मैं अपने इन्टरनेट के सेक्स साथी से कभी मिला नहीं हूँ और मिलना चाहता भी नहीं। लेकिन मुझे उसके साथ यह ऑनलाइन सेक्स सम्बन्ध बहुत अच्छा लगता है। क्या इसका मतलब है की मैं अपनी बीवी को धोखा दे रहा हूँ? संतोष, वाराणसी
आंटी जी कहती है...ओये संतोष पुत्तर, तुने क्या सवाल पुछा है। और वो भी ऐसा सवाल जिसका जवाब तुझे पता भी है। अगर मैं गलत कह रही हूँ तो बता मुझे। लेकिन मुझे लगता है की तू अपने आप को कसूरवार इसलिए मान रहा है क्यूंकि तुझे पता है की तू जो कर रहा है वो सही नहीं है। और अगर तुझे थोड़ा भी संदेह है तो आगे पढ़।
दो युवा
मेरे इसाई स्कूल में, मुझे यह सिखाया गया था की "अगर कोई भी किसी औरत को कामुकता से भरी नज़र से देखता है तो वो अपने दिल में व्यभिचार, मतलब 'अडल्टरी' कर चूका है।" लेकिन तब के ज़माने में और अब में बहुत फर्क आ गया है।
पुत्तर जी, बहुत सारे कारण है इसके, जिसमे से दो सबसे ज़रूरी है। पहले तू मेनू ये बता की तेरी बीवी को तेरे इस रोमांच के बारे में कितना पता है और वो इस पर कितना ध्यान देती है। देख, हम सब ना बच्चे तो हैं नहीं, सब बड़े हैं, और जब तक दो युवा एक रिश्ते की ज़िम्मेदारी किसी भी तरह की काम में अपनी मर्ज़ी से उठाते है तो उसे गलत या अनैतिक नहीं समझा जाना चाहिए। ओये, जब मिया बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी। है की नहीं?
विश्वासघाती
याद रखिये, पूरी बात खुलना, वो भी बेडरूम की सारी बातें खुलना, चाबी है एक सुखद रिश्ते की। तो अपनी सेक्स लाइफ के ये हिस्से छुपाना गलत नहीं है, लेकिन हाँ इसमें तेरी आंटी जी की हामी नहीं है।
अगर तुझे सच में मेरी सलाह चाहिए, तो पुत्तर, पोर्नोग्राफी देखना, वो भी बीवी को बताये बगैर, दगाबाजी तो नहीं है लकिन तेरी बीवी के लिए अपमानजनक है। देख कोई तो वजह है ना की तू यह चुपके चुपके करता है, अपनी बीवी को बिना बताये। धोखेबाज़ी तो नहीं लेकिन यह विश्वासघात तो है।
बहकाना
तो इन्टरनेट पर सेक्स करना अपने साथी के साथ धोखेबाज़ी करना तो है ही। और हाँ, यह कोई दलील नहीं की तेरी एक 'स्थायी' साइबर सेक्स साथी है। तू चाहे माने या ना माने की तुझे उस से भावनात्मक जुड़ाव नहीं है, लेकिन अपने आप को इस भ्रम में तो मत रख। आखिर जो ज़रूरत तेरी शादी शुदा रिश्ते में पूरी होनी चाहिए थी वो तू शादी के बाहर पूरी कर रहा है।
हाँ जी, मेरी नानी ने तो ये एलान कर दिया था की जिस शादी में किसी भी आदमी को अपने हाथ का इस्तेमाल करना पड़े, वो आदमी तो समझो डूब ही गया। और तेरी स्तिथि तो तेरे हाथों से बाहर निकल चुकी है। ह्म्म्म... समझ रहा है ना। तुझे तो लग रहा होगा की जो तू कर रहा है उसमे किसी का नुक्सान तो है नहीं क्यूंकि बुरा शायद किसी को भी नहीं लग रहा है।
लेकिन, एक बार के लिए, अपने आप को अपनी बीवी की सैन्डलो में रख कर देख। सोच वो तेरी तरह ही किसी के साथ इन्टरनेट पर रिश्ता रखती। और सोचकर देख की अगर उसके इस रिश्ते के बारे में तुझे पता चलता तो तुझे कैसा गुस्सा आता और तू कैसा बर्ताव करता उसके साथ। और अब जो तू कर रहा है न, उसके बारें में थोडा सोच।
सहमति-जन्य
मैं छद्म लज्जालु औरत हूँ, और मैं जानती हूँ की तुम्हारी पीढ़ी के लिए, पोर्न ना देखना असंभव है। और मैं इस चर्चा में नहीं पड़ना चाहती की पोर्न से बच पाना परुषों के लिए नामुमकिन है, या महिलाओं का पोर्न देखना बहुत ही ख़राब चीज़ है।
लेकिन कुछ बात है जो मेरे टाइम में भी सही थी और आज भी सही है। एक रिश्ते में, कुछ सीमायें होना ज़रूरी है। हाँ, अगर तू चार्ली शीन है तो बात अलग है। ओये, चार्ली शीन, वही अपने अंग्रेजी सीरियल 'तो एंड अ हाफ मेन' में जो आता है। और उसे भी तो उसकी बीवी छोड़ देती है।
तू समझ रहा है न की मैं क्या कह रही हूँ। कल्पना करना अच्छा है...बहुत अच्छा है। किसी भी रिश्ते को रोमांचक बना देता है लेकिन तभी जब दोनों की उसमे हामी हो।
बातचीत
और जी पुत्तर संतोष, एक आखिरी बात तेरे लिए। क्या पोर्न/ऑनलाइन सेक्स आपकी असल ज़िन्दगी के रिश्ते में दखल देता है? अगर हाँ और अगर वो लत बन गयी है, तो मेरे प्यारे पुत्तर, मामला गंभीर है और तुझे मदद की ज़रूरत है। या तो वाइफ चुन या वाई-फाई।
अब ये आसान बातचीत तो होगी नहीं। एक पूरी रोहाफ्ज़ा की बोतल भी स्तिथि को शांत ना कर पाए। बहुत से लोग पोर्न देखने को धोखेबाज़ी समझते है, लेकिन मुझे नहीं लगता की यह इतना सीधा और आसान है।अपनी शादी के बारे में थोड़ा लम्बा और आगे के बारे में सोच, आखिर क्या गड़बड़ है, और फिर अपनी बीवी से इस बारे में बात कर। और हाँ, अपने बर्ताव को कैसे सही कर सकता है, यह भी सोच।
फोटो: आंटी जी, thinqkreations
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