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क्या आपके साथ धोखा हुआ है?

धोखा देने का अर्थ है वफ़ा के उन् नियमों का उलंघन जो आप दोनों ने बनाये थे अपने रिश्ते के लिए। आमतौर पर इसका सम्बन्ध अपने रिश्ते के होते हुए किसी और के साथ सेक्स सम्बन्ध या प्रेम सम्बन्ध बनाने से है। यदि आप ऐसा कर रहे हैं तो ये बेवफाई या धोखेबाजी है।

धोखे का सम्बन्ध सिर्फ सेक्स से नहीं है। धोखा भावनात्मक स्तर पर भी हो सकता है। जब आप अपनी भवनत्मक अंतरंगता अपने साथी के अलावा किसी और से भी होने लगे तो वो भी धोखा ही है।

किसी भी प्रकार कि बेवफाई सामने आने पर दुःख और निराशा का कारण बन जाती है, और इसका परिणाम तलाक के साथ हो सकता है।

लोग धोखा क्यूँ देते हैं?

अपने साथी से बेवफाई करने कि कई वजह हो सकती हैं। आपके धोखा देने कि वजह प्यार का आभाव, सेक्स कि असंतुष्टि, या फिर अतीत में आपके साथी द्वारा कि गयी बेवफाई हो सकते हैं। यदि आपको उम्मीद जितना प्यार और इज़ज़त नहीं मिल रहा हो तो इसकी तलाश में अक्सर आप रिश्ते से बाहर करने लगते हैं।

अपने साथी से झूठ बोलकर आप कुछ समय तक बाहर रिश्ता चला सकते हैं लेकिन देर सवेर सच सामने आ जाना लगभग तय है। यदि आपको अपने इस गलत कदम का आभास हो गया है और आप पश्चताप करना चाहते हैं तो सही तरीका है अपने साथी को सच बता देना। आप चुप रह कर भी अपने रिश्ते को पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाने का निर्णय ले सकते हैं लेकिन अतीत में बेवफाई आपके मन कि हमेशा कचोटती ज़रूर रहेगी।

वहीँ दूसरी और यदि आप अपने बाहर के रिश्ते के चलते इस रिश्ते को खत्म करने का बन बना चुके हैं तो ऐसा करने के भी दो तरीके हैं, पहला ये कि आप अपने साथी को इस बारे में ईमानदारी से बता दें या दूसरा तरीका कि आप बिना कुछ बताये अपनी बेवफाई को छुपाकर दूसरें कारणों को बहाना बनाकर रिश्ता ख़त्म कर दें।

क्या आपका साथी आपके साथ धोखा कर रहा है?

यदि आप अपने साथी के साथ काफी समय से हैं और उन्हें अच्छी तरह जानते हैं तो उनके हावभाव से शायद आपको उनकी बेवफाई का अंदाज़ा लग ही जायेगा। आप महसूस करेंगे कि वो घर से बाहर ज़यादा वक़्त गुजरने लगे हैं, आप से और परिवार से दूर होते जा रहे हैं, फोन पर एकांत में बात करने लगे हैं और आपके साथ वक़्त गुजरने या कोई प्लान बनाने में कभी इच्छुक नहीं हैं तो शायद ये कुछ हो सकते हैं।

 

ये जानकार वाकई आपको आघात पहुँच सकता है कि आपके साथी ने आपसे बेवफाई कि है और आपके विश्वास को चूर-चूर कर दिया है। इसका परिणाम अक्सर रिश्ते के अंत और तलाक से साथ हो सकता है। आपको काफी समय तक सिर्फ यही विचार आयेंगे कि आखिर आप में ऐसी क्या कमी थी जिसके कारण ये सब हुआ। अपने आप को इसका इलज़ाम न दें और ठन्डे दिमाग से इस बारे में सोचें।

आप इस रिश्ते को ज़ारी रखना चाहेंगे या नहीं, ये कई मुद्दों पर निर्भर करेगा। क्या आपका साथी ऐसा करना चाहता है? क्या आप उन् पर फिर से भरोसा कर पाएंगे? क्या ये सब हनी का बाद आप दोनों फिर से सामान्य हो पाएंगे? इन सभी सवालों पर विचार करने के बाद ही आपको कोई फैसला लेना चाहिए।