मिथ्य 1. ’खेलकूद के समय या टैम्पॉन का प्रयोग करने से कौमार्य भंग हो सकता है।‘
कौमार्य तभी भंग होता है जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के साथ सेक्स करें। टैम्पॉन के उपयोग से झिल्ली थोड़ी खिंच सकती है। और यह घुड़सवारी या कसरत जैसे खेलकूद करते समय भी खिंच या फट सकती है।
कौमार्य का झिल्ली की स्थिति से कोई लेना देना नहीं होता। यह सेक्स करने या न करने पर निर्भर है।
मिथ्य 2. ’लड़के यह महसूस कर सकते हैं की लड़की कुंवारी है या नहीं।‘
लड़के या पुरुष जो यह दावा करते हैं की वे महसूस कर सकते हैं की लड़की कुंवारी है या नहीं, शायद किसी भ्रम में हैं। जब एक चिकित्सक यह निश्चित तौर पर नहीं बता सकते की लड़की कुंवारी है या नहीं, तो किसी भी लड़के या पुरुष का यह महसूस करना नामुमकिन है।
सेक्स के समय लड़के यह ज़रुर महसूस कर सकते हैं की क्या लड़की तनाव में हैं।यदि लड़की या महिला घबरा रहीं हैं या डरी हुई हैं तो वे अनजाने में अपनी योनि कस लेती हैं। इससे योनिद्वार कसा हुआ महसूस होता है।
मिथ्य 3. ’लड़कों को पहली बार सेक्स के समय ज़ोर लगाना पड़ता है।‘
यदि कोई ऐसा सोचते हैं तो उन्हें सेक्स के बारे में अभी बहुत जानना है! लिंग को किसी बाधा को तोड़कर पार नहीं जाना होता है, उसे तो बस आसानी से योनि के अंदर आना, फिसलना, प्रवेश करना, सरकना होता है।
यदि लड़की तनाव में हों तो योनि की मांसपेशियां कसी हुई महसूस हो सकती हैं। और ऐसी सूरत में, ज़ोर लगाना तो हमारे खयालों में भी नहीं आना चाहिए। योनि के ऊतक अत्यन्त कोमल होते हैं और आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं जो लड़की के लिए दर्दनाक हो सकता है।
अपना समय लें, सौम्य रहें और लड़की या महिला को चूमते, थपथपाते एवं स्पर्श करते रहें, जब तक दोनों साथी पूरी तरह से उत्तेजित ना हो जाएँ और जब तक योनि बिना ज़ोर लगाए लिंग के प्रवेश के लायक गीली न हो जाए। तब सेक्स दोनों के लिए आनन्ददायक होगा।