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जब कुछ गड़बड़ हो जाता है

यदि आप गर्भवती हैं, तो संभवतः एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देंगी। किंतु कुछ गड़बड़ी भी हो सकती है।

पांच में से लगभग एक गर्भधारण का गर्भस्राव (मिसकैरेज) हो जाता है। इसके आरंभिक लक्षण क्या हैं?

जब आपका गभ्रस्राव होता है तो क्या हो सकता है? ऐसा क्यों होता है? और आपको कैसा महसूस होता है?

रक्तस्राव (खून जाना)

जब आप गर्भवती हैं तो आपकी योनि से रक्तस्राव या आपकी चड्ढी पर खून के धब्बे आपको डरा सकते हैं। आप सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार हो सकती हैं, और मान सकती हैं कि आपका गर्भस्राव हुआ है। लेकिन अक्सर यह कोई डरने वाली बात नहीं होती।

गर्भावस्था के दौरान आपकी गर्भग्रीवा (सर्विक्स) की रक्त वाहिनियां कोमल हो सकती हैं और उनसे आसानी से रक्तस्राव हो सकता है, अतः आपकी चड्ढी में या चादर पर खून के धब्बे दिख सकते हैं। आप इसे नाक से खून निकलने जैसा मान सकती हैं! यह अक्सर सेक्स करने के बाद हो सकता है, क्योंकि सेक्स के दौरान लिंग गर्भग्रीवा से टकराता है। लेकिन इससे भ्रूण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।

हालांकि गर्भवास्था के दौरान हर तरह का रक्तस्राव बिना नुकसान वाला नहीं होता। यह गर्भस्राव की शुरुआत हो सकती है। रक्तस्राव अस्थानिक गर्भावस्था (एक्टोपिक प्रेग्नेन्सी) का भी लक्षण हो सकता है, जिसमें बच्चा गर्भाशय के बाहर बढ़ रहा होता है। अतः यदि गर्भावस्था के शुरु के दिनों में आपका रक्तस्राव होता है, तो संभवतः कोई परेशानी वाली बात नहीं है, फिर भी आपको डाक्टर के पास जाकर जांच करा लेनी चाहिए।

गर्भस्राव

तीन में से एक आरंभिक गर्भधारण, मासिक धर्म में देरी होने से पहले ही खत्म हो जाते हैं। निषेचित डिंब सामान्य मासिक धर्म की तरह ही रक्त के साथ बाहर निकल आता है। यदि ऐसा होता है, तो आपको पता भी नहीं चलेगा कि आप गर्भवती थीं। गर्भस्राव उसे कहते हैं जब गर्भपात पहले 16 सप्ताहों में हो जाता है। और सच यह है कि ऐसा पांच में से लगभग एक गर्भधारण में होता है।

दुःख

हो सकता है गर्भस्राव जीवन का एक हिस्सा हो, लेकिन इनको सह पाना इतना आसान नहीं होता। गर्भस्राव काफ़ी उदासी लाने वाला हो सकता है। गर्भावस्था में जितनी देरी से गर्भस्राव होता है उतना ही अधिक दुःख होता है। खासकर तब, जब आप गर्भवती होना चाहती थीं, तो आपके सपने टूट कर बिखर जाते हैं, और आपका भविश्य चकनाचूर हो जाता है।

जब लोग आपकी भावनाओं को नहीं समझते तब हालात और बिगड़ सकते है। लोग कुछ ऐसी बातें करने लगते हैं ‘शायद इसी में तुम्हारी भलाई थी’’ या यह कि ‘‘चिंता मत करो, तुम तो अभी जवान हो, बच्चे के लिए अभी भी पूरी उम्र बाकी है।’’ लेकिन लोग कुछ भी कहें, आपको अपने गर्भस्राव पर दुखी होना स्वाभाविक है।

कारण

आपको सुनने में बुरा लग सकता है, लेकिन गर्भस्राव का ‘कोई न कोई’ कारण जरूर होता है। अधिकांश मामलों में यह भ्रूण में किसी प्रकार की गड़बड़ी के कारण होता है। इसलिए आपको अपने को दोशी नहीं मानना चाहिए कि आपने कुछ गलत कर दिया है, जैसे कि भारी कसरत या ज़ोरदार सेक्स, जिससे गर्भस्राव हो गया। यह सच है कि कभी-कभार सेक्स करने के बाद भी गर्भस्राव शुरू हो सकता है, लेकिन असली कारण यह नहीं होता है। किसी भी हालत में गर्भस्राव होना ही था और सेक्स करने से यह शुरू हो गया।

होता क्या है?

शुरू में गर्भस्राव में रक्तस्राव होता है, और मासिक धर्म की तरह दर्द भरे मरोड़ उठते हैं। इस समय बहुत अधिक दर्द हो सकता है, क्योंकि यह एक छोटे प्रसव की तरह होता है। भ्रूण और गर्भनाल को बाहर निकालने के लिए गर्भग्रीवा (सर्विक्स) को खुलना पड़ता है, और आपको प्रसव-पीड़ा की तरह ही संकुचन (गर्भाशय का सिकुड़ना) होते है। और इसमें देरी लगती है। पेट या आपकी पीठ के नीचे की ओर गर्मपानी की बोतल रख कर सेंकने या गर्म पानी से नहाने से इस दर्द से राहत पहुंच सकती हैं।

आपको सामान्य मासिक धर्म से अधिक रक्तस्राव हो सकता है। लेकिन यदि रक्तस्राव लगातार, नल की धार की तरह हो रहा है, या बच्चे की थैली (अम्नीऑटिक सैक) के बाहर निकलने के बाद भी जारी रहता है, तो आपको चिकित्सीय सहायता लेनी चाहिए या डाक्टर के पास जाना चाहिए।

यदि गर्भस्राव के बाद भी दर्द बना रहता है, तो हो सकता है कि सब कुछ ठीक से बाहर न निकला हो। ऐसी हालत में भी आपको चिकित्सीय सहायता लेनी चाहिए। हो सकता है गर्भाशय में जो कुछ रह गया है उसे डी एंड सी (डायलेशन एंड क्योरटेज) विधि से निकाला जाए।