गिन्नी का यह विचार हिन्दू धर्म के विपरित है, संस्कृति, धर्म और संस्कार के अनुसार ऐसा भाव भी मन में लाना गलत है। इस तरह के अमर्यादित रिश्तों से जन्म लेने वाली संतानों में आनुवांशिक शारिरिक विकृतियां अवश्य ही होती हैं। ऐसा कर समाज में कोई अच्छा संदेश तो दिया नहीं जा सकेगा। अतः गिन्नी बेटी को यह विचार त्याग कर अपनी जिंदगी को नर्क होने से बचाना चाहिए।

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