किरण की राय

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हर गर्भपात पर अफ़सोस हो, ज़रूरी नहीं

गर्भवती होने के बारे में अनिश्चितता
मैं शादी के दो महीने बाद ही प्रेग्नेंट हो गयी थीI हम दोनों ही परेशान और नाखुश थेI नवविवाहित जोड़ो की तरह खुशी मनाना तो दूर, हमें तो एबॉर्शन की चिंता सताने लगी थीI

मैं उस अपराध का हिस्सा नहीं बन सकता था

शादी
प्रियांक अपने पिता पर आँख बंद कर विश्वास करता था इसलिए उनके एक बार कहने पर कॉलेज छोड़ कर तुरंत अपने घर, बिहार वापस आ गया थाI घर पहुंच कर उसे पता चला कि उसके घरवालों ने उसकी शादी के लिए लड़की देखी हैI लेकिन जैसे ही प्रियांक की नज़र चाय की ट्रे थामे सीमा पर गयी, उसे विश्वास हो गया कि कुछ गलत हो रहा है!