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बिना कमिटमेंट वाला सेक्स- इतना बुरा भी नहीं है

द्वारा Harish P सितम्बर 18, 03:12 बजे
अमित से रिश्ता टूटने के बाद रिया की किसी गंभीर रिश्ते में दिलचस्पी नहीं बची थीI उसे लगा कुछ नया क्यों ना आजमाया जाये जैसे, अनौपचारिक सेक्स!

26 वर्षीय रिया मुंबई में रहती हैं और मार्केटिंग प्रोफेशनल हैंI

हर अच्छी चीज़ कभी ना कभी खत्म हो ही जाती है

अमित मेरे जीवन का पहला और एकमात्र बॉयफ्रेंड थाI हम दोनों 6 साल साथ थे और शायद यही वजह थी कि उस रिश्ते के टूटने के बाद मैं ठीक से आगे नहीं बढ़ पायी थीI मैं 18 साल की थी जब कॉलेज में उससे पहली बार मिली थीI एक दूसरे को पाकर हम बेहद खुश थेI हम दोनों को ही लगता था कि हमें जीवनसाथी मिल गया हैI तीन महीने बाद ही उसने अपने प्यार का इज़हार कर दिया था और मेरे मुंह से भी 'आई लव यू टू' निकलने में एक सेकंड से भी ज़्यादा समय नहीं लगा थाI

कॉलेज तक सब ठीक था लेकिन उसके बाद काम और बढ़ती ज़िम्मेदारियों ने हमारे रिश्ते को प्रभावित करना शुरू कर दियाI एक ही शहर में रहने के बावजूद, हम अक्सर एक-दूसरे को मिलने के लिए तरस जाते थेI फ़िर भी हम दोनों इस रिश्ते को आगे बढ़ाने के सर्वश्रेठ प्रयास करते रहेI संगीत और फोटोग्राफी में सामान रूचि और प्यार के बारे में एक से विचार होने के कारण हम दोनों को दूर रहना इतना नहीं खलता थाI हम दोनों ही खुशमिज़ाज़ व्यक्तित्व रखते थे लेकिन शायद धीरे-धीरे दूरियां बढ़ने लगी थीI हम दोनों के बीच लड़ाइयां होने लगी थी और एक समय ऐसा आया जब हमें एहसास हो गया कि शायद हम दोनों ही एक दूसरे के जीवन में अब वो ख़ास मुक़ाम नहीं रखते जो एक समय हुआ करता थाI खटास और आगे ना बढ़ें इसलिए हमने सोचा कि ख़ुशी-ख़ुशी इसे खत्म करना ही बेहतर होगाI

रिश्ता ख़त्म..और खुशियां भी

मुझे लगा था कि ब्रेकअप एक सही फैसला था और अपने दिमाग में मैंने उसके बाद की ज़िंदगी की आदत भी डाल ली थीI लेकिन असलियत हमेशा ज़्यादा कठिन होती हैI मुझे अंदाज़ा ही नहीं था कि रिश्ता टूटने के बाद मैं भी अंदर से टूट जाउंगीI लगभग चार महीने मेरी दिनचर्या कुछ ऐसी थी- उठो, काम पर जाओ, घर आओ, सो जाओ, फिर उठो, काम पर जाओ, घर आओ और सो जाओI छुट्टी वाले दिन भी मैं सारा दिन बंद कमरे में गुज़ार देती थीI मैं बेहद चिड़चिड़ी हो गयी थी जिससे मेरा काम और सहकर्मी दोनों ही प्रभावित हो रहे थेI मैं आज भी अपने प्यारे सहयोगियों के प्रति दिल से आभारी हूं जिन्होंने उस ख़राब स्थिति में मेरा भरपूर साथ दियाI

मेरी सबसे अच्छी दोस्त का कहना था कि मुझे एक काउंसलर से मिलना चाहिए, और मै मिली भीI ऐसा नहीं था कि उससे कुछ आश्चर्यजनक नतीजे आये थे लेकिन हाँ कुछ फायदा तो ज़रूर हुआ थाI मेरे दोस्तों ने मेरे लिए नए लड़के ढूंढने शुरू कर दिए थे और मुझे भी उनसे मिलने में कोई परेशानी नहीं थीI लेकिन फ़िर भी बात ज़्यादा आगे नहीं बढ़ पायी थीI शायद इसकी एक वजह यह थी मैं दोबारा किसी के साथ सौ प्रतिशत वचनबद्धत्ता करने में झिझक रही थीI

अकेले रहना..और नहीं भी

मुझे यह समझने में कई लड़के और बहुत सारा वक़्त लग गया कि शायद मैं किसी के साथ रिश्ते के लिए अभी तैयार ही नहीं हूँI मैं अभी-अभी एक 6 साल पुराने रिश्ते से बाहर निकली थी और शायद मेरे अंदर दोबारा एक और नए रिश्ते के लिए हिम्मत नहीं थी, कम से कम अभी तो नहींI मैं कुछ समय के लिए अकेली रहकर देखना चाहती थीI अमित के मेरी ज़िंदगी में आने से पहले भी मुझे यही लगता था कि मैं एक ऐसी लड़की हूँ जो अकेले रहने के लिए ही पैदा हुई हैI लेकिन अब शायद समीकरण बदल गए थे क्यूंकि मुझे पूरी तरह अकेले रहना भी रास नहीं आ रहा थाI कुछ तो था जो मुझे परेशान कर रहा था!

मेरे लिए निर्णायक घड़ी तब आयी जब मुझे एक दिन ऑफिस में यौन शिक्षा पर एक लेख पढ़ने को कहा गयाI उसी सन्दर्भ में मैंने कई लेखों को पढ़ा और बस फ़िर क्या था- मुझे अपनी समस्या का मूल मिल गया, जो था एक रात के रिश्तों और अल्पकालिक संबंधों से जुड़ा मेरा रूढ़िवादी दृष्टिकोण!

मुझे हमेशा से यही लगता था कि ना सिर्फ़ ऐसे रिश्ते अनैतिक हैं बल्कि शारीरिक रूप से जोखिम भरे भी हैंI मुझे लगता था कि ऐसे रिश्तों में आप दोनों एक दूसरे का इस्तेमाल एक वस्तु की तरह करते हैंI आप किसी से मिलते हैं जिसे आप ठीक से जानते भी नहीं हैं, थोड़े समय के लिए उनसे नकली प्यार भी जताते हैं और फ़िर उनसे दोबारा कभी नहीं मिलते! और फिर हर व्यक्ति को लेकर आपका रवैया ऐसा ही बन जाता हैI इसके अलावा आप मनमौजी किस्म के व्यक्ति भी बन जाते हैंI

शायद मैं गलत थी

लेकिन जब मैंने सेक्स सम्बंधित मनोवृत्ति और इससे विज्ञान के बारे में और पढ़ना शुरू किया तो धीरे-धीरे मेरा रवैया बदलने लगा। मुझे यह महसूस हो चुका था कि शायद मैं मानसिक रूप से एक गंभीर रिश्ते के लिए तैयार नहीं थी लेकिन मेरे शरीर की भी अपनी कुछ ज़रूरतें और भावनाएं थी जिनका भी मुझे ख्याल रखना चाहिए थाI जब आप किसी को दिलों दिमाग से चाहते हैं तो आप चाहते हैं कि आप उनके साथ एक दीर्घकालिक रिश्ते में होंI लेकिन शारीरिक अंतरंगता का गंभीर रिश्ते या रिश्तों से कोई सम्बन्ध नहीं हैI अब एक सर्द रात में किसी के कंधे पर सर रखना और रजाई में लिपटकर सोना किसको अच्छा नहीं लगता- हम सभी चाहते हैं कि ऐसे समय में कोई ना कोई हमारे साथ होI

तो, मैंने टिंडर पर वापस अपना अकाउंट बनाया और लोगों से मिलना शुरू कर दियाI मुझे कभी भी सेक्स की या शारीरिक सम्बन्ध बनाने की जल्दी नहीं थीI इसलिए मैं हर व्यक्ति को जानने में पूरा समय लेती और उससे तभी मिलती जब तक इस नए रिश्ते की सीमाएं ना स्थापित हो जातीI कमाल की बात यह थी कि यह सब अविश्वसनीय तरीके से आसान निकलाI आज मेरे ब्रेकअप के दो साल बाद मैं कहीं ज़्यादा खुश और स्वस्थ हूँI मेरा मूड हमेशा अच्छा रहता है, मैं अच्छे से सोती हूँ, मुझे भूख भी लगती है और मैं अपने काम में भी बेहद निपुण हो गयी हूँ!

अनौपचारिक सेक्स की बात करूँ तो मेरे लिए तो इसका अनुभव बेहद शानदार रहा हैI ख़ुशी है कि मैंने इस बारे में गंभीरता से सोचा क्यूंकि शायद एक गंभीर रिश्ते के लिए तो मैं अभी भी तैयार नहीं हूँI

लेखक की गोपनीयता बनाये रखने के लिए तस्वीर में एक मॉडल का इस्तेमाल किया गया हैI

अनौपचारिक सेक्स के बारे में आप क्या सोचते हैं? क्या यह सही है? अपने विचार हमें नीचे लिखकर या फेसबुक के ज़रिये बताएंI अगर आपके मन में कोई सवाल हों तो हमारे चर्चा मंच का हिस्सा बन उसे पूछेंI

लेखक के बारे में: मुंबई के हरीश पेडाप्रोलू एक लेखक और अकादमिक है। वह पिछले 6 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। वह शोध करने के साथ साथ, विगत 5 वर्षों से विश्वविद्यालय स्तर पर दर्शनशास्त्र भी पढ़ा रहे हैं। उनसे लिंक्डइन, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर संपर्क किया जा सकता है।

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