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ख़ास सलाह: ससुरालवालों के साथ रहना...

भारत में आमतौर पर माना जाता है की शादी एक व्यक्ति के साथ नहीं बल्कि एक परिवार के साथ होती हैI

यदि आप अपने ससुरालवालों के साथ सौहाद्रता से रहने के बारे में कुछ सलाह की तलाश में हैं तो प्रस्तुत है हमारी पेशकश:

कारण समझ लीजिये: ससुरालवालों के साथ रहने के फैसले के पीछे कई वजह हो सकती हैंI ये वजह आर्थिक हो सकती है, या हो सकता है की आप दोनों ही काम करते हैं और आपके पीछे से बच्चों की देखरेख में सास ससुर की मदद की जरुरत होI या हो सकता है कि सास ससुर का स्वास्थ आपके साथ रहने का कारण हो, ताकि आप उनकी सहायता कर सकें या फिर संभव है कि साथ रहने कि वजह पूरी तरह से पारम्परिक होI वजह जो भी हो, बेहतर है कि आप ये वजह अच्छी तरह समझ लेंI

सकारात्मक नज़रिये पर ध्यान दें: सबकुछ हमेशा परीलोक जैसा रहे, ये शायद संभव न होI ससुराल वालों के साथ रहने के अपने फायदे और नुकसान हो सकते हैंI हो सकता है कि जब आप एक व्यस्त दिन के बाद घर पहुंचे तो आपका डिनर तैयार हो और आपकी अनुपस्थिति में आपके बच्चों कि बहुत अच्छी देखभाल कि जा रही होI जब आपको मुश्किल लगे तो इस सकारात्मक पहलू के बारे में अवश्य सोच लेंI

अपनी पहचान न खोएं: हम जानते हैं कि आप उम्मीद करते हैं कि आपके ससुरालवाले बहुत अच्छे स्वाभाव के हों और आपको बहुत सहयोग दें, लेकिन याद रखिये, बहुत सुलझे हुए लोग भी कभी कभी अपना धैर्य खो सकते हैंI इसलिए आप उन्हें खुद को सही तरीके से समझने का मौका देंI

आप और आपका साथी एक हर हाल में साथ: आप दोनों इस पूरी व्यवस्था में बराबर के हिस्सेदार हैंI अगर कोई मतभेद होता है तो हर बार अपने साथी से आपकी तरफदारी करने कि उम्मीद मत रखियेI बातचीत से मुश्किल का समाधान करने कि कोशिश कीजियेI

सास-ससुर से सीधा संवाद: अपने साथी के ज़रिये अपनी बात सास ससुर तक न पहुचायेI ये आवश्यक है कि आप खुद उनसे संवाद करें और उनकी बात भी सुनेI

विनम्र रहे: अगर कोई अरुचिकर संदसेश देना हो, तो उसे दृढ़ता के साथ कहना अच्छी बात है लेकिन विनम्रता को न भूलेंI व्यक्तिगत टिप्पणी न करें और अशिष्ट न बनें. कई बार हो सकता है कि आपको अपनी बात रखने के लिए बहुत सूझबूझ से काम लेना पड़े और उसके लिए अपना धैर्य नियंत्रित रखना बहुत ज़रूरी हैI

बहस से बचें: यदि आपके साथी और किसी और परिवार वाले के बीच में कोई बहस हो तो उसका हिस्सा बनने से बचना बेहतर हैI वो भी एक ही परिवार का हिस्सा हैं, और उन्हें अपनी समस्या का समाधान करने दीजियेI समय के साथ सभी एक दुसरे के साथ अपने आप सहज ही जायेंगेI

मिलकर निर्णय लीजिये: संभव है कि आपके ससुरवाले घर के सभी फैसलों का हिस्सा बनने कि इच्छा रखते होंI घर के छोटे बड़े फैसलों में उनकी राय पूछने से उन्हें अच्छा महसूस होगाI

सीमा निर्धारित कर लें: उन्हें शामिल करना बहुत अच्छी बात है लेकिन इसके चलते अपनी व्यक्तिगतता की बलि न चढ़ाएंI कुछ बातें केवल आप और आपके साथी का ही निर्णय हो सकती हैं और इस तरह के निर्णय आप दोनों का फैसला हैंI यदि आप उचित सम्हें और ज़रूरत समझें तो आप इन फैसलों के लिए भी घर के बड़ों की सलाह अवश्य ले सकते हैंI

शब्दों का चुनाव: मुह से निकले शब्द तीर की तरह होते हैं जो वापस नहीं आ सकतेI कई बार चुप रहना ही सबसे अच्छा तरीका होता हैI

प्रतारणा न सहें: कभी कभी हलके फुल्के मतभेद होना या बहस होना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन किसी भी परिस्थिति में मानसिक या शारीरिक प्रतारणा कभी बर्दाश्त न करेंI यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो पुलिस या महिला कल्याण से संपर्क करें, वो इस मुश्किल से निकलने में आपकी सहायता ज़रूर करेंगेI

क्या आपके पास भी ससुरालवालों के साथ सौहाद्रपूर्ण तरीके से रहने की कुछ और सलाह हैं? अपनी राय यहाँ लिखें या फेसबुक पर इस चर्चा में हिस्सा लेंI

क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?

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