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इर्ष्या: पांच बडे तथ्य

इर्ष्या - वो अजीब सा एहसास जो आपको तब महसूस होता है जब आप अपने साथी को किसी और के साथ फ्लर्ट करते देखते हैं। या शायद जब आप अपने साथी को उसके 'एक्स' - पुराने साथी के साथ देर रात फ़ोन पर बात करते पाते हैं।

शायद आपको लगता है की आपका साथी आपके साथी धोखेबाज़ी कर रहा है। या शायद आप आप उन इर्ष्या करने वालों में से हैं. कई बार इर्ष्या किसी भी अच्छे खासे रिश्ते को बर्बाद भी कर सकता है।

तो पढ़िए आखिर क्या नार्मल है और क्या नहीं, हमारी पांच बड़े तथ्य श्रंखला के इस भाग में।

इर्ष्या क्या है?

इर्ष्या केवल कुधना भी हो सकता है - वो एहसास जब आपको बुरी तरह से वही चहिये होता है जो किसी और के पास है। शायद किसी के कपडे, किसी की कार, या फिर घर।

यह इर्ष्या किसी बेहद करीब इंसान को खोने का डर भी हो सकता है - बहुत गुस्से वाला एहसास - कुछ पाने की तीव्र इच्छा। अस्वीकृति का एहसास। जैसे की शायद एक बच्चे को लगता है जब उसके माँ या बाप कोई नया साथी ढूंढ लेते है। या वो गुस्सा जो आप महसूस करते हैं जब आपका पुराना साथी कोई नया साथी ढूंढ लेता है।

हर इंसान कभी न कभी इर्ष्या ज़रूर महसूस करता है, और थोड़ी बहुत इर्ष्या तो नार्मल भी है। कभी ना कभी असुरक्षा का एहसास होता ही है अपने साथी को लेकर. लेकिन मुश्किल तब बढ़ जाती है जब यह इर्ष्या आपके रिश्ते के बीच आने लगती है और फिर आप अपने साथी पर विश्वास करना छोड़ देते हैं।

इर्ष्या के सात कारण:

एक रिसर्च के अनुसार, सात प्रमुख कारण हैं इर्ष्या के:

• एक: लिस्ट में सबसे ऊपर है - आपके साथी का/की 'एक्स' - इस टॉपिक पर हम विस्तार में जानकारी देंगे आगे। 
• दो: आपको डर है की कहीं आपका साथी आपको छोड़कर किसी और के पास तो नहीं चला जायेगा/जाएगी।
• तीन: आपके साथी को धोखा देने की आदत सी है और आपको डर की वो आपको भी धोखा देगा/देगी।
• चार: आपके साथी के ऐसे दोस्त या परिवार के लोग हैं जो आपको लगता है उनकी आदतें बिगाड़ेंगे और धोखा देने पर मजबूर कर देंगे. इस से आपके और आपके साथी के बीच तनाव तो होगा ही।
• पांच: यह थोडा पेचीदा है: आप असुरक्षित महसूस करते हैं जब आपको यह नहीं पता होता की आपके साथी के मन में क्या चल रहा है. तनाव तो बढ़ेगा ही, तो ज़रूरी है की अपनी मन की बात एक दुसरे से खुल कर करें। 
• छटा: आपका साथी छोटी छोटी बातों पर झूठ बोलता है/बोलती है. तो आपको शक होता है की यह बाकि बड़ी चीज़ों के बारे में झूठ क्यूँ नहीं बोल सकता/सकती?
• सातवा: आपका साथी ऐसा ही कुछ करता/करती हैं जिस से आपको उन पर विश्वास करना मुश्किल लगता है. आखिर विश्वास ही तो एक अच्छे रिश्ते की पहचान है।

बहुत दुखदाई 'एक्स':

एक ज़रूरी कारण इर्ष्या का: आपके साथी का 'एक्स'. यह बहुत ही स्वाभाविक है, आपको नहीं लगता? आखिर वो 'एक्स' भी आपके साथी को उतना ही अच्छे से जनता/जानती है जितना की आप। और आखिर आपके साथी का उसके साथ इतिहास रहा है। 'एक्स' से इर्ष्या महसूस होना जायज़ है, वो भी तब जबी आपके साथी की दोस्ती अभी भी 'एक्स' के साथ कायम हो।

शायद यह मुश्किल है, लेकिन आप यही कर सकते हैं: अपनी भावनाओं को घोट लें और अपने चेहरे पर मुस्कान बनाये रखें। क्यूंकि अपनी साथी से नाराज़ होना वो भी हर बार जब उनके 'एक्स' की बात हो, आप दोनों के बीच दूरियां बढ़ा सकता है। लेकिन शायद आपको अपने साथी को बताना चाहिए की आप कैसा महसूस कर रहे हैं - बिना झगड़ा किये। और याद रखिये: उनका ब्रेक-अप किसी कारण से ही हुआ था, और अगर आपके साथी के मन में अभी भी अपने पुराने साथी के लिए भावनाए होती तो वो आपके साथ नहीं होता/होती।

इर्ष्या और साथ में खाना

इस इर्ष्या के पीछे बहुत सारे कारण और भी हैं। ऐसा लगता है की अपने 'एक्स' के साथ लंच या डिन्नर खाना, एक फोन की बातचीत से ज़्यादा इर्ष्या की भावना पैदा कर सकता है। ऐसा शोधकर्ताओं का मानना है।

अपने 'एक्स' को ईमेल करना, शोधकर्ताओं के हिसाब से सबसे कम इर्ष्या पैदा करता है। फोन पर बातचीत और कोफी पीने के लिए मिलना आपके साथी को ज़्यादा इर्ष्या महसूस करा सकती है।

वैसे, लड़के ज़्यादा ईर्ष्यालु होते हैं या लड़कियां? शायद इसमें कोई फर्क नहीं - अमेरिकी कॉलेज छात्राओं की बात करें तो। एक शोध के अनुसार वह पर इर्ष्य को लेकर लड़के और लड़कियों में कोई फर्क नहीं नज़र आया।

विश्वास

बेकार का शक आपके रिश्ते को तेहस नहस कर सकता है. और यह तो आप बिलकुल नहीं चाहेंगे. लेकिन आप कुछ कर सकते है इससे बचने के लिए।

सबसे पहले, खुल कर अपने साथी से बात करिए. उनपर विश्वास करिए और अपनी भावनाए उन्हें समझिए. बोलिए की आप दोनों मिलकर इस से बहार निकलेंगे। ऐसा रास्ता ढूंढ़इये जो आप दोनों के लिए सही हो।

दूसरा, ज़रा सोचिये की आप इर्ष्या क्यूँ कर रहे हैं? क्या आपके साथी ने आपको इर्ष्या महसूस करने का कोई कारण दिया है? इसकी जड़ तक पहुचने की कोशिश करिए - शायद आप दोनों को मदद मिले।

आखिर में, एक बार फिर, ये जानने की कोशिश करिए की आपके रिश्ते की बुनियाद ही विश्वास है। आपको ये समझना पड़ेगा की आपका साथी आपसे बहुत प्यार करता है और इसलिए आपके साथ है। अगर आप उन पर विश्वास नहीं कर सकते, तो आप अपने रिश्ते के बारे में संजीदगी से सोचे।

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