वो इसलिए क्यूंकि पोर्न का प्रभाव, चाहे अच्छा हो या बुरा अलग अलग लोगो पर अलग हो सकता है। यदि रिसर्च की माने तो इसका प्रभाव व्यक्तित्व और संस्कृति पर भी निर्भर करता है। पोर्न से पड़ने वाले प्रभाव के अध्यन पर गौर डालें तो पता चलता है इसका सम्बन्ध कहीं न कहीं रिसर्च करने वाले व्यक्ति के कल्चर से भी है। उदहारण के तौर पर, डच समाज सेक्स को लेकर अपने खुले विचारों के लिए जाना जाता है। नीदरलैंड में हुई रिसर्च के अनुसार पोर्न देखने का युवाओं के सेक्स जीवन पर कुछ ज्यादा असर नहीं पड़ता।
रोमांचपूर्ण सेक्स
शोधकर्ताओं ने 15 से 25 साल के 4600 लोगों पर उनके व्यक्तित्व के आधार पर पोर्न और उससे जुडे उनके सेक्सुअल अनुभवों के बारे में सर्वे किया। रिसर्च से पता चला की 85 फीसदी लड़कों ने और 45 फीसदी लड़कों ने पिछले एक साल में पोर्न सामग्री देखी थी, मुख्यतः इन्टरनेट पर। कुछ और यूरोपियन रेसार्चों में भी इसी प्रकार की संख्या उभर कर आई। इस से ये तो साफ़ है की अधिकतर किशोर पोर्न से वाकिफ तो ज़रूर हैं।
जहाँ तक डच किशोरों का सवाल है, पोर्न देखने का रखने वाले किशोरों का रुझान अधिक रोमांच पर था जैसे की थ्रीसम (तिगड़ी सेक्स), अनजाने व्यक्ति से साथ सेक्स या फिर पैसे लेकर/ देकर सेक्स। बरहाल इस रिसर्च का निष्कर्ष ये निकला की पोर्न बाकि सभी बिन्दुओं में से सिर्फ एक बिंदु है जिसका असर किसी किशोर के सेक्स जीवन या सेक्स व्यव्हार पर पड़ता है। दूसरी कई वजह हो सकती हैं जैसे की सेक्स के प्रति उनका नजरिया या फिर उनका व्यक्तित्व।
नज़रिया - सच्चाई से परे
वही दूसरी और ब्रिटिश मूल के लोगों में पोर्न को लेकर थोडा संकोच है। एक रिपोर्ट निश्चित तौर पर ये दर्शाती है की ब्रिटेन में पोर्न सर्वव्यापी है। ब्रिटेन की राय पोर्न को लेकर थोड़ी नकारत्मक अवश्य लगी।ब्रिटिश युवा जो पोर्न देखते हैं, उनकी जोखिमपूर्ण सेक्स की सम्भावना अधिक रहती है। शोधकर्ताओं के रिसर्च के अनुसार ऐसे युवाओं की बिना बचाव के सेक्स, गुदा मैथुन या मुख मैथुन की सम्भावना अधिक रहती है। हालाँकि साफ़ तौर पर केवल पोर्न को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा।
पोर्न युवाओं के सेक्स के प्रति विश्वास और धारणा को बदल भी सकता है। इसका एक बुरा असर ये हो सकता है की लड़के लड़कियों को सेक्स का एक खिलौना समझने लगें। हिंसा से भरा सेक्स या पोर्न फिल्म में दिखाया गया शारीरक दुर्व्यवहार युवाओं की सोच को बदलने के लिए ज़िम्मेदार ज़रूर हो सकता है।
कम उम्र में सेक्स
एक जर्मन सर्वे के अनुसार पोर्न युवाओं का सेक्स के प्रति नजरिया बदल देता है। वे लड़के और लड़कियां जो पोर्न देखते हैं वो अक्सर सोच लेते हैं की सेक्स की शुरआत जल्दी की जाती है और पोर्न फिल्म्स की तरह असल जीवन में सेक्स वैसे ही किया जाता है जैसे की उन् वीडियोस में दिखाया जाता है।आश्चर्य की बात ये है की जिन युवाओं पर माता पिता का अधिक सख्त नियंत्रण था, वे पोर्न ज्यादा देखते थे।
किशोरों का कहना
रिसर्च और रिसर्च कर्ताओं ने बहुत कहा और बहुत सुना, पर क्या किसी ने खुद उन किशोरों से उनकी राय जानी? एक स्वीडन की रिसर्च ने ऐसा किया। 50 किशोरों से इस सम्बन्ध में सवाल किये गए। ज़्यादातर ने कहा की उन्हें पोर्न फिल्मों के काल्पनिक लोक और असल जीवन के सेक्स लाइफ में फर्क भली भांति पता था। तो क्या पोर्न वाकई लोगों के सेक्स जीवन पर बुरा असर डाल रहा है? इसका जवाब निर्भर करता है इस बात पर की प्रश्न पूछने वाला और उत्तर देने वाला कौन है? फैसला हम आप पर छोड़ते हैं?
क्या आपको लगता है की पोर्न देखने से आपकी सेक्स लाइफ पर असर पड़ता है? यहाँ लिखिए या फेसबुक पर हो रही चर्चा में भाग लीजिये।