ब्रेकअप का सही समय

क्या आपको लगता है कि आप अपने रिश्ते को सलामत रखने का हर सम्भव प्रयास कर चुके हैं और असफल रहे हैं? क्या आप इस रिश्ते से थक चुके हैं? आपको रौशनी कि कोई किरण दिखायी नहीं देती? तो शायद इस रिश्ते को ख़त्म कर देने का समय आ चुका है।

अपने साथी से रिश्ता तोड़ देना कभी आसान नहीं होता, लेकिन कभी कभी ऐसा करना ज़रूरी हो जाता है। कई बार वेदना से भरे रिश्तों में सिर्फ इसलिए जीना क्यूंकि उन्हें तोडना मुश्किल होगा, गलत है।

सम्बन्ध विच्छेद का सही समय?

हालाँकि रिश्ता तोड़ने के सही वक़्त का निर्णय लेना आसान काम नहीं है क्यूंकि अलग अलग लोगों कि अलग अलग सहनशक्ति हो सकती है, निम्लिखित बिंदु शायद इस निर्णय में आपकी मदद कर सकते हैं:

●          जब आप किसी हिंसापूर्ण रिश्ते को झेल रहे हों। (हिंसापूर्ण रिश्तों कि लिंक)

●          यदि अपने अपने साथी के साथ या आपके साथी ने आपके साथ बेवफाई कि हो। (धोखेबाजी कि लिंक)

●          यदि आपको अपने साथी के साथ रहने में कोई दिलचस्पी न रही हो।

●          समय के साथ आपका रिश्ता अब वैसा सुखद नहीं लाहा जैसा कभी हुआ करता था, और आप के लिए ये झेलना मुश्किल हो रहा है।.

●          यदि आप दोनों के बीच निरंतर तनाव और झगडे होते हैं।(रिश्तों में अनबन कि लिंक)

●          आप महसूस करते हैं कि आप इस रिश्ते में अपनी सहजता और पहचान खो रहे हैं।

●          आपका अपने साथी से सामान्य संवाद करना असम्भव हो चुका है।

●          आपने और आपके साथी ने एक दुसरे से बातें छुपाना शुरू कर दिया है।

●          आप और आपके साथी को अक्सर एक दूसरे से किसी न किसी बात पर माफ़ी मांगनी पड़ रही है।

●          आपको एक दूसरे से 'आई लव यू' कहे काफी समय हो चुका है।

●          आपको आप्से साथी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाये काफी वक़्त हो चुका है।

●          आपके अंदर इस रिश्ते को आगे बढ़ने कि कि इच्छा और शक्ति कि कमी हो चली है। और सबसे ज़रूरी बात, ऒको लगता है कि इस रिश्ते में कहीं कुछ गलत है।

 

रिश्तों में अक्सर उतार चढाव देखने पड़ते हैं। कई बार हमें सब कुछ फिर से ठीक करने के लिए बहुत कोशिश करनी पड़ती है। लेकिन कई बार ये मुश्किलें और उनके कारण  आप के नियंत्रण से बाहर होते  हैं- जैसे कि आर्थिक परेशानी, नौकरी, ऑफिस कि समस्या, या परिवार में कलेश। हाँ, ये सम्भव है कि आप इन सब मुश्किलों को पार करके भी साथ रह पाएं।

लेकिन इसका अर्थ ये नहीं कि आप और आपका साथी सारी उम्र इन मुश्किलों क सामना करके एक दूसरे के साथ हर समय दुःख में रहे। कई बार, अलग हो जाना ही सही रास्ता होता है।