पोर्न अच्छा है
यह बैन बकवास है! यह वैसा ही है जैसे यह कहना कि फ़ास्टफ़ूड से सेक्स सम्बंधित अपराधों को बढ़ावा मिलता हैI अगर आप की ज़िंदगी में सेक्स की कमी है तो इससे आप को निराशा हो सकती है और उस निराशा को दूर करने के लिए पॉर्न से अच्छा साधन नहीं हो सकताI तो मैं तो यही कहूँगी कि पॉर्न बढ़िया हैI
मीना सरीन, 28, आयोजक
कामुक ऊर्जा की मुक्ति
यह मेरी समझ से तो बाहर हैI मतलब अगर मैं कोई हिंसक फिल्म देखूं तो क्या मेरा मन करेगा कि मैं राह चलते हर आदमी को मार डालूं? मेरे ख्याल से इस बात का कोई आधार नहीं हैI पोर्न ना सिर्फ़ हमारी कामुक ऊर्जा को मुक्त करता है बल्कि हमारे जीवन में सेक्स को भी बेहतर बनता हैI
राहुल सेठ, 22, विद्यार्थी
एकतरफ़ा रवैया
हे भगवान! आप मज़ाक तो नहीं कर रहें? मुझे खुद पॉर्न देखना इतना पसंद नहीं है लेकिन मुझे विश्वास है कि इसे देखने से कोई बलात्कारी तो नहीं बन सकताI यह ज़रूर हो सकता है कि अगर बच्चे इसे देखे तो उनके मन में सेक्स को लेकर गलत धारणाएं बन सकती हैI
यह बात सही है कि पॉर्न फिल्मों में सेक्स को थोड़ा असंतुलित तरीके से दिखाया जाता हैI पॉर्न में आप परपीड़न-कामुकता और हिंसक सेक्स देखते हैं जो सेक्स को लेकर आपकी समझ को विकृत कर सकता हैI मेरे ख्याल से अगर सच में सेक्स सम्बंधित अपराधों को कम करना है तो स्कूलों और अभिभावकों को इस बारे में बच्चों से खुल कर बात करनी चाहिएI उन्हें ना सिर्फ़ सुरक्षित सेक्स बल्कि अपने साथी की मंजूरी के महत्त्व के बारे में बताना चाहिएI सेक्स को सिर्फ़ एक जैविक या प्रतिबंधित विषय के रूप में ना देखकर इसके भावनात्मक और आनन्दायक पहलुओं पर भी प्रकाश डालना चाहिएI मेरे ख्याल से इससे हमारे समाज में रेप पर अंकुश लगाने में ज़रूर मदद मिलेगीI
दीप्ति कुकरेजा, 26, लॉ इंटर्न
कामसूत्र की धरती
कभी कभी सोचता हूँ कि क्या हो गया है उस देश को जिसे कामसूत्र की जननी कहा जाता है और जहाँ यौन सुख को कलात्मक क्रियाकलाप समझा गया हैI पॉर्न तो केवल एक ज़रिया है अपने यौनिक सुख को बढ़ाने काI ऐसी क्या बात हो सकती है कि कुछ लोगों को लगता है कि इससे रेप बढ़ेंगे, यह मेरी समझ से बाहर है I
सच्चाई यह है कि ज़्यादातर पुरुषों को और शायद कई महिलाओं को भी पॉर्न देखना अच्छा लगता हैI और ऐसे जितने लोगों को मैं जानता हों उनमे से कोई भी रेपिस्ट तो नहीं हैI मेरा मतलब है ज़रा सोच कर देखिये रेप के पीछे कारणों को - निराशा, आक्रोश, पकड़े जाने का डर ना होना, औरतों के लिए मन में अनादर का भाव, और शायद एक हिंसात्मक अतीतI तो एक रेपिस्ट द्वारा किये गए जघन्य अपराध के लिए पोर्न को दोष देना ठीक नहीं हैI
अभय कुमार, 22, विद्यार्थी
पक्षपातपूर्ण नैतिकता
विश्वास नहीं होता कि हम इस विषय में बात भी कर रहे हैंI पोर्न साहित्य और फिल्में इतनी आसानी से उपलब्ध हैं कि हर कोई देख सकता हैI मैं नहीं मानती कि हमारे देश में हर आदमी रेपिस्ट है या हो सकता हैI मानना थोड़ा मुश्किल हैं लेकिन मैं जानती हूँ कि मेरे परिवार के पुरुषों ने भी पोर्न देखा होगाI लेकिन मैंने उन्हें कभी भी सड़को पर आवारागर्दी करते या औरतों को परेशान करते नहीं देखा हैI रेप पूरे विश्व में होते हैं लेकिन और देशों के लोग रेप और पोर्न में कोई परस्पर सम्बन्ध नहीं मानतेI
तो हमारे देश में ऐसा क्यों हो रहा है? क्यूंकि कुछ नैतिक रूप से प्रशंसनीय और इज़्ज़तदार नागरिक इस पक्षपातपूर्ण नज़रिये का समर्थन करते हैं और ऐसी किसी भी चीज़ जिससे उनकी संवेदनशीलता को ठेस पहुँचती हैं, उसे बैन करने की कोशिश करते हैंI मैं आशा करत्ती हूँ कि ऐसी दूषित सोच में बदलाव आये और हमारा समाज थोड़ा उदारशील बनेंI
मेरे विचार में, रेप तभी बंद हो सकते हैं जब औरतों को सशक्त बनाया जाएं और पुरष यह मान ले कि उनमें और एक महिला में कोई अंतर नहीं हैI अब यह एक चर्चा योग्य विषय हैI
शीतल आर्य, 21, विद्यार्थी
क्या आप यहाँ व्यक्त विचारों से सहमत हैं? या आपको लगता हैं कि पॉर्न देखने से रेप को बढ़ावा मिल सकता है? अपने राय यहाँ या फेसबुक पर हमें बताएंI