क़ानून का नज़रिया
गर्भपात का निर्णय लेने से पहले यह जान लेना अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है कि क्या वैध है और क्या अवैध- क्यूंकि अलग-अलग देशों में गर्भपात से जुड़े नियमों और कानूनों में काफ़ी विविधता हैI
हो सकता है कि आपके देश में गर्भपात वैध है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप कभी भी गर्भपात करवा सकते हैं I विभिन्न देशों ने गर्भपात करवाने की सीमा भी अलग-अलग रूप से निर्धारित की हुई है I जहाँ कुछ देशों में आप 28 हफ़्ते गर्भवती रहने के बाद भी गर्भपात करवा सकते हैं, वहीं कुछ देशों ने यह सीमा 12 हफ़्तों पर निर्धारित की हुई है I कुछ देशों का कानून कुछ ऐसा है कि आप गर्भपात केवल कुछ ख़ास परिस्थितियों में ही करवा सकते हैं, उदाहरण के तौर पर अगर आप शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार हैं, आपका बलात्कार हुआ हो, आप अपने बच्चे की सही ढंग से परवरिश करने में अक्षम हों या फिर आपके भ्रूण में कुछ जटिलताएं उत्पन्न हों गयी हों I भारत उन कुछ देशों में से हैं जहाँ गर्भपात के अधिकार का कानून बहुत जल्दी बन गया था, 1971 में I इस कानून के अंतर्गत हर महिला को किसी भी सरकारी हस्पताल, क्लिनिक या सरकार द्वारा स्वीकृत स्थान पर सुरक्षित और वहन करने योग्य गर्भपात करवाने का अधिकार प्राप्त है I
- इससे उस महिला के शारीरिक और मानसिक हालत में सुधार होगा
- आर्थिक और समाजिक कारणों की वजह से
- अगर गर्भधारण की वजह गर्भनिरोध उपायों की विफलता है
- उस महिला की जान बचाने के लिए
- अगर भ्रूण में कोई जटिलता हो
- बलात्कार या कौटुम्बिक व्यभिचार हुआ हो तो
किसी भी हाल में गर्भपात, गर्भवती होने के 20 हफ़्तों के दौरान होना चाहिए, और अगर 12 हफ़्ते गुज़र चुके हैं और किसी भी प्रकार की कोई आपातकालीन स्थिति नहीं है तो यह ज़रूरी है कि आप दूसरे डॉक्टर से भी सलाह-मश्वरा कर लें I गर्भपात एक पंजीकृत डॉक्टर के द्वारा किसी सरकारी हस्पताल या स्वीकृत क्लिनिक में ही करवाना चाहिए I गर्भपात के लिए उस महिला की भी सहमति होनी चाहिए और अगर वो नाबालिग हो तो उसके माता-पिता से मंज़ूरी लेना अनिवार्य है I
आपके देश में गर्भपात करवाने से सम्बंधित क्या क़ानून हैं, उनके बारे में यहाँ जानकारी प्राप्त कर सकते हैंI
अगर आप भारत में हैं (जहाँ गर्भपात वैध है), तो इस बारे में जानकारी, सुझाव और एक सुरक्षित गर्भपात के लिए आप लव मैटर्स के भागीदार एफपीए से संपर्क कर सकते हैं I अगर आप गर्भवती हैं और गर्भवती नहीं रहना चाहतीं तो आप गर्भपात करवाने के बारे में सोच सकती हैं I
गर्भपात की प्रक्रिया में क्या होता है?
गर्भपात के दो तरीके हैं। ‘चिकित्सीय गर्भपात’ (मेडिकल अर्बाशन) और ‘शल्य गर्भपात’ (सर्जिकल अर्बाशन) कहते हैं। चिकित्सीय गर्भपात के लिए आप दवाएं खाती हैं, जबकि शल्य गर्भपात में आपरेशन किया जाता है।
भारत में हर साल 20 लाख से 60 लाख गैर-कानूनी गर्भपात होते हैंI इनमे से कई महिलाएं आधिकारिक रूप से गर्भपात करवा सकती हैं लेकिन फ़िर भी अवैध तरीकों का इस्तेमाल करने पर मजबूर हो जाती हैंI हो सकता है कि इन्हें अपने विकल्पों के बारे में पता ही नहीं हो और उनमे से कई शायद इस बात से भी अनभिज्ञ होती हैं कि गर्भपात करवाना गैर-कानूनी नहीं हैI ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली कुछ महिलाओं को तो प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा भी उपलब्ध नहीं होतीI जो महिलाएं गर्भपात की सेवाएं गोपनीय रखना चाहती हैं, शायद जानती हैं की सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह संभव नहीं हो पाताI
अगर आप अवैध रूप से गर्भपात करवा रहे हैं तो आपकी जान खतरे में पड़ सकती है: भारत में करीब 20% प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु का कारण असुरक्षित गर्भपात होता हैI
यह महत्त्वपूर्ण है कि आप वैध और सुरक्षित तरीके से गर्भपात करवाएंI सुरक्षित गर्भपात के दो तरीके हैं: मेडिकल और सर्जिकलI आप के लिए कौनसा सही रहेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी प्रेगनेंसी को कितना समय हो चूका है (आपके आख़री पीरियड के पहले दिन से गिनना शुरू करें)
गर्भपात के बाद भावनात्मक रूप से आप कैसा महसूस करती हैं?
गर्भपात के बाद आप कैसा महसूस करते हैं, यह आपके गर्भपात कराने की वजह पर निर्भर करता है।अधिकांश महिलाओं को उसके बाद किसी मनोवैज्ञानिक मदद की ज़रुरत नहीं पड़ती, बल्कि वो तो उसके बाद चैन की सांस लेती हैं। इसमें कोई शर्म की बात भी नहीं है क्यूंकि परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आपने सर्वश्रेष्ठ निर्णय लिया होगा, और आप यह करने वाली अकेली महिला नहीं हैं- विश्वभर में हर साल करोड़ों महिलाएं गर्भपात करवाती हैंI निस्संदेह कोई और यह नहीं बता सकता कि आप कैसा महसूस कर रही हैं। पश्चाताप, ग्लानि और दुःख के भाव आना सामान्य है, लेकिन यह भाव हमेशा नहीं रहेंगेI भारत जैसे देश में जहाँ गर्भपात को बुरी नज़र से देखा जाता है, इस से उबरना मुश्किल हो सकता हैI
इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने निर्णय के बारे में किसी ऐसे व्यक्ति से ज़रूर सलाह कर लें जिस पर आप को विश्वास हो। आप अपने निर्णय के बारे में जितने विश्वस्त होंगे, गर्भपात के बाद उतना ही बेहतर महसूस करेंगे। यह सुनिश्चित कर लें कि गर्भपात करवाने या ना करवाने का अंतिम निर्णय आपका ही हो। किसी और के दबाव में आकर कोई ऐसा निर्णय ना लें जिसके बारे में आप असहज महसूस करते होंI
गर्भपात के बाद आपके हारमोन उसी दशा में वापस आ जाते हैं जैसे वो गर्भवस्था से पहले थे और इसकी वजह से आप भावात्मक महसूस कर सकते हैं। अगर आपको ऐसा लग रहा हो तो किसी करीबी रिश्तेदार या दोस्त से बात करें जो आपको समझ सकता होI इससे आप बेहतर महसूस करेंगेI और बिलकुल चिंता ना करें, अगर आपका गर्भपात सुरक्षित तरीके से हुआ हो तो आपको दोबारा माँ बनने में कोई परेशानी नहीं होगीI
कुछ बेहद दुर्लभ मामलों में महिलाओं को बेहद उदासीनता (डिप्रेशन) के दौर से भी गुज़ारना पड़ता हैI यह एक गम्भीर अवस्था है और इसके लिए आपको एक परामर्शदाता की मदद लेने के बारे में ज़रूर सोचना चाहिएI