लेकिन बहस करते हुए भी सभ्य रहेI बदतमीज़ी से बात करना और हिंसा करना अमान्य हैI
बुरा भला कहना? अपने साथी को बुरा महसूस करवाना? उन्हें यह कहना कि वो किसी काबिल नहीं है? झपटना, धक्का देना, मारना? ऐसा लग रहा है कि आप एक हिंसात्मक रिश्ते में हैंI
अगर आप दोनों एक दुसरे की बातों को भली-भांति समझते हैं तो बेकार के कलेश से मुक्ति मिल जायेगी क्यूंकि आप ज़्यादातर समस्याओं को आपसी बोलचाल से ही सुलझा लेंगेI
किसी बहस या लड़ाई के दौरान अपने साथी के हाव-भाव पढ़ने की कोशिश करें:
- अगर वो आपकी तरफ नहीं देख रहे हैं तो शायद वो आपकी बात ढंग से नहीं समझ रहे हैंI
- अगर वो ऊंची आवाज़ में बात कर रहे हैं तो वो बहुत भावनात्मक हो रहे हैंI उन्हें शायद यह लग रहा है कि आप उनकी बात को ढंग से नहीं समझ रहे हैं, बेहतर यही होगा कि इस मुद्दे को आगे के लिए टाल दिया जायेI
- अगर उनकी बाहें बंधी हैं तो उन्होंने रक्षात्मक रुख अपनाया हुआ हैI आप उनके पास जाइये और उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि आप दोनों साथ मिलकर इस परेशानी का हल ढूंढेंगेI
- कोई भी सर्वगुण संपन्न संचारक नहीं हो सकताI लेकिन इन सुझावों पर अमल करके हम बेहतर तो बन ही सकते हैंI यह फैसला आपको करना है कि कौनसा सुझाव आपके और आपके साथी के लिये या किस परिस्थिति के लिए उपयुक्त रहेगाI
कुछ उदाहरण:
जब आपका साथी कुछ ऐसा कहता या करता है जो आपको पसंद नहीं है
हो सकता है कि आपके साथी को यह पता ही ना हो कि उन्हने कुछ ऐसा कहा या किया है जो आपको पसंद नहीं है तो बिना जाने आरोप लगाना, चिल्लाना और बड़बड़ाना सही नहीं होगाI खासकर तब जब वहां और लोग भी मौजूद हो! इससे ना सिर्फ़ आपके साथी को बेइज़्ज़ती महसूस होगी, बल्कि उन्हें गुस्सा भी आएगाI
कुछ गलत है अगर आप एकदम से यह सब चिल्लाना शुरू करते हैं:
'हरामज़ादे! मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि तुम ऐसा कुछ कर सकते हो'
'तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस तरह का बर्ताव करने की'
इसके बजाय, घटना के कुछ देर के बाद आप अपने साथी को अकेले में कुछ ऐसा कह सकते हैं:
'मुझे नहीं पता कि तुम्हे इस बात का एहसास है या नहीं कि आज जो हुआ (जो उन्होंने कहा या किया) वो मुझे सही नहीं लगाI
'मैं सिर्फ़ यह कहना चाहता/चाहती हूँ कि मुझे यह सब कतई पसंद नहीं है क्यूंकि....'
वो जानना चाहेंगे कि समस्या क्या है तो उस समय ज़रूरी है कि आप जितना हो सके उतना उन्हें बताएं कि आप को कैसा महसूस हो रहा है'
'मुझे बहत बुरा लगा जब तुमने अपने दोस्तों के सामने मेरा अनादर किया'
'तुमने पूरे हफ़्ते मुझे कॉल नहीं किया, इससे मैं बहुत दुखी हूँ क्यूंकि मैं तुम्हे बहुत मिस करती हूँ'
साथ में समाधान ढूंढेंI उन्हें अच्छा बर्ताव करने की सीख देने के बजाय यह कोशिश करें कि भविष्य में इस तरह की परिस्थितियों से कैसे बचा जाएंI जैसे कि उन्हें बता दें कि शब्दों या नामों से आपको चिढ होती है और आप कितना समय उनके साथ व्यतीत करना चाहते हैंI
अपने साथी से कैसे बात करें अगर आपको जलन हो रही हो तो
शक या ईर्ष्या से उबरना आसान नहीं होता हैI यह तब और भी मुश्किल हो जाता है जब आपके साथी ने पूर्व में भी आपको धोखा दिया हो या किसी और के लिए आपको छोड़ दिया होI
अगर आप चाहते हैं कि इस वजह से आपके रिश्ते में कोई कठिनाईयां ना हो, इसके बारे में खुल कर बात करना ज़रूरी हैI आप उन्हें बता सकते हैं कि जब वो विपरीत सेक्स के किसी व्यक्ति से बात करते हैं तो आपको क्या महसूस होता है - यह भी ध्यान रखें कि आप दोनों के दोस्त लड़का या लड़की दोनों ही हो सकते हैं और इससे आप दोनों में से किसी को कोई भी दिक्कत नहीं होनी चाहिएI
अगर आपने अपने साथी को दूसरे व्यक्ति के साथ बहुत करीब से बात करते हुए देखा है तो भी एकदम से उनके ऊपर आपको धोखा देने का इलज़ाम न लगाएंI ऐसी बातें कहने से बचें:
'मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि तुम इस लड़की के लिए मुझे धोखा दे रहे हो!'
"तुम उस लड़के से इतनी बातें कर रही थी कि मुझे विश्वास है कि तुम उसके साथ सेक्स करना चाहती हो!'
आप दोनों का इस बात पर सहमति कर लेना अच्छा है कि क्या बातें सामने वाले को तकलीफ देती हैं - जैसे कि दोस्तों को छूना और उनके हाथ पकड़नाI अगर आपको सच में लगता है कि आपका साथी आपके साथ फ़्लर्ट कर रहा है तो उन्हें पूरी बात अच्छे से समझाएं और बताएं कि उससे आपको कैसा लगाI
' उस लड़की से बात करते वक़्त तुमने मुझे पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया था, जिससे मैं बहुत आहत हुई'।
लेकिन अगर आपके साथी को लगता है कि ऐसा कुछ भी नहीं है तो उनकी बात मानने के लिए भी पूरी तरह तैयार रहेंI एक बार शांत होने के बाद आप उन्हें यह प्रस्ताव दें कि इस बात का मिल कर कोई समाधान ढूंढना चाहिएI जैसे कि अगर आप दोनों में से कोई किसी ऐसे व्यक्ति से बात कर रहा हो जिसे आप नहीं जानते तो उस व्यक्ति से आपको भी मिलवाएं जिससे वो जान जाएँ कि आप उनके बॉयफ्रेंड/गर्लफ्रेंड हैं और आप दोनों साथ हैंI अपने साथी के साथ मिलकर फैसला करें कि आप लोगों के लिए क्या सही हैI
जब उन्होंने कुछ ऐसा किया जिससे आप परेशान हैं
कभी-कभी अनजाने में हम अपने साथी को दुखी कर देते हैं तो अच्छा यही है कि आप उन्हें बता दें कि उन्हें बुरा लगा हैI ऐसा नहीं है कि आप उन्हें प्यार नहीं करते बस आप यही प्रयास कर रहे हैं कि इस रिश्ते में कोई भी ऐसा बर्ताव ना करें जिससे दूसरे व्यक्ति को बुरा लगेI उन्होंने जो भी कहा या किया हो वो उन्हें बताएं और पूछें कि उन्होंने ऐसा क्यों कियाI उदाहरण के तौर पर:
'तुम इस तरह मुझ पर क्यों चिल्लाये?'
'तुमने मुझे क्यों धक्का दिया?
एक बार आपकी बात सुनने के बाद आपका साथी आपसे सहमत या असहमत हो सकता है
इस बात पर बहस न करें कि उन्होंने जो कहा या किया वो जानबूझ कर किया था या नहीं, क्यूंकि इससे लड़ाई और बढ़ेगीI इसके बजाय उन्हें यह बताना बेहतर होगा कि कैसे जो हुआ उसकी वजह से आपको गुस्सा आया और बुरा लगा और आप चाहेंगे कि ऐसा दोबारा ना होI
'मुझे बहुत बुरा लगता है जब तुम मुझ पर चिल्लाते हो क्यूंकि उस वजह से पूरे दिन मेरा मूड ऑफ रहता है'
'मुझे धक्का मत दिया करो क्यूंकि यह अपमानजनक है और इससे मुझे चोट पहुँचती है'
समस्या समझाने के बाद उसका समाधान साथ में ढूंढने की कोशिश करेंI चर्चा इस पर केंद्रित करें कि क्या होना चाहिए, बजाय इसके कि आपको क्या पसंद नहीं हैI अगर आप में से किसी एक को भी गुस्सा आएं तो अच्छा यही होगा कि इस बारे में बाद में बात की जायेI
शारीरिक हिंसा को बिलकुल सहन ना करें और अगर यह हुआ है तो शायद सिर्फ़ बात्तचीत इस मुद्दे का हल ना होI
यह बात याद रखें कि नियम तब भी समान ही रहेंगे जब गलती आपसे हुई होI अपनी गलती मानना कठिन होता हैI अपना आपा खोकर, बिना जाने गलतियां करना किसी के भी साथ हो सकता है लेकिन महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आप उसके बाद क्या करते हैंI इस बात पर गौर करें कि आपकी करनी से आपके साथी को कितना बुरा लगा होगाI जब वो बता रहे हो कि उन्हें कैसा लगा तो उनकी बात ध्यान से सुनें और उन्हें समझने की कोशिश करेंI फ़िर इस बात पर चर्चा करें कि कैसे आप दोनों भविष्य में चीज़ें ठीक कर सकते हैंI
ज़िन्दगी के महत्त्वपूर्ण फैसलों के बारे में कैसे बात करें
शादी के बारे में या बच्चों के जन्म देने के बारे में बात करना थोड़ा जटिल हो सकता हैI बात करने के लिए सही समय का चुनाव अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैI बात करते वक़्त आप जितना कम भावुक होंगे उतना बेहतर होगा क्यूंकि अगर आप परेशान होंगे तो अपनी बात समझाने में आपको मुश्किल आएगीI
बात तब शुरू करें जब आपको लगे कि आप दोनों उस समय एकाग्रचित हैं - जैसे तब जब आप दोनों ने एक दूसरे के साथ बहुत बढ़िया समय गुज़ारा हैI सकारात्मक तरीके से बात की शुरुआत करेंI जैसे कि:
'मैं तुम्हे यह बताना चाहूंगा/चाहूंगी कि मुझे बहुत अच्छा लगता है कि तुम मेरी बात कितने ध्यान से सुनते हो'
'सबसे अच्छी बात यह है कि मैं तुम्हारे साथ खुल कर रह सकता हूँ और हम साथ में कितने खुश रहते हैं'
जब आप आश्वस्त हो जाएँ कि आपका साथी रिलैक्स मूड में हैं तो धीरे-धीरे बात को मुद्दे तक लाएंI यह ध्यान रखें कि आप उनसे उनकी राय ले रहे हैं, उन्हें कतई यह नहीं लगना चाहिए कि आप फैसला ले चुके हैं और उन पर अपनी राय थोप रहे हैंI उदाहरण के तौर पर:
'तुम कितनी अच्छी हो और हम दोनों साथ में कितने खुश हैंI क्या तुमने कभी हमारी शादी के बारे में सोचा है?'
'मैं तुम्हारे साथ बेहद खुश हूँI मैं सोच रहा था कि शायद अब हमें परिवार को बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिएI तुम इस बारे में क्या सोचते हो?'
हो सकता है कि उन्होंने इस बारे में सोचा ही ना हो और वो इस चर्चा के लिए शायद तैयार ही ना होI तो अगर वो आपकी बात सुनते ही खारिज करदें तो ज़रा भी विचलित ना होयेंI कोशिश करें कि आपको गुस्सा ना आयेI अगर आप सच में अपने साथी की परवाह करते हैं तो उन्हें इस पर सोचने के लिए थोड़ा समय देंI उन्हें बता दें कि आप इस बारे में बात करना चाहते थे और आशा करते हैं कि वो इस बात पर गौर करेंगे और जब भी चाहे इस बारे में दोबारा बात करेंगेI