पहले से तैयारी कर लें। आप किन वजहों से सम्बन्ध ख़त्म कर रहे हैं ये खुद जान लें क्यूंकि ये आप को अपने साथी को सम्झना पड़ेगा। कारणों का चिंतन करना आपको इसके लिए तैयार तो करता ही है साथ ही साथ आपको अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने का मौका भी देता है।
● अगर सम्भव हो तो ये खबर खुद मिलकर देना बेहतर है, बजाय फोन या मोबाइल सन्देश के। रिश्ते का अंत अगर मुलाकात और सही बातचीत के साथ हो तो अपनी ज़िन्दगी को इस रिश्ते के बाद सामान्य करना आसान हो जाता है।
● यह बात करने के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करें जहाँ आप दोनों सहज महसूस कर सकें। भीड़ भाड़ वाला रेस्टोरेंट या बहुत से अजनबियों के बीच शायद थोडा अटपटा लगने कि सम्भावना हो सकती है।ऐसी जगह चुने जहाँ आप दोनों सुरक्षित और सहज महसूस करें।
● सच बोलें। अपने साथी को साफ़ साफ बता दें कि अपने ये फैसला क्यूँ लिया। उन्हें बताएं कि आपके अनुसार रिश्ते में क्या गलत था। सुनने में कड़वा ज़रूर लगेगा लेकिन सच कह देना बेहतर है। उन्हें ये पता तो होना चाहिए कि सम्बन्ध ख़त्म होने कि वजह क्या है।
● निर्दयी न बनें। सम्बन्ध टूटना अपने आप में ही दुखद और कड़वा एहसास है। तो कटुशब्दों से इसे और दुखद बना ठीक नहीं। ईमानदारी से बात कहना और क्रूर होने में फर्क है। सच को बिना आघात पहुंचाए प्रस्तुत करिये।
● कोई शंका न रखें। अपने साथी के या अपने मन में कोई झूटी उम्मीद न रखना ही अच्छा होगा।
● उनकी ख़राब प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहे। जो आप कहेंगे वो सुन्ना उनके लिए शायद आसान नहीं होगा। तो यदि आपकी बात सुनकर प्रतिक्रिया स्वरुप आपके साथी को रोना आ जाये या गुस्सा आ जाये तो धैर्य से काम लें।
● अपने फैसले पर कायम रहे। जब एक बार सब कुछ प्रयास करने के बाद अपने मन बना लिया है तो अब अपने फैसले से पीछे हटना सही नहीं है। 'एक और मौका' देना शायद अब काम नहीं आयेगा।