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रिश्तों के प्रकार

दुनिया में कई प्रकार के सम्बन्ध और उनसे जुडी अपेक्षाएं होती हैं। इसका कोई तय फार्मूला नहीं है। जिससे हमें ख़ुशी मिले हो सकता है किसी दूसरे को वही काम सही न लगे। तो अपने रिश्तों को इसी तरह मैनेज करें कि उनमे एक बैलेंस हो।

वचनबद्ध रिश्ता

वचनबद्ध या कमिटेड रिश्ते का पहला उसूल है रिश्ते के नियमो को स्वीकृति देना, अपनी इच्छा से। इसका अर्थ है वफादारी। कमिटमेंट सिर्फ सेक्स भर का नहीं होता। भावनाओ का भी कमिटमेंट होता है।

जीवन के हर परिवेश में एक दूसरे के लिए पूरा और अटूट विश्वास। कुछ लोगों के अनुसार यही रिश्ते गम्भीर होते हैं।

सम्भव है कि आप इस प्रकार के रिश्ते में तब हों जब आप अपने साथी के साथ काफी समय गुज़र चुके हों, एक ही घर में रहते हों या फिर आपकी उनसे शादी हो चुकी हो।

बहरहाल कमिटमेंट के स्तर को आंकने का सही उपाय है अपने साथी से इस सम्बन्ध में खुलकर चर्चा कि आप दोनों इस रिश्ते से क्या उम्मीदें रखते हैं।

बिना बंधन का रिश्ता

बिना बंधन का रिश्ता (ओपन रिलेशनशिप) का अर्थ है जिसमे आप और आपका साथी रिश्ते में होते हुए भी दुसरे किसी व्यक्ति के साथ शारीरक सम्बन्ध बनाने के लिए आज़ाद हैं। इसका अर्थ है अपने साथी से ईमानदारी रखते हुए दूसरे व्यक्तियों के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने को इस प्रकार के रिश्तेों में गलत नहीं समझा जाता।

इस तरह के रिश्ते कि कई वजह हो सकती हैं। कुछ लोग एक ही समय में एक से अधिक लोगों से प्यार करना चाहते हैं। कुछ को संजीदा रिश्ते के साथ कैसुअल सेक्स का रोमांच भी पसंद होता है। कुछ के लिए दूरी एक वजह बनती है, जबकि कुछ टूटे हेउ रिश्तों में ये देखा जाता है क्यूंकि उनके लिए परिवार या बच्चों कि ज़िम्मेदारी के कारण तलाक लेना या अलग हो जाना सम्भव नहीं होता।

बहुत से प्रेमी युगल ओपन रिलेशनशिप के सेट अप को सही मानते हैं। लेकिन कुछ के लिए ये मुश्किलें बढ़ा देता है। ये पहले पहल सुनने में एक रोमांचक आईडिया शायद ज़रूर लगे, लेकिन इंसानी तौर पर अक्सर ईर्ष्या कहीं न कहीं बीच में आ ही जाती है। और अंत में कड़वाहट कि वजह बन जाती है।

ऐसे रिश्तों में उतरने से पहले गहरा सोच विचार और खुल कर बातचीत करना बहुत ही आवश्यक है।

एक से अधिक रिश्ते

इसका अर्थ है अपने साथी कि जानकारी के साथ या उसके बिना एक से अधिक व्यक्तियों के साथ एक ही समय में रिश्ता होना। यह अफ्रीका के कुछ समुदायों में काफी प्रचलित है।

इस प्रकार के रिश्तों से जुडी एक समस्या ये है कि बिना कॉन्डम के एक से अधिक व्यक्ति के साथ सेक्स करने के कारण आप उन् सभी व्यक्तियों को यौन संक्रमण के खतरे में डाल देते हैं।

इस प्रकार के रिश्तों का अर्थ अक्सर अपने साथी को धोखा देने जैसा ही होता है।

यदि आपको ये पता चले कि आपके साथी ने आपके साथ धोखा किया है तो इससे आपको बहुत ही बड़ा आघात पहुँच सकता है। आपका भरोसा हमेशा के लिए टूट जाता है और हो सकता है कि आप रिश्ता भी ख़त्म कर दें।

यदि आपको अपने साथी के एक ही समय पर एक से अधिक लोगों के साथ रिश्ता रखने के बारे में पता चलें तो उन्स एखुलकर इस बारे में बात करके ही कोई निर्णय लें।

दूरी के रिश्ते

दूरी के रिश्ते वो होते हैं जब दोनों साथी अलग अलग शहरों या देशों में रह रहे हो इसका अर्थ है कि आप कभी कभी मिल पाएंगे एक दुसरे से। इसकी वजह कई हो सकती हैं जैसे कि आपके साथी को अलग शहर में नौकरी मिलना।

आज के युग में इस प्रकार के रिश्ते उतने मुश्किल नहीं रहे जैसे पहले होते थे और उसकी वजह है बातचीत के नए नए ज़रिये जैसे फ़ोन, मेसेज, वेब चाट, स्काइप इत्यादि। लेकिन फिर भी इस प्रकार के रिश्ते से पहले भी गहरा चिंतन और चर्चा आवश्यक हैं, क्यूंकि चैट बेशक हो जाये, लेकिन चुम्बन, हाथों में हाथ या सेक्स कि कमी कहीं आप दोनों के लिए मुश्किल न बन जाये। थोड़े समय के लिए टेस्ट करके देखना बुरा आईडिया नहीं है।

लिव- इन रिलेशनशिप (बिना शादी एक साथ रहना)

कुछ सभ्यताओं में विवाह के बिना भी साथ रहना सामान्य माना जाता है। जबकि कुछ दूसरी सभ्यताएं जैसे कि दक्षिण पच्श्चिमी एशिया के देशों में शादी किये बिना साथ में रहने को सामाजिक स्वीकृति नहीं है। इसके बावजूद आजकल बहुत से युवा इस परंपरा में विश्वास रखने लगे हैं। यूरोप और अमरीका में इस सन्दर्भ में व्यक्तिगत धार्मिक मान्यता का अनुकरण करने कि स्वीकृति है।

दो लोग बिना शादी करने का फैसला कई कारणो से ले सकते हैं। हो सकता है कि वप सिंगल ही रहना चाहते हैं, उनकी आर्थिक स्थिति शादी कि ज़िम्मेदारियों लेने के अनुरूप न हो, या हो सकता है कि वो समलैंगिक हों और समाज में इसकी स्वीकृति न होने के कारन उनके पास और कोई चारा न हो। बहुत से लोग शादी से पूर्व एक साथ रेह कर अपनी परस्पर अनुकूलता कि परीक्षा करना चाहते हैं।

लिव इन रिलेशन में भी गम्भीरता का सत लगभग शादी जितना ही माना जाता है। कुछ पश्चिमी देशो में लम्बे लिव इन रिलेशन को अलग हनी कि स्थिति में शादी के बाद हुए तलाक जैसी ही मान्यता दी गयी है।

विवाह सम्बन्ध

शादी दो लोगों के बीच का कानूनी बंधन है। यह दो लोगों के रिश्ते को सामाजिक स्वीकृति देने का माध्यम है। कुछ भारत जैसी सभ्यताओं में दो लोगों के साथ रहने के लिए ये एक आवश्यक सामाजिक कदम है।

शादी का फैसला दो लोगों द्वारा लिया जा सकता है या उनके परिवार और रिश्तेदारों का योगदान भी हो सकता है। जहाँ दो दो लोग एक दूसरे से प्यार करते हैं और फिर शादी करने का फैसला लेते हैं, उसे 'लव मैरिज' या प्रेम विवाह कहा जाता है। जब ये सारी तैयारी परिवार द्वारा कि गयी हो तो उसे  'अरेंज्ड मैरिज' कहा जाता है।

शादियां अक्सर बहुत धूम-धाम से कि जायी हैं और ख़ुशी का यादगार अवसर मानी जाती है। शादी कि तारिख हर वर्ष उसकी सालगिरह के तौर पर मनायी जाती है। शादी से सम्बंधित जानकारी आप "मैरिज रिसोर्सेज' अनुभाग में पाएंगे।