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प्यूबिक लाइस

प्यूबिक लाइस को ‘क्रैब्स’ के नाम से भी जाना जाता है। ये छोटे परजीवी होते हैं जो आपकी चमड़ी से खून चूसते हैं।

जब आप इनसे संक्रमित होते हैं तो इन्हें कभी-कभार नंगी आंखों से अपने जननांग के आस-पास के बालों में सफेद बिंदुओं की तरह देख सकते हैं।

जबकी यह परेशान करते हैं पर क्रैब्स का इलाज संभव है।

प्यूबिक लाइस या जूएं कैसे पड़ते हैं?

यौनिक या गैर-यौनिक संपर्क से आपको जूएं पड़ सकते हैं।

मूल रूप से क्रैब्स एक-दूसरे की चमड़ी के काफी नज़्दीकी संपर्क में आने से पड़ते हैं या बहुत नज़दीकी आचरण या बर्ताव जैसे कि कपड़े, बिस्तरे या स्लीपिंग बैग का आदान-प्रदान करने से पड़ते हैं।

टायलट सीट पर बैठने या तरण-ताल (स्वीमिंग पूल) में तैरने से आपको जूएं नहीं पड़ते हैं।

प्यूबिक लाइस या जूएं से आप कैसे बच सकते हैं?

1. जूएं से संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ सेक्स करने से बचें।
दूसरे यौनसंचारित रोगों की तरह ही कंडोम के प्रयोग से जूओं से नहीं बचा जा सकता हैं।

2. अपने बिस्तरे, कपड़े और आदान-प्रदान की जाने वाली दूसरी वस्तुओं को बहुत गर्म या उबलते पानी में धोएं।
यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ बिस्तर या कपड़े का आदान-प्रदान करते हैं तो यह ज़रूरी हो जाता है कि आप इन्हें बहुत अधिक, 60 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक गर्म पानी में धोएं। जिन चीज़ों को धोया नहीं जा सकता, जैसे कि गद्दे या कुशन, उन्हें ड्राईक्लीन करें या कम से कम 72 घंटों तक उन्हें प्लास्टिक बैग में सील कर दें।
आम तौर पर जूएं, एक या दिनों से अधिक मानव चमड़ी के संपर्क के बिना जीवित नहीं बचते।

 

प्यूबिक लाइस या जूएं पड़ने के लक्षण क्या हैं?

यदि आपको जूएं-जिन्हें आम तौर पर चिंचड़ी (क्रैब्स) कहा जाता है, पड़ गए हैं तो आम तौर पर संक्रमित होने के दो हफ्तों के अंदर इनके लक्षण नज़र आ जाते हैं (लेकिन ये पांच दिनों से सात हफ्तों के बीच नज़र आ सकते हैं)।

चित्रः  आंखों की पलकों पर और व्यक्ति की भौंहो पर रेंगते हुए जूएं। बगलों तथा चड्ढी में जूएं।

ध्यान रहे, यदि आपको पेड़ू के आस-पास पाए जाने वाले जूएं (प्यूबिक लाइस) हुए हैं, तो वह दिखाए गए चित्र से बिलकुल अलग भी दिख सकते हैं! यदि आपको कोई शंका है, तो डॉक्टर के पास या क्लीनिक जाएं।

कभी-कभार आपको अपने जननांग के आस-पास के बालों की जड़ों में सफेद बिंदु की तरह ये जूएं दिख सकते हैं। मूंछ या दाढ़ी, भौंहों, पलकों, पैरों या बगल के अंदर भी जूएं हो सकते हैं। वे खासतौर पर मोटे बालों में चिपकते हैं।

प्यूबिक लाइस या जूओं के लक्षणों में शामिल हैं:

  • जननांग के आस-पास खुजली
  • पैरों, छाती, भौहों या बगल के नीचे खुजली
  • दिखाई पड़ने वाले छोटे सफेद बिंदु (जूओं के अंडे)
  • रेंगते हुए जूएं
  • जूओं के मल के कारण आपके अंडरवियर पर पड़े लाल-भूरे धब्ब

प्यूबिक लाइस या जूओं की जांच कैसे कराएं?

इनका पता करने के लिए नज़्दीकी अस्पताल या क्लीनिक में जाएं। वे मैग्नीफाइंग ग्लास से आपके पेड़ू के आस-पास या दूसरी संभावित जगहों पर देखकर पता करेंगे कि आपके शरीर में जीवित जूएं हैं कि नहीं। खुजली वाले लाल निशान, आपके चड्ढी पर गहरे भूरे निशान (जूओं के मल) और बालों के बीच छोटे सफेद बिंदु (जूओं के अंडे) होना भी इनके लक्षण हैं।

 

प्यूबिक लाइस या जूओं से छुटकारा कैसे पाएं?

जूओं से छुटकारा पाने के लिए तीन तरह के उपाय करने पड़ते हैं: दवाएं, संक्रमित वस्तुओं की धुलाई और आपके कपड़ों या बिस्तरों के संपर्क में आए किसी यौन साथी या व्यक्तियों को इसके बारे में बताना।

1. प्यूबिक लाइस या जूओं का दवाओं से इलाज
साधारण साबुन से धोने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
आप अपने डाक्टर द्वारा बताए गए कीटनाशक लोशन या क्रीम मंगा सकती हैं अथवा दुकान से मिलने वाली दवाएं खरीद सकती हैं।

दुकानों पर मिलनी वाली दवाओं में मैलाथियान या पर्मेथ्रिन मिला होता है। मैलाथियान वाली दवाओं का प्रयोग 6 माह से अधिक उम्र वालों के लिए किया जा सकता है। लेकिन पर्मेथ्रिन लोशन या क्रीम का प्रयोग तभी करें जब आपकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है। इसका प्रयोग, गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली माताओं को नहीं करना चाहिए।

मैलाथियान या पर्मेथ्रिन कीटनाशक लोशन अथवा क्रीम दोनों के लिए एक जैसे निर्देश होते हैं।
इन कीटनाशकों का प्रयोग आपको नहाने और शरीर के सूख जाने के बाद पूरे शरीर के बालों पर लगाना होता है। इसमें आपकी खोपड़ी, चेहरा, भौंहें, कान, गर्दन और मूंछ (यदि हैं ) तथा गुदा के आस-पास के बाल शामिल हैं।

लोशन को अपनी आंखों में जाने से बचाएं। यदि ऐसा हो जाता है तो अपनी आंखों को अच्छी तरह से पानी से धोएं।
निर्देश में बताए गए समय तक लोषन को लगाकर छोड़ दें। बताया गया समय बीत जाने के बाद, उसे अच्छी तरह से धो लें। सात दिनों के बाद फिर से ऐसा ही करें।
लीखों (जूएं के अंडों) को महीन कंघी से निकाल दें। साफ-घुले कपड़े और चड्ढी पहनें।

 

2. गर्म पानी से धुलाई
इस इलाज से पहले पहने हुए सभी कपड़ो और बिस्तरों को 60 डिग्री या अधिक तापमान के गर्म पानी में धोएं। यदि आप अपने कपड़ों को धो नहीं सकते हैं तो उनकी ड्राई क्लीनिंग कराएं या प्लास्टिक बैग में 72 घंटे तक सीलबंद कर दें। ऐसा ही अपने गद्दों और तकियों के साथ भी करें। वरना आप फिर से जूओं से संक्रमित हो सकते हैं।

3. अपने यौन-साथी को इस बारे में बताना
अपने यौन-साथी या साथियों या आपके बिस्तरों, कपड़ों या तौलियों का प्रयोग करने वाले दूसरे व्यक्तियों को इसके बारे में बताएं जिससे वे भी इसकी जांच कराकर उपचार कर लें। वरना अनजाने में आपको फिर से जूएं पड़ सकते हैं।