2008 में शुरू की गई यह कामुक गृहणी सनसनीखेज थी। हर महीने करीब 6 करोड़ हिट्स इस वेबसाइट पर होने लगे।
इतनी सफलता क्यूं? क्या इसलिए की यह व्यंग चित्र कल्पना करने के लिए बहुत कुछ लोगों पर छोड़ देती हैं? या फिर इसकी कहानियां रसीले प्रतिबंधों की अवहेलना करती हैं?
पटकथा यह है कि सविता भाभी एक 29 वर्षीया गृहणी है जिसका पति इतना व्यस्तता के चलते सविता की यौन इच्छा पूर्ति नहीं कर पाता है। परिणामस्वरुप, वो अपनी यौन कल्पनाओं को विभिन्न श्रेणियों और पुरुषों के साथ साकार करती है।
पटकथा
"कल्पना की दृष्टि से, मेरे हिसाब से यह एक उत्तम सोच है", प्रशंसक मंजीत सिंह कहते हैं: "वो एक विचार है, सचमुच की इंसान नहीं।हालाँकि यह चित्रित वर्णन है, सब यह जानते है कि यह अधिकतम युवकों की कल्पना का वर्णन है। मैं मानता हूँ कि मेरे पास उत्तम कल्पना शक्ति है, और मैं इन व्यंगचित्रों के साथ अपने आपको जोड़ पाता हूँ।
मुंबई के मशहूर सेक्सोलोजिस्ट डॉक्टर महेंद्र वत्स मानते हैं कि कहानी का सहज प्रारूप इसकी सफलता का करणहै।"सिर्फ ऐसा नहीं है कि इस मैं लोग यौन क्रिया कर रहे हैं, बल्कि इसके पीछे एक कहानी है।और कहानी है एक ऐसी भारतीय गृहणी को जिसे यौन सुख की तलाश है, जो कि एक गुदगुदाने वाला विचार है। कथानक दृष्टि से यह सहज है और इसीलिए उत्तेजक है" उनका कहना है।
कल्पना
कहानियों की सहजता और चित्रात्मकता, सबकुछ स्पष्ट किये बिना कल्पना को अचानक उड़ान देती है।
"कामोत्तेजना से कल्पनाओं को उन्मुक्त उड़ान मिलती है। इसी बात का इस व्यंगचित्र के रचयिताओं ने लाभ उठाया है," डॉक्टर वत्स का कथन है।
वर्जित फल
भाभी शब्द का अर्थ है भाई की पत्नी। भाभी माँ समान होती है, यह एक आम कहावत है। मूल अर्थ यह है कि भाभी के लिए कामुक भाव वर्जित हैं। मतलब सविता एक वर्जित फल है।
"भाभी एक निषिद्ध क्षेत्र है" दुसरे प्रशंसक, 30 वर्षीय महेश छेड़ता का कहना है।"यह एक नैतिक लक्ष्मणरेखा है।यह अनाचार नहीं है, लेकिन भाभी के बारे में कामुक कल्पना एक अपवित्र विचार है।यह व्यंगचित्र लोगों में उस भाभी की आकृति को उपलब्ध करता है। यह निर्भीक है और रूढीबधता धरना के लिए एक चुनौती है।यह रोमांचक है और रोमांचक सम्भोग किसे पसंद नहीं?"
प्रतिबंधित
महेश कहते हैं कि सविता भाभी अक्सर स्वयं से निम्नवर्ग के पुरुषों के साथ हमबिस्तर होती है। वो एक पढ़ी लिखी संभ्रांत महिला है और मनोज, जो कि घर का नौकार है, के साथ सम्भोग करती है। यह वर्ग सीमा का उल्लंघन है। वास्तविक जीवन में ऐसा ज़रूर चौंका देने वाला होगा, लेकिन यहाँ यह उत्कृष्ट माना जाता है," उनका कहना है।
सविता भाभी को मिली लोकप्रियता के बाद देश के आई टी अधिनियम के तहत सविता भाभी पर भारत सरकार ने प्रतिबन्ध लगा दिया था। प्रशंसकों ने इन्टरनेट अश्लील वेबसाईटों पर सरकार की चयनात्मक सेंसर नीति का जमकर विरोध किया। यहां तक की उन्होंने एक 'सविता बचाओ' परियोजना भी बना डाली। लेकिन आखिरकार, संस्थापक पुनीद अग्रवाल ने वेबसाइट को बंद कर दिया।
अपील
कुछ महीनो बाद वेबसाइट किरतु.कॉम बैनर के तहत फिर से शुरू की गयी। इस बार यह एक पेड कामोत्तेजक साईट थी। इससे बहुत से प्रशंसक निराश हुए "जबसे यह पेड साईट बनी है तब से मैंने देखी नहीं है। यह बहुत अच्छी साईट थी लेकिन अश्लील सामग्री के लिए में पैसे नहीं खर्च करूँगा। इन्टरनेट पर बहुत कुछ मुफ्त उपलब्ध है, तो पैसे क्यूं खर्च करूं?" मंजीत पूछते हैं।
हालाँकि मंजीत ने दुसरे विकल्प चुन लिए हैं, वफादार अनुययों का झुण्ड वेबसाइट पर अभी भी लगातार बना हुआ है। और सविता भाभी भारतीय इन्टरनेट अश्लील उद्योग में एक शक्तिशाली कामुक छवि के रूप में स्थापित हो चुकी है।
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गायत्री परमेस्वरन एक बहु-पुरस्कार विजेता लेखक, निर्देशक और इमर्सिव मीडिया कार्यों की निर्माता हैं। वह भारत में पैदा हुई और पली-बढ़ी और वर्तमान में बर्लिन में रहती है, जहां उन्होंने NowHere Media की सह-स्थापना की - एक कहानी सुनाने वाला स्टूडियो जो समकालीन मुद्दों को एक महत्वपूर्ण लेंस के माध्यम से देखता है। उन्होंने अपने शुरुआती वर्षों में लव मैटर्स वेबसाइट का संपादन भी किया। उनके बारे में यहाँ और जानें।