संजना (परिवर्तित नाम) दिल्ली में कार्यरत 28 साल की महिला हैI
मुझे रोहित से बहुत लगाव था- इसीलिए हमने एक साल पहले एक साथ एक ही घर में रहने का फैसला कियाI हम लगभग रोज़ सेक्स करते हैं और मेरा यकीन था की हमारा सेक्स जीवन काफी अच्छा चल रहा थाI कम से कम मैं तो यहॉ सोचती थीI एक दिन मेरा ये भ्रम टूटा जब मैंने अपना लैपटॉप रोहित को इस्तेमाल करने के लिए दिया क्यूंकि उसके लैपटॉप ख़राब हो गया थाI
एक हफ्ते बाद उसने नया लैपटॉप ले लिया और मुझे मेरा वापस कर दियाI एक दिन मैं अपनी एक सहकर्मी से साथ लैपटॉप पर कुछ काम कर रही थीI इस सहकर्मी को मेरा और रोहित का बिना शादी के साथ रहना वैसे भी गलत लगता था और अचानक लैपटॉप में कुछ ढूँढ़ते हुए कुछ पोर्न वेबसाइट अचानक ही सामने आ गयीI उसने मुझसे कहा," तुम लोगों को भी ये सब देखने की ज़रूरत पड़ती है? मुझे तो लगा था की ऐसे रिश्तों में सेक्स की कमी नहीं होती होगीI"
हर रात सेक्स
मेरे पास उसकी इस बात का कोई जवाब नहीं बचा थाई उसके जाने के बाद मैंने क्रोम ब्राउज़र पर इंटरनेट पर खोली गयी सभी साइट्स का ब्यौरा देखा और मुझे काफी बड़ा झटका लगाI मुझे लगता था कि बैडरूम के अंदर और बाहर हमर रिश्ता कमाल का था, लेकिन अगर ऐसा था तो रोहित को पोर्न देखने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई? क्या वो मेरे साथ संतुष्ट नहीं था? क्या वो मुझसे प्यार नहीं करता? क्या अच्छे सेक्स वालो बात सिर्फ रिश्ता निभाने के लिए किया गया दिखावा थी?
मेरे दिमाग में ये सारे सवाल घूमने लगेI मैंने इस सन्दर्भ में अपनी कई सहेलियों से बात कीI मैं उन्हें ये नहीं बता सकती थी की मैं रोहित के बारे में बात कर रही थी, इसलिए मैं आम चर्चा करते हुए उनसे उनकी राय जानने की कोशिश कीI उनमे से ज़्यादातर को इस बात का अंदाज़ा नहीं था की लड़के गंभीर रिश्तों में रहकर पोर्न देखते हैं या नहींI
मैंने उसे रिझाने की कोशिश अब पहले से ज़्यादा कीI हमने हर रात सेक्स करना शुरू कर दियाI लेकिन मेरे दिमाग के एक कोने में ये सवाल फिर भी मुझे परेशान करता रहाI ये सिलसिला कुछ दिन चल पाया और फिर ज़िन्दगी सामान्य गति पर लौट आईI
'शिकायत करना बंद करिये'
कुछ दिन बाद उसके फोन पर भी मैंने कुछ वैसी ही पोर्न वेबसाइट की हिस्ट्री देखिI अब मुझसे और नहीं रुक गयाI ये बात मुझे परेशान कर रही थी और एक दिन बहस के दौरान मैंने उसे सबकुछ बता दिया- लैपटॉप, मोबाइल,मेरा डर, मेरी उसे रिझाने की कोशिश, सबकुछI
हालाँकि फोन की तलाशी लेने वाली बात उसे पसंद नहीं आई लेकिन वो शांत रहा और उसने आपा नहीं खोयाI उसने कहा कि वो हम दोनों के सेक्स जीवन से पूरी तरह संतुष्ट और खुश था लेकिन उसे कभी कभी पोर्न देखना पसंद हैI
मुझे कहना पड़ा," रोहित, तुम दूसरी लड़कियों को देखो, ये मुझे अच्छा नहीं लगता!"
अब उसका धैर्य थोड़ा टूटने लगा और उसने कहा कि मुझे फालतू में शिकायत करने का कोई हक़ नहीं है क्यूंकि वो सिर्फ पोर्न देखता है, उसने कभी उन् वीडियो में होने वाली चीज़ों को हमारे सेक्स जीवन से जोड़ने कि कोशिश नहीं कि हैI और यह कहकर वो चला गयाI मुझे उसकी बात सुनकर गुस्सा आया, दुःख भी हुआ लेकिन कुछ देर बाद मैंने ठन्डे दिमाग से सोचा और मुझे लगा कि वो गलत तो नहीं कह रहा थाI उसने कभी सेक्स के दौरान मुझसे कुछ भी ऐसा करने कि उम्मीद नहीं कि जिससे मुझे असहज महसूस होI
समझने कि कोशिश
अगले दिन मुझे ऑफिस के काम से पांच दिन के लिए जयपुर जाना पड़ाI मैंने उसे मैसेज करके बता दियाI वो फूलों का गुलदस्ता लेकर मुझे बस स्टैंड पर छोड़ने आया और उसने मुझसे माफ़ी मांगीI उसकी इस बात से मुझे पोर्न वाला सारा किस्सा भूलकर उसे माफ़ कर देने को जी चाहाI मुझे लगा कि शायद मुझे उसे और समझना चाहिए और जानना चाहिए कि पोर्न में आखिर उसे ऐसा क्या पसंद हैI
मुझे जयपुर से लौटे चार महीने हो चुके हैंI मैं ये दर्शाने कि कोशिश नहीं करती कि मुझे पोर्न वाली बात का अंदाज़ा ही नहीं हैI मैं कोशिश करती हूँ कि रोहित कि पसंद और नापसंद को बेहतर रूप से समझूँI पोर्न के प्रति मेरा रवैया अब पहले जैसा नहीं हैई (असल में, मैंने तो जिज्ञासावश एक दिन पोर्न देखने कि भी कोशिश की) लेकिन मुझे पोर्न पसंद आ पाने में शायद काफी समय लगेगाI
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