amit kumar
Thu, 04/30/2015 - 17:02
पहली बार हम कोचीन गय थे उसके घर हि पढने जया करते थे वह हमारि तरफ बहुत हि गहराई से देख रही थि हम भि उसको देख रहे थे प्यार बढता गया हहम हमेसा पिछे बैठा करते थे वह अपने दरवाजा से देख कर बुद-बुदा कर हमे कुछ कहना चाहति थि यसा बात रोर होता था

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