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गोनोरिया (सूजाक)

गोनोरिया, निसेरिया गोनोरीए  नामक बैक्टीरिया से होता है। यह बहुत तेजी से फैलता है। यह आपके गले, मूत्र नली, योनि और गुदा को संक्रमित कर सकता है। अच्छी खबर यह है कि इसका भी आसानी से इलाज किया जा सकता है।

गोनोरिया कैसे होता है?

असुरक्षित यौन, गुदा या मुख मैथुन करने से आपको गोनोरिया हो सकता है। किसी दूसरे व्यक्ति में इसको लगने के लिए वीर्यपात का होना ज़रूरी नहीं है।< prefix = o />

कभी-कभार गोनोरिया, महिलाओं से उनके बच्चों को भी हो सकता है।

किसी नए साथी के साथ सेक्स करने या एक से अधिक लोगों के साथ सेक्स करने से आपको गोनोरिया होने का जोखिम बढ़ जाता है।

आप गोनोरिया से अपने-आप को कैसे बचा सकते हैं?

निम्नलिखित सावधानियां बरत कर आप गोनोरिया के जोखिम को कम कर सकते हैंः

1. हमेशा कंडोम का प्रयोग करें।2. अपने साथी के साथ गोनोरिया की जांच कराएं।

यदि आप किसी नए साथी से यौन संबंध बनाने वाले हैं तो गोनोरिया जैसे यौनसंचारित रोगों की जांच कराएं, क्योंकि हो सकता है आपके साथी को गोनोरिया हो, जिसकी उन्हें जानकारी न हो।

3. यदि आपको पेशाब करते समय कोई असामान्य स्राव होता है, घाव या दर्द है, तो अपने डाक्टर से यौनसंचारित रोग होने की जांच कराएं।

इनमें से कोई भी लक्षण होने का मतलब है कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। अपने साथी को भी इसके बारे में बताएं, जिससे वह भी अपनी जांच करवा सकें और इलाज करा सकें। अन्यथा आप और आपके साथी एक-दूसरे को गोनोरिया फैलाते रहेंगे।

गोनोरिया के लक्षण क्या हैं?

अधिकांश महिलाओं और कुछ पुरुषों में गोनोरिया के कोई लक्षण नज़र नहीं आते। यदि आपको संक्रमण के लक्षण नज़र नहीं भी आते, तो भी आप किसी दूसरे को संक्रमित कर सकते हैं।

यदि आपको लक्षण नज़र आते हैं तो वे लगभग दो से दस दिनों में दिख जाते हैं। और वे जब दिखाई पड़ते हैं तो बहुत मामूली हो सकते हैं।

आपको ये लक्षण कहां दिखते हैं, यह उस बात पर निर्भर करता है, कि आपने सेक्स कैसे किया है।

महिलाओं में गोनोरिया के लक्षणः

महिलाओं में गोनोरिया के लक्षणः

  • योनि से अधिक स्राव
  • योनि से पीला या हरा स्राव
  • योनि से तेज़ बदबू
  • पेशाब करते समय दर्द
  • सेक्स करते समय दर्द
  • सेक्स करने के बाद खून आना
  • गुदा में खुजली
  • गुदा से खूनी या मवाद जैसा स्राव
  • मलत्याग में परेशानी
  • पेट में दर्द

चित्रः योनि में गोनोरिया

ध्यान रहे, यदि आपको गोनोरिया हुआ है, तो वह दिखाए गए चित्र से बिलकुल अलग भी दिख सकता है! कभी-कभार कुछ भी नज़र नहीं आता। यदि आपको कोई शंका है, तो डॉक्टर के पास या क्लीनिक जाएं।

पेशाब करते समय होने वाले दर्द और मूत्राशय में संक्रमण के कारण होने वाले पेट दर्द की पहचान करने में आसानी से गलती हो सकती है। फिर भी यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण नज़र आते हैं तो अपने डाक्टर से जांच कराएं।

यदि आप गोनोरिया का इलाज नहीं कराती हैं तो प्रजनन करने में असमर्थ (बांझ) हो सकती हैं। क्लैमिडिया की तरह गोनोरिया भी डिंबवाही नलिकाओं तक फैल सकता है। ऐसा होने पर पेट के आस-पास सूजन हो सकती है और आपको पेट में दर्द महसूस होगा। जब यह बढ़ता है तो डिंबवाही नलिकाओं में घाव कर देता है और डिंब के गर्भाशय में जाने वाले रास्ते को बंद कर सकता है। कुछ समय बाद यह संक्रमण आपको प्रजनन में असमर्थ बना देता है।

यदि आप गर्भवती हैं और गोनोरिया से संक्रमित हैं, तो आपके अस्थानिक गर्भधारण की अधिक संभावना होती है, जिसमें बच्चा गर्भाषय के बाहर विकसित होता है। साथ ही प्रसव के समय यह संक्रमण आपसे आपके बच्चे को भी हो सकता है।

पुरुशों में गोनोरिया के लक्षणः

पुरुशों में गोनोरिया के लक्षणः

  • पेषाब करते समय दर्द
  • बार-बार पेषाब लगना
  • लिंग से सफेद या मटमैले या हरे रंग का स्राव
  • एक या दोनों अंडकोशों में दर्द या सूजन
  • गुदा से खूनी या चिपचिपे स्राव

चित्रः लिंग से गोनोरिया का स्राव

ध्यान रहे, यदि आपको गोनोरिया हुआ है, तो वह दिखाए गए चित्र से बिलकुल अलग भी दिख सकता है! कभी-कभार कुछ भी नज़र नहीं आता। यदि आपको कोई षंका है, तो डाॅक्टर के पास या क्लीनिक जाएं।

यदि आप गोनोरिया का इलाज नहीं कराते हैं तो प्रजनन में असमर्थ हो सकते हैं। गोनोरिया आपकी मूत्र नली से होते हुए आपके अंडकोषों तक पहुंच सकता है। इसी कारण आपको अपने अंडकोषों में दर्द महसूस होता है या सूजन दिखती है। कुछ समय बाद, यह संक्रमण आपको प्रजनन में (संतान उत्पन्न करने में) असमर्थ बना देता है।

गोनोरिया की जांच कैसे कराएं?

महिलाओं में गोनोरिया की जांच करने के लिए उनकी योनि में रूई का एक फाहा यास्वैब डालकर योनि के अंत में गर्भग्रीवा से एक सैम्पल लिया जाता है, जिसे गोनोरिया की जांच के लिए भेज दिया जाता है।

पुरुषों में गोनोरिया की जांच दो तरीके से की जा सकती है- रूई के फाहे यास्वैब पर सैम्पल लेकर जांच कराना या पेशाब की जांच कराना।

यदि रूई के फाहे का प्रयोग कर जांच की जाती है, तो रूई को आपकी मूत्र नली में डालकर सैम्पल लिया जाता है और उसे गोनोरिया की जांच के लिए भेज दिया जाता है।

जांच से पहले आपको कम से कम दो घंटे तक पेशाब न करने के लिए कहा जाता है, जिससे कि सैम्पल की जांच के गलत परिणाम न निकले, जिसे फ़ॉल्स नेगेटिव भी कहते हैं, अर्थात् आपको गोनोरिया तो हो लेकिन जांच में नहीं आए।

जांच के बाद कुछ समय तक पेशाब करते समय आपको चुभन महसूस हो सकती है। जब गोनोरिया की जांच पेशाब का विश्लेषण करके की जाती है तो आपको एक कप में पेशाब करने के लिए कहा जाता है। जांच से पहले आपको चार घंटे तक पेशाब न करने के लिए कहा जाता है।

पुनः यह फ़ॉल्स नेगेटिव से बचने के लिए है, अर्थात् आपको गोनोरिया तो हो लेकिन जांच में नहीं आए। आपके मूत्र के सैम्पल की तब जांच होगी की आपको संक्रमण है या नहीं।

आप गोनोरिया से कैसे छुटकारा पा सकते हैं?

ऐंटीबायोटिक दवाओं से गोनोरिया का आसानी से इलाज किया जा सकता है। वे खाने की गोलियों (टेबलेट्स) या सूई (इंजेक्शन) के रूप में मिलती हैं। जैसा डाक्टर द्वारा बताया गया है, दवाओं की उतनी खुराक लें, चाहे आपको कोई लक्षण दिखाई देते हों अथवा नहीं, वरना हो सकता है कि आपको संक्रमण से पूरी तरह छुटकारा न मिले।

ऐंटीबायोटिक दवाएं आपके संक्रमण का उपचार कर देंगी। हालांकि, यदि आपको गोनोरिया ज़्यादा समय से है, तो यह दवाएं आपके प्रजनन तंत्र में हुई क्षति में सुधार नहीं कर सकेंगीं।