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पैड एवं टैम्पॉन

पैड (जिसे सैनिटरी पैड, सैनिटरी टावल, सैनिटरी नैप्किन भी कहते हैं )एवं टैम्पॉन मासिक धर्म के समय रक्तस्राव को सोखने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे सामान्य उत्पाद हैं।

दोनों पैड एवं टैम्पॉन मासिक धर्म के समय रक्तस्राव को सोखते हैं। पैड को चड्डी के अन्दर पहना जाता है और यह रक्त के योनि से बाहर आने पर उसे सोख लेता है।

टैम्पॉन को योनि में डाला जाता है और यह रक्त को योनि से बाहर निकलने से पहले सोख लेता है। ये दोनों ही अच्छी तरह काम करते हैं, अतः आप यह तय कर सकती हैं की आपको किस का उपयोग ज्यादा सुविधाजनक लगता है।

पैड

मेंस्ट्रुअल पैड, सैनिटरी पैड, सैनिटरी टावल, सैनिटरी नैप्किन या मैक्सी पैड   पैड अलग अलग आकार एवं आकृति में उपलब्ध होते हैं और आप उन्हें अपने मासिक रक्तस्राव के अनुसार चुन कर उपयोग कर सकती हैं।

कुछ पैड में किनारों की तरफ़ पट्टी या विंग्स लगे होते हैं जो रिसाव के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं।

पैड के प्रकार हल्के

 

रक्तस्राव या टैम्पॉन के समर्थन के लिए: पतले पैड

नाम: पैंटी लाइनर, थौंग लाइनर, पैड जिनपर थिन या स्लेंडर (पतला) लिखा हो

सामान्य रक्तस्राव: मध्यम पैड
नाम: रेग्युलर, रग्युलर विंग्स के साथ, लांग (लम्बे)

अधिक रक्तस्राव: बड़े पैड
नाम: हेवी, सुपर या ओवरनाइट (रातभर उपयोग किये जाने वाले)

 

 

पैड का उपयोग कैसे करें 

 1. पैड को उसके पैकिंग से निकालें।

2. पैड का वह भाग जहाँ से कागज़ हटाया जा सकता है, चिपचिपा होता है।

3. पैड के चिपचिपे किनारे को अपनी चड्डी के तल पर दबा कर चिपकाएँ। जब आप चड्डी ऊपर करेंगी तब पैड आपके योनिद्वार के नीचे होगा और बाहर आने वाले रक्त को सोख़ लेगा।

यदि आपका मासिक रक्तस्राव अधिक हो तो पैड को हर 3 से 4 घंटे या उससे भी जल्दी बदलें। यह दुर्गंध, कपड़े पर धब्बे या संभावित योनि संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक है।

खुशबूदार पैड के इस्तेमाल से बचें - यह वल्वा या योनिद्वार (वजाइनल ओपनिंग) में जलन पैदा कर सकता है।

इस्तेमाल किए हुए पैड को कागज़ या टिशु में लपेट कर कूड़ेदान में डालें।

टैम्पॉन

टैम्पॉन को योनि (वजाइना) में इसलिए लगाया जाता है जिससे यह आपकी दिनचर्या में कोई रुकावट न पैदा कर सके। यह विशेषकर तैराकी एवं खेलकूद के समय उपयोगी होता है।

 

कुछ टैम्पॉन साधित्र (एप्लीकेटर) के साथ आ सकते हैं जो टैम्पॉन को अन्दर डालने में मदद करते है।   टैम्पॉन के चारों ओर प्लास्टिक या गत्ते की बनी नली (ट्यूब) होती है जिसके अन्दर एक और पतली ट्यूब होती है।

यह ट्यूब टैम्पॉन को उसकी जगह पर धकेलने के लिए होती हैं। टैम्पॉन एप्लीकेटर के बिना भी आते हैं, उन्हें केवल उंगली से धकेलना होता है। हिन्दुस्तान में, इस किस्म के टैम्पॉन ही ज़्यादा प्रचलित हैं।

ये अलग अलग आकार के होते हैं (स्लेंडर, रेग्युलर, सुपर, सुपर प्लस) जिन्हें रक्तस्राव की मात्रा के आधार पर उपयोग किया जाता है।

 टैम्पॉन के उदाहरण

हल्के रक्तस्राव: स्लेंडर, जूनियर या लाइट
यह उन लड़कियों के लिए अच्छा होता है जिन्होंने अभी ही टैम्पॉन का उपयोग करना शुरू किया है या जिन्हें हल्का रक्तस्राव होता हो।

मध्यम रक्तस्राव: रेग्युलर

अधिक रक्तस्राव: सुपर या सुपर प्लस

सुगंधित टैम्पॉन के उपयोग से बचें क्योंकि इससे जलन हो सकती है और फ़ंगल संक्रमण हो सकता है।

टैम्पॉन के डिब्बे पर सामान्य निर्देश लिखे होते हैं जिन्हें पहली बार टैम्पॉन उपयोग करने से पहले सावधानी से पढ़ना चाहिए।

टैम्पॉन को लगातार बदलते रहना चाहिए - हर 4 से 6 घण्टे पर या उससे भी पहले यदि अधिक रक्तस्राव हो तो। यदि टैम्पॉन लगातार बदला न जाए तो टोक्सिक शोक सिंड्रोम होनेकी संभावना हो सकती है।

यदि आप पहली बार टैम्पॉन का प्रयोग कर रही हैं तो सबसे छोटे आकार से शुरू करना बेहतर होगा। और टैम्पॉन को मध्यम से अधिक रक्तस्राव के समय डालना ज़्यादा आसान होता है।

यदि टैम्पॉन की आदत पड़ने में कुछ समय लगे तो चिंता की कोई बात नहीं है। जितना आप अभ्यास करेगीं, इसे इस्तेमाल करना उतना ही आसान होगा।ज़्यादातर लड़कियाँ जो इसे इस्तेमाल करती हैं वे इसे शरीर में महसूस नहीं करती हैं। यदि आप इसे महसूस कर सकती हैं तो हो सकता है की टैम्पॉन सही तरह से अन्दर न गया हो। अतः टैम्पॉन को बाहर निकाल कर दोबारा कोशिश करनी चाहिए।

एप्लीकेटर की मदद से टैम्पॉन अन्दर डालने के दिशानिर्देश

1. हाथ धो कर सुखा लें।(ऐसा न करने पर कीटाणु संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुँच सकते हैं।

 

2. टैम्पॉन की पैकिंग उतारें।

3. ज़्यादातर टैम्पॉन के चारों ओर दो ट्यूब या नलियाँ होती हैं - एक पतली एवं एक मोटी जो मिलकर एप्लीकेटर बनाती हैं। पतली ट्यूब की मदद से टैम्पॉन को योनि में डाला जाता है।
4. टैम्पॉन को बीच से पकड़ें - जहाँ बाहरी ट्यूब भीतरी ट्यूब से मिलती है। ध्यान रखें की भीतरी ट्यूब से धागा बाहर निकला हो।
5. आरामदायक स्थिति में बैठें या खड़ी हों। कुछ लड़कियाँ अपना एक पैर बाथ टब पर या टॉयलट सीट पर रखना पसंद करती हैं जबकी दूसरी उकड़ू बैठना पसंद करती हैं।
6. एक हाथ से अपने लेबिया (बाहरी एवं भीतरी होंठ) को खोलें।
7. दूसरे हाथ से टैम्पॉन की ट्यूब के बाहरी हिस्से को योनि की ओर करें।
8. टैम्पॉन को आराम से योनिद्वार (वजाइनल ओपनिंग) के अन्दर डालें जबतक आपकी उंगलियाँ आपके शरीर से न छूने लगें।
9. एप्लीकेटर को बीच से पकड़े हुए उसके नीचे के आधे भाग को तर्जनी उंगली से धकेलें - भीतरी ट्यूब के साथ धागा बाहर ही रहेगा। आप टैम्पॉन को एप्लीकेटर से धकेले जाते हुए महसूस कर सकती हैं।
10. एक बार भीतरी ट्यूब पूरी तरह अन्दर चली जाए और धागा योनिद्वार के बाहर लटक रहा हो तब आप एप्लीकेटर को बाहर निकाल सकती हैं।

सुझाव
यदि आपको तनाव या डर महसूस हो रहा हो तो टैम्पॉन को अन्दर डालना ज़्यादा मुश्किल हो सकता है। इसे अन्दर डालते समय तनावमुक्त रहने की कोशिश करें - हालांकि जब घबराहट हो रही हो तब ऐसा करना मुश्किल होता है। आप टैम्पॉन या एप्लीकेटर के सिरे पर जल-आधारित चिकनाई युक्त पदार्थ (वाटर बेस्ड लूब्रीकेंट) लगाकर कोशिश कर सकतीं हैं।

टैम्पॉन कैसे निकालें
1. योनि से बाहर लटकते धागे को पकड़ें।
2. आराम से उसे बाहर खीचें।
3. टैम्पॉन को कागज़ या टिश्यु में लपेट कर कूड़ेदान में डाल दें।
4. यदि आवश्यकता हो तो नए टैम्पॉन का उपयोग करें।

टैम्पॉन के बारे में आम पूछे गए सवाल

1.  क्या मैं टैम्पॉन लगाए हुए मूत्र त्याग कर सकती हूँ?

जी हाँ। मूत्र एवं मासिक रक्तस्राव निकलने के लिए शरीर में अलग अलग रास्ते या द्वार होते हैं। मूत्र मूत्रद्वार (यूरिथ्रल ओपनिंग) से बाहर आता है और मासिक रक्तस्राव योनिद्वार (वजाइनल ओपनिंग) से।

2. क्या मैं कुँवारी होने पर भी टैम्पॉन का इस्तेमाल कर सकती हूँ?
जी हाँ। कुछ लड़कियाँ जिन्होंने लिंग प्रवेशित सेक्स न किया हो उनके यानिद्वार के आस पास या ऊपर त्वचा की एक परत हो सकती है जिसे झिल्ली कहते हैं (हाइमन) (झिल्ली भाग देखें)। कभी कभी यह टैम्पॉन के इस्तेमाल को कठिन बना देता है।

इसे आसान बनाने के लिए, आप अपने टैम्पॉन या उंगली को योनि में डालकर उसे अगल बगल घुमाकर झिल्ली को फै़लाने की कोशिश कर सकती हैं।

3. क्या टैम्पॉन के इस्तेमाल से मैं अपना कौमार्य खो दूंगी?
नहीं। ज़्यादातर लोगों का यह मानना है की योनि में लिंग प्रवेशित सेक्स के द्वारा ही कौमार्य खोया जा सकता है।

कुछ लोगों का यह मानना है की गुदा मैथुन (गुदा द्वार में लिंग का प्रवेश) एवं मुख मैथुन (मुँह में लिंग का प्रवेश) से भी कौमार्य खोया जा सकता है। पर कौमार्य खोने के लिए सेक्स करना ज़रुरी है न की टैम्पॉन का उपयोग करना। हाइमन एवं कौमार्य भाग देखें।

4. क्या मैं टैम्पॉन लगा कर सो सकती हूँ?
कुछ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कहना है की रात को टैम्पॉन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इससे टोक्सिक शोक सिंड्रोम का ख़तरा हो सकता है।

5. क्या मैं टैम्पॉन लगा कर सेक्स कर सकती हूँ?
टैम्पॉन लगाकर योनि में लिंग प्रवेशित सेक्स (इंटरकोर्स) नहीं किया जा सकता है।

टैम्पॉन लगाकर ऐसा करना दर्दनाक एवं ख़तरनाक हो सकता है। लिंग टैम्पॉन को योनि में अंदर तक धकेल सकता है। यह गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) तक जा सकता है और फि़र इसे निकालना मुश्किल हो सकता है।

टैम्पॉन लगाकर उन सभी प्रकार का सेक्स किया जा सकता है जिसमें योनि में कुछ प्रवेश नहीं किया जाता है।

6. यदि मुझे टैम्पॉन को बाहर निकालने के लिए धागा न मिले तो मैं क्या करुँ?
कभी कभी टैम्पॉन एवं उसका धागा गलती से योनि में अंदर चले जाते हैं।

नीचे बैठ कर अपनी उंगली एवं अंगूठा योनि द्वार में डालने की कोशिश करें। अपनी उंगलियों को थोड़ा इधर उधर घुमाकर टैम्पॉन के धागे को महसूस करने की कोशिश करें। यदि आप टैम्पॉन या उसके धागे को महसूस कर सकें तो उसे पकड़कर बाहर खींचने की कोशिश करें।

यदि आप टैम्पॉन के धागे को महसूस न कर सकें तो तुरंत किसी स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास जाएँ। टोक्सिक शोक सिंड्रोम के ख़तरे के कारण कभी भी टैम्पॉन को 8 घण्टे से ज़्यादा शरीर में नहीं छोड़ना चाहिए।