनिया के बारे में।

असुरक्षा की भावना
चूंकि आपके शरीर में बहुत अधिक बदलाव आने लगते हैं, इसलिए आप असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। आपको यह चिंता हो सकती है कि आप आकर्षक दिख रहे हैं कि नहीं या आपको लोग पसंद करते हैं कि नहीं। आपको अपने नए शरीर में हुए बदलावों का अभ्यस्त होना पड़ेगा। चिंता न करें, यह सब आम बात है!

 

आपकी आवाज़ फट जाती है (भारी हो जाती है)
लगभग 14 वर्ष की उम्र में आपकी आवाज़ ‘फट’ जाती है। इसका अर्थ है कि आपकी आवाज़ भारी हो जाती है। और यह इस कारण होता है कि आपके कंठ या घांटी और आपके स्वर तंत्र का आकार बढ़ जाता है।

इस दौरान अचानक आपकी आवाज़ ऊंची और तेज तथा कभी धीमी और भारी निकल सकती है। लेकिन यह केवल कुछ दिनों के लिए होता है। समय के साथ आपकी आवाज़ फिर से स्थिर हो जाती है।

प्यार होना

किशोरावस्था के दौरान, आप अक्सर किसी पसंदीदा व्यक्ति के बारे में अधिक कल्पना करने लगते हैं।

वह कोई लड़की या लड़का हो सकता है। आप भी चाहते हैं कि वह आपको पसंद करें। आप जब उन्हें देखते हैं तो अंदर से रोमांचित भी महसूस कर सकते हैं। और हो सकता है आपको उनसे प्यार हो जाए।

सेक्स के बारे में सोचना
किशोरावस्था के दौरान आप सेक्स के बारे में हर चीज़ जानने को उत्सुक रहते हैं।आप अक्सर सेक्स के बारे में सोचते रहते हैं। आप अपने शरीर में अधिक उत्तेजना और जोश महसूस करते हैं।कई लड़के सेक्स की किताबें पढ़ना, तस्वीरें  देखना और दोस्तों से इस बारे में बातें करना पसंद करते हैं।

क्या आप जानते हैं....?

हमें मान लेना चाहिए की यौवन का आगमन कुछ मानसिक उलझनें लेकर आता है। अक्सर लड़के और लड़कियों के मन में इससे जुड़े कई सवाल होते हैं और वो उन् सवालों को पूछने में झिझक और शर्म महसूस करते हैं। यहाँ हमने कुछ ऐसे ही आम सवालों को संगृहीत किया है, खुले और साफ़ जवाबों के साथ।

मेरे अंडकोषों का आकार समान नहीं है। क्या यह सामान्य है?

जी हाँ, यह बिलकुल सामान्य है। अक्सर एक अंडकोष दूसरे की तुलना में थोडा बड़ा या असमान हो सकता है। अंडकोष छोने में मुलायम होना चाहिए और छूने पर किसी दर्द का अनुभव नहीं होना चाहिए। अगर दर्द है तो डोक्टो की सलाह लें।

कभी कभी बिना वजह मेरा लिंग सख्त हो जाता है, क्या यह सामान्य है?

जी हाँ, यह बिल्किल सामान्य है। लिंग के उत्तेजन की कोई विशेष वजह नहीं होती। ये कोई भी रोज़मर्रा का काम करते हुए सख्त हो सकता है जैसे की सोते हुए, खाते हुए या टीवी देखते हुए. अक्सर सुबह उठने पर आप लिंग को सख्त पाते हैं। इसका कोई विशेष कारण नहीं है और ना इसका कोई नुक्सान।

यौवन के दौरान शरीर में हार्मोन प्रवाह घाट या बढ़ सकते हैं। इसके फलस्वरूप लिंग का सख्त होना देखा जा सकता है। कुछ लड़कों में व्यस्क हो जाने पर ऐसा होना कम हो जाता है।

मैं असमय और अनचाहे लिंग उत्तेजन को कैसे नियंत्रित कर सकता हूँ?

यदि आपका लिंग किसी कामुक सोच के कारण सख्त हुआ हो तो आप उसकी बजाय कोई और नीरस सी बात सोच कर अपना ध्यान बाँट सकते हैं। लेकिन सहज और बिना वजह हुए लिंग उत्तेजन को नियंत्रित करने का कोई तरीका नहीं है। आप केवल ऐसे कपडे पहनने का प्रयास कर सकते हैं जिसमे इसका सख्त होना बाहर से प्रतीत न हो।

मैं 17 साल का हूँ और छाती के एक तरफ का हिस्सा थोडा बड़ा लगता है और छूने पर दर्द होता है। मैं क्या करूँ?

यौवन के आने पर लड़कों में यह समस्या कई बार देखी जाती है जब निप्पल के नीचे वाला भाग बड़ा होता प्रतीत है। इसे गायनाकोमेस्टिया कहते हैं। निप्पल थोड़े नाज़ुक लगते हैं और छूने पर दर्द होता है।

यह कोई संगीन मेडिकल स्थति नहीं है और समय के साथ अपने आप ख़त्म हो जाती है, अक्सर 17 से 19 वर्ष के बीच में। बेशक ये सामन्य समस्या हो लेकिन बढ़े हुए स्तन लड़कों के लिए अक्सर शर्मिंदगी का सबब बन जाते हैं।

यदि 18 से 19 साल की आयु के बाद भी आप ये दर्द महसूस कर रहे हैं तो किसी चिकित्सक की सलाह लेना सही होगा।

मैं बढे हुए पुरुष स्तन और बड़े निप्प्लेस को छुपाने के लिए क्या करूँ?

कुछ त्वचा उत्पाद जैसे की शैम्पू, बॉडी क्रीम या साबुन इत्यादि में टी ट्री आयल और लैवेंडर होता है जिससे गायनेकोमेस्टिया हो सकता है। इन् उत्पादों में एस्ट्रोजन हार्मोन होता है जो शरीर पर ये असर डालता है। इन् उत्पादों का प्रयोग बंद करने से आमतौर पर इसका निवारण हो जाता है।

एचआईवी /एड्स के इलाज के साइड इफ़ेक्ट से भी गायनेकोमेस्टिया हो सकता है।

यदि मेरा वीर्य और पेशाब एक ही छिद्र से बाहर आता है तो क्या मेरे वीर्य में पेशाब है?

जी नहीं। यह सच है की वीर्य और पेशाब एक ही उरेथ्रा छिद्र से बाहर आते हैं। लेकिन इस छिद्र की दो नलियांहोती हैं, एक ब्लैडर को जाती है और दूसरी वैन डेफेरेन को। जब लिंग वीर्य का स्त्राव करता है तो एक वाल्व ब्लैडर वाली नली में पेशाब आने से रोक लेता है।

मेरा दोस्त कहता है की उसे 2 चम्मच जितनी मात्र में वीर्य स्खलन होता है- क्या यह सामान्य है?

कोई भी 2 पुरुष समान नहीं होते। यह अनुवांशिक हो सकता है। लेकिन इस बात पर भी निर्भर करता है की आपके 2 वीर्यस्खलन के बीच कितने समय का फासला था।

आमतौर पर स्खलित वीर्य की मात्र 0.5 मिलीलीटर से 10 मिलीलीटर हो सकती है- दूसरे शब्दों में 1 बूँद से लेकर 2 चम्मच जितनी (एक चमच 5 मिली के समान है)

क्या महिला को गर्भवती करने के लिए बहुत सारा वीर्य निकलना ज़रूरी है?

नहीं। आपके वीर्य में लाखों शुक्राणु होते हैं. लेकिन गर्भाधान के लिए सिर्फ एक ही काफी होता है। तो वीर्य के एक बूँद भी काफी है।

क्या लिंग के उत्तेजित होने पर हर बार वीर्य निकाल देना ज़रूरी है?

नहीं। यौवन शुरू होने पर लाखों शुक्राणु हर दिन उत्पादित होते हैं। स्खलन न होने की सूरत में वो फिर से अवशोषित कर लिए जाते हैं जिसमे कोई बुराई नहीं है।

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

Comments
Jee haan Aditya bete ... aap zaroor kar saktay hain ... lekin baat size ki nahin hai - style ki hai beta, apne partner ko jaano samjho aur unki utejana pe utna hee focus karo jitna khud ki. yeh hai achche sex ki nishani. Ling ke size ki sahi jaankari yahan se hasil kijiye: https://lovematters.in/en/resource/penis-shapes-and-sizes Yadi aap is mudde par humse aur gehri charcha mein judna chahte hain to hamare discussion board “Just Poocho” mein zaroor shamil ho! https://lovematters.in/en/forum
नई टिप्पणी जोड़ें

Comment

  • अनुमति रखने वाले HTML टैगस: <a href hreflang>