पॉर्न देखना सामान्य धारणा के अनुसार निकृष्ट समझा जाता है। इसके समर्थन में लोग अक्सर यह दलील देते है कि पॉर्न देखने से आपका अपने साथी के शरीर के प्रति आकर्षण कम हो जाता है क्यूंकि जिस तरह की विविधता पॉर्न फ़िल्मो में दिखाई जाती ऐसा असल ज़िंदगी में होना थोड़ा मुश्किल है। कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि शायद इसलिए सम्भोग क्रिया के दौरान पुरुष उतना उत्तेजित नहीं हो पाते जितना कि वो पॉर्न देख कर होते है।
किन्तु, इस बात का कोई प्रमाण अब तक उपलब्ध नहीं था जो कि यह बताये कि एक आम पुरुष कितना पॉर्न देखता है और उसका उसके सेक्स जीवन से क्या सम्बन्ध है।
कुछ अमरीकी और कनेडियन शोधकर्ताओं ने माना कि इस बात की तह तक पहुँचने की ज़रुरत है कि पॉर्न का पुरुषो के शिश्न के उथानक्षम और सम्भोग के दौरान उत्तेजित होने में क्या कोई सम्बन्ध है या नहीं। असलियत में वो यह जानना चाहते थे कि एक पुरुष के लिए पॉर्न देखना क्या सच में उतना ही बुरा है जितना कि समझा जाता है?
शोधकर्ताओं ने 280 पुरुषो को एक लघु पॉर्न फ़िल्म दिखाने के लिए लेबोरट्री में बुलाया। उस फ़िल्म में एक पुरुष और महिला को आपसी सहमति से सेक्स करते हुए दिखाया गया था। सभी प्रतिभागियों को अलग कमरे दिए गए थे और यह निश्चित किया गया कि फ़िल्म देखते हुए उन्हें किसी भी तरह का विघ्न ना हो।
अधिक उत्तेजना
हर व्यक्ति से पुछा गया कि एक हफ़्ते में वो आमतौर पर कितनी बार पॉर्न देखते है और फ़िल्म देखने के बाद उन्होंने अपने आपको कितना उत्तेजित महसूस किया। उनसे उनकी काम वासना से सम्बंधित सवाल पूछे गए।जो लोग किसी रिश्ते में थे उनसे एक प्रश्नावली भरवाई गयी जिसमे उन्हें उथानक्षम और अपने साथी के साथ होने वाले सेक्स से वो कितने संतुष्ट है उस बारे जानकारी देनी थी।
जो जानकारी सामने आयी उस से यह पता चला की एक आम पुरुष की एक हफ़्ते में पोर्न देखने की अवधि 0 से 25 घंटे है। आश्चर्यजनक बात यह थी कि जहाँ तक बात शिश्न के उन्नत रहने की और अपने साथी से उत्तेजित होने की थी उसका इस बात से कोई सम्बन्ध नहीं था कि आप कितना पॉर्न देखते है। जो पुरुष पॉर्न नहीं देखते थे उन्होंने भी अपने आपको उतना ही उत्तेजित पाया जो बहुत ज़्यादा पॉर्न देखते थे।
ना सिर्फ पॉर्न देखने से शिश्न के उन्नत होने में किसी भी तरह की समस्या दिखी बल्कि यह पाया गया कि वो पुरुष लैब में फ़िल्म देखने के दौरान अंत में ज़्यादा उत्तेजित हुए जो कि हर हफ्ते पॉर्न देखते थे।
यह बात अलग है कि इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि ज़ाहिर सी बात है कि जिन पुरुषो को पॉर्न देखने में पहले से ही मज़ा आता है उनका उससे उत्तेजित होना सामन्य है। लेकिन शोधकर्ताओं का यह मानना था कि यह शोध उस बात की पुष्टि करता है कि पॉर्न देखने से एक पुरुष का असल जीवन में यौन क्रिया के प्रति आकर्षण कम नहीं होता है।
नए सुझाव
प्रश्नावली के अनुसार पॉर्न देखने वाले पुरुषो की यौनरुचि बाकी पुरुषो की तुलना में ज़्यादा थी क्योंकि यह ना सिर्फ अपने साथी के साथ सम्भोग क्रिया ज़्यादा करते थे बल्की हस्तमैथुन के प्रति भी इनका रुझान उन पुरुषो की तुलना में ज़्यादा था जो पोर्न नहीं देखते थे।
वैसे यह बात पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि ज़्यादा पॉर्न देखने से काम वासना और यौनरुचि में वृद्धि होती है - क्यूंकि इसका उल्टा भी हो सकता है। लेकिन कम से कम इतना तो स्पष्ट है कि पॉर्न से पुरूषो का अपने साथी से सेक्स करने का रुझान कम नहीं होता है।
तो आखिर पोर्न देखना आपके सेक्स प्रदर्शन को कैसे बेहतर बना सकता है? शोधकर्ताओं ने कुछ उपाय बताये। एक तरीका तो पोर्न के ज़रिये सेक्स करने के अलग अलग तरीकों को जान पाना है। सेक्स के तरीकों को जानने के अलावा, पुरुषों का विभिन्न सेक्स गतिविधियों से उत्तेजित हो पाना भी इसका एक फायदा है। और यह बिंदु महिलाओं के नज़रिये से काफी महत्त्व रखता है क्योंकि उत्तेजना के मामले में अलग अलग महिलाओं के मामले में अलग अलग सेक्स तकनीक कारगर हो सकती हैं।